केंद्र की अच्छी पहल है भ्रष्टाचार मुक्त भारत
- सुरेश हिन्दुस्थानी
देश को अच्छा वातावरण देने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रणाली की चाह हर किसी को है, क्योंकि भारत में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरे तक घर कर चुकी हैं। यह भी एक बड़ा सच है कि जो भ्रष्टाचार का शिकार होता है, वह अनीति के मार्ग पर कदम बढ़ाने का दुस्साहसिक कार्य ही करता है। सैद्धांतिक तथ्य यह है कि जितना भ्रष्टाचार करने वाला दोषी है, उतना ही भ्रष्टाचार का शिकार होने वाला भी दोषी है, इसलिए दोनों का ही जीवन कुसंस्कार की बलि चढ़ जाता है। कहा जाता है कि जो परिश्रम करके खाता है, उसके जीवन में संतोष होता है, लेकिन जो भ्रष्टाचार करके खाता है, उसको कई लोगों के हृदय से उफनती हुई गालियों को झेलना होता है यानी उसको बद्दुआ ही मिलती है।
कांग्रेस के शासनकाल में जिस प्रकार से भ्रष्टाचार के काले कारनामे उजागर हुए, उससे तो ऐसा ही लगता था कि अब देश से भ्रष्टाचार रूपी बुराई का अंत नहीं हो स...