यूसीसी की दरकार, बहस का हो प्रतिकार
- कमलेश पांडेय
जिस देश के उच्च सदन यानी राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने या करवाने के सवाल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक हो, वहां पर लोकतंत्र के भविष्य पर निश्चित रूप से कुछ भी कहना बेमानी होगी। यदि सभी देशवासियों के वोट की कीमत एक समान है तो फिर अन्य कानूनी समानताएं क्यों नहीं लागू की जा सकती हैं। आप सहमत हों या नहीं हों, लेकिन देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए नेशनल इंस्पेक्शन ऐंड इन्वेस्टिगेशन कमीशन बनाया जाना बदलते वक्त की मांग है और सरकार को इस पर गम्भीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।
आपने देखा-सुना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह विषय लाया गया है कि मुस्लिम लड़कियों के लिए विवाह की उम्र अलग क्यों हो? क्या इससे अन्य कानून प्रभावित नहीं होंगे? वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह आदिवासी महिलाओं को सम्पत्ति से महरूम रखने वाले हिन्द...