Monday, November 25"खबर जो असर करे"

Tag: controversial

समलैंगिक विवाह और भारतीय मान्यता

समलैंगिक विवाह और भारतीय मान्यता

अवर्गीकृत
- डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी समलैंगिकता का मुद्दा सदियों से भारत में विवादास्पद रहा है। समाज ने पारंपरिक रूप से विषम लैंगिकता को सामाजिक निर्माण के रूप में बरकरार रखा है। समाज ने इसके किसी भी विचलन को अस्वीकार्य माना है। इस संबंध में उभरी सबसे हालिया बहसों में से एक यह है कि क्या भारत में समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। संस्कृति प्रधान देश में समलैंगिक विवाह को सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं के दृष्टिकोण से अभिशाप या सामाजिक विकृति के रूप में माना जाता है। यह मामला इस समय उच्चतम न्यायालय में गूंज रहा है। सांस्कृतिक दृष्टिकोणः भारतीय संस्कृति में धार्मिक, आध्यात्मिक और नैतिक मान्यताएं गहराई से निहित हैं। हमारे यहां विवाह संस्था को पवित्र माना जाता है। इसे एक पुरुष और एक महिला के बीच पवित्र बंधन के रूप में देखा जाता है। जो भी इस मानदंड से विचलित होता है उसे अप्राकृत...