संवैधानिक मूल्यों को समृद्ध करेगा नया संसद भवन
- प्रो. संजय द्विवेदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे। भारत में संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। लोकतंत्र में संसद का वही स्थान है, जो भारतीय संस्कृति में भगवान का है। हमारे संविधान निर्माताओं ने इसलिए कहा भी था कि लोकतंत्र में प्रत्येक विचार का केंद्र बिंदु संसद ही है और राष्ट्र निर्माण में उसकी अहम भूमिका है। लोकसभा तथा राज्यसभा, दोनों सदनों ने 5 अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। चारमंजिला संसद भवन में 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550, जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की...