Sunday, November 24"खबर जो असर करे"

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देश में घरेलू जरूरतों के लिए खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार: केंद्र

देश में घरेलू जरूरतों के लिए खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार: केंद्र

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। त्योहारी सीजन (festive season) में खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों (rising food prices) के बीच केंद्र सरकार (Central government) ने कहा कि घरेलू जरूरतों के लिए देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। गेहूं, आटा और चावल की कीमतें नियंत्रण में हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि देश में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार मौजूद है। गेहूं, आटा और चावल की कीमतें भी नियंत्रण में हैं। गेहूं और चावल की खुदरा एवं थोक कीमतों में कमी दर्ज की गई है। पिछले सप्ताह के दौरान आटे की कीमतें स्थिर रहीं है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने इन खाद्य पदार्थों की कीमतों में और वृद्धि से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने गेहूं और चावल के निर्यात पर नए नियम लागू करने के अलावा प्रतिबंध भी लागू किए हैं, ताकि कीमतों पर तत्काल नियंत्रण पाया जा सक...
मैली गंगा, देश चंगा!

मैली गंगा, देश चंगा!

अवर्गीकृत
- मुकुंद पतित-पावन गंगा नदी तमाम सरकारी और गैरसरकारी प्रयासों के बावजूद मैली की मैली है। केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों को गंगा की लहरों पर कचरा बहाने वाले नाकाम कर रहे हैं। गंगा हिमालय में गंगोत्री से निकल कर वाराणसी होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसके तट पर हजारों शहर और गांव बसे हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) गंगा की दशा पर लगातार आंसू बहा रहा है। एनजीटी ने 13 जुलाई, 2017 को गंगा की सफाई पर दिए अपने फैसले में गंभीर टिप्पणी की थी। एनजीटी ने कहा था कि सरकार ने गंगा को शुद्ध करने के लिए पिछले दो साल में 7,000 करोड़ रुपये खर्च किए। लेकिन गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में रत्तीभर सुधार नहीं दिखा। एनजीटी ने फैसले में कहा था-'आगे अब और इंतजार करने की कोई गुंजाइश नहीं बची है।' मार्च 2017 तक 7304.64 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद केंद्र, राज्य सरकारें और उत्तर प्रदेश राज्य के स्थानीय...
मध्यप्रदेश बना देश का सबसे स्वच्छ राज्य, इंदौर छठवीं बार देश का स्वच्छतम शहर

मध्यप्रदेश बना देश का सबसे स्वच्छ राज्य, इंदौर छठवीं बार देश का स्वच्छतम शहर

देश, मध्य प्रदेश
- स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में मध्य प्रदेश को मिले 16 राष्ट्रीय अवार्ड - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित भोपाल। भारत सरकार (Indian government) द्वारा करवाये गये स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 (Swachh Survekshan-2022) में हर साल की तरह मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) ने एक बार फिर स्वच्छता के कीर्तिमान स्थापित (once again set the record of cleanliness) किये। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित गरिमामय समारोह में मध्यप्रदेश को 100 से अधिक शहरों वाले राज्यों की श्रेणी में सबसे स्वच्छ राज्य और इंदौर को देश के स्वच्छतम शहर का अवार्ड प्रदान किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस उपलब्धि पर मध्यप्रदेश को बधाई दी। उन्होंने इंदौर को छठवीं बार स्वच्छतम शहर का अवार्ड मिलने पर कहा कि इंदौर शहर के जन-भागीदारी के प्रयासों को सभी को अपनाना चाहिए। सबसे स्वच्छ शहर ...

देश की सामर्थ्य के लिए चाहिए भाषाओं का पोषण

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- गिरीश्वर मिश्र भाषा मनुष्य जीवन की अनिवार्यता है और वह न केवल सत्य को प्रस्तुत करती है बल्कि उसे रचती भी है। वह इतनी सघनता के साथ जीवन में घुलमिल गई है कि हमारा देखना-सुनना, समझना और विभिन्न कार्यों में प्रवृत्त होना यानी जीवन का बरतना उसी की बदौलत होता है। जल और वायु की तरह आधारभूत यह मानवीय रचना सामर्थ्य और संभावना में अद्भुत है। भारत एक भाग्यशाली देश है जहां संस्कृत, तमिल, मराठी, हिंदी, गुजराती, मलयालम, पंजाबी आदि जैसी अनेक भाषाएँ कई सदियों से भारतीय संस्कृति, परंपरा और जीवन संघर्षों को आत्मसात करते हुये अपनी भाषिक यात्रा में निरंतर आगे बढ़ रही हैं। भाषाओं की विविधता देश की अनोखी और अकूत संपदा है जिसकी शक्ति कदाचित तरह-तरह के कोलाहल में उपेक्षित ही रहती है। इन सबके बीच व्यापक क्षेत्र में संवाद की भूमिका निभाने वाली हिंदी का जन्म एक लोक-भाषा के रूप में हुआ था। वह असंदिग्ध रूप से एक सम...

अंग्रेजी के बढ़ते प्रभुत्व से संकट में देश का भविष्य..!

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- कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष ‘ बहुभाषावाद प्रस्ताव’ को पारित करते हुए हिन्दी समेत अन्य भारतीय भाषाओं उर्दू एवं बांग्ला को सहकारी भाषा के रुप में दर्ज कर लिया है। भारत सरकार विश्व स्तर पर यूएन की अन्य छ: आधिकारिक भाषाओं के साथ हिन्दी को भी यूएन की आधिकारिक ( सरकारी) भाषा के रुप में शामिल करने के लिए प्रयासरत दिखती है। लेकिन भारत की राष्ट्रभाषा के तौर पर हिन्दी को स्थापित करने के लिए संसद में प्रस्ताव पारित करने को लेकर इच्छाशक्ति नहीं दिखलाती है। सरकार को प्रायः भाषायी विवादों से डर लगा रहता है। यदि इस पर तत्परता नहीं दिखलाई जाएगी, और हिन्दी के स्थान पर अंग्रेजी के प्रभुत्व को लगातार बढ़ाया जाता रहेगा‌। तो क्या भविष्य में राष्ट्रभाषा के रुप में हिन्दी को स्थापित किया जाना संभव हो सकेगा? और राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी की संस्थापना का संविधान ंं निर्माताओं का ...

फिच ने देश के आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर 7 फीसदी किया

देश, बिज़नेस
-वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का जताया अनुमान नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के मोर्चे (economy front) पर झटका देने वाली खबर है। फिच की रेटिंग्स (Fitch's ratings) ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY 2022-23) के लिए देश की आर्थिक विकास दर (country's economic growth rate) के पूर्वानुमान को घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। इससे पहले एजेंसी ने जून में 7.8 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान जताया था। रेटिंग्स एजेंसी फिच ने गुरुवार को जारी अनुमान में कहा कि ऊंची महंगाई दर की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7 फीसदी रहेगा। फिच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि जून में लगाए गए 7.8 फीसदी की वृद्धि दर की तुलना में अब वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भी भारत की आर्थ...

देश का निर्यात अगस्त में 1.62 फीसदी बढ़कर 33.92 अरब डॉलर पर

देश, बिज़नेस
-अगस्त में आयात 37.28 फीसदी बढ़कर 61.9 अरब डॉलर पर पहुंचा -इस दौरान व्यापार घाटा दोगुना से ज्यादा बढ़कर 27.98 अरब डॉलर नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था (Economy) के लिए अच्छी खबर है। देश का निर्यात (Country's exports) अगस्त महीने (August month) में 1.62 फीसदी (1.62 percent up) बढ़कर 33.92 अरब डॉलर ($33.92 billion) हो गया है। इस दौरान व्यापार घाटा (trade deficit) दोगुना से ज्यादा बढ़कर 27.98 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में गिरावट के बाद अगस्त में निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। देश का निर्यात अगस्त महीने में 1.62 फीसदी बढ़कर 33.92 अरब डॉलर हो गया है। इस दौरान भी आयात 37.28 फीसदी बढ़कर 61.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। व्यापार घाटा दोगुना से ज्यादा बढ़कर 27.98 अरब डॉलर हो गया है जबकि अगस्त 2021 में व्यापार घाटा 11.71 अरब डॉलर रहा...

अभियंता दिवस विशेष: इंजीनियर देश के विकास की धुरी

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- योगेश कुमार गोयल इंजीनियरिंग अब विस्तृत क्षेत्र है। देशभर के महत्वपूर्ण विषयों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कराई जाती है। भारत में प्रतिवर्ष 15 सितंबर को अभियंता दिवस मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य देश के विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित करना है। भारत आज इंजीनियरिंग तथा आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है। सही मायनों में देश के विकास के धुरी इंजीनियर हैं। दरअसल आपदा प्रबंधन से लेकर निर्माण तक कोई भी कार्य इंजीनियरों के बिना सम्पन्न नहीं हो सकता। आजादी के बाद प्रतिभावान इंजीनियरों ने नए भारत के निर्माण तथा विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इंजीनियरिंग के बारे में अमेरिका के जाने-माने इंजीनियर हेनरी पेट्रोस्की ने कहा था कि विज्ञान का अर्थ है जानना जबकि इंजीनियरिंग का अर्थ है करना अथवा करके दिखाना। भारत के महान अभियंता और भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ...

देश की धड़कन हिंदी

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- रमेश सर्राफ धमोरा दुनिया में भारत सबसे ज्यादा विविध संस्कृतियों वाला देश है। धर्म, परंपराओं और भाषा में इसकी विविधता के बावजूद यहां के लोग एकता में विश्वास रखते हैं। भारत में विभिन्न बोलियां बोली जाती हैं। लेकिन सबसे ज्यादा हिंदीबोली, लिखी व पढ़ी जाती है। इसीलिए हिंदी भारत की सबसे प्रमुख भाषा है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया था कि हिंदी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद 1953 से देश में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। हिंदी के ज्यादातर शब्द संस्कृत, अरबी और फारसी भाषा से लिए गए हैं। यह मुख्य रूप से आर्यों और पारसियों की देन है। इस कारण हिंदी अपने आप में एक समर्थ भाषा है। अंग्रेजी में मात्र 10 हजार मूल शब्द हैं। इसके मुकाबले हिंदी के मूल शब्दों की संख्या 2 लाख 50 हजार से भी अधिक है। हिंदी विश्व की एक प्राचीन,स...