Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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जनादेश का सम्मान

जनादेश का सम्मान

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री इस बार चुनाव के दौरान संविधान से संबंधित मुद्दे चर्चा में रहे। चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता पक्ष पर संविधान बदलने का आरोप लगाया गया लेकिन यह मुद्दा कौआ कान ले गया कहावत को चरितार्थ करने वाला था। जिस सरकार ने दस वर्षों तक संविधान बदलने का कोई प्रयास नहीं किया, उस पर संविधान बदलने का आरोप निराधार था। भारत में संविधान बदलना संभव भी नहीं है। इतना अवश्य है कि सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाया। यह संविधान का अस्थाई उपबंध था। इसको हटाना संविधान सम्मत था। इसके आलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़ित लोगों के लिए नागरिकता कानून में संशोधन किया। यह मानवीय निर्णय था। इससे बड़ी संख्या में हिंदू, सिख और जैन परिवारों को उत्पीड़न से मुक्ति मिली। सरकार ने संविधान दिवस मनाने का निर्णय किया था। यह संविधान और संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान था। डॉ. आंब...
लोकतंत्र में अपनी बात कहने के कई रास्ते, संविधान के आधार स्तम्भ को तो मत हिलाओ!

लोकतंत्र में अपनी बात कहने के कई रास्ते, संविधान के आधार स्तम्भ को तो मत हिलाओ!

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी संसद को लोकतंत्र के मंदिर के रूप में देखा जाता है। भारतीय संसद न सिर्फ कानून बनाती है, बल्कि देश कैसे चलेगा, भारत के लोक का भविष्य क्या होना चाहिए, उसके लिए कौन से निर्णय लेने के साथ समाज की व्यवस्थाओं से लेकर लोक कल्याणकारी राज्य शासन के लिए जो भी कुछ श्रेष्ठ किया जा सकता है या किया जाना चाहिए वह सभी निर्णय लेने और उसके लिए कोष उपलब्ध कराने का काम यही संसद करती है। ऐसे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने का जो मामला हुआ है, उसने आज बहुत कुछ सोचने में मजबूर कर दिया है। क्या हम ऐसा करके अपनी ही संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा तार-तार नहीं कर रहे? अभी यही काम संविधान की एक अन्य स्तम्भ कही जानेवाली न्यायपालिका के प्रमुख को लेकर किया जाता तो क्या होता? आप विचार करिए। इस मामले में स्थिति की गंभीरता समझिए कि देश की 'राष्ट्रपति' तक को कहना पड़ रहा है कि जो...
अस्तित्व का संविधान है योग

अस्तित्व का संविधान है योग

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- हृदयनारायण दीक्षित योग भारत का प्राचीन विज्ञान है। दर्शन भी है। इसकी स्वीकृति अंतरराष्ट्रीय है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। इस महापर्व की तैयारियां उल्लासधर्मा हैं। भारत के सभी क्षेत्रों राज्यों में योग दिवस के आयोजन होने जा रहे हैं। भारत के योग विज्ञान को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को है। मोदी के प्रयास से 177 देशों ने योग की पक्षधरता की। भारतीय राष्ट्र जीवन में योग यत्र-तत्र सर्वत्र है। बिना प्रयास किसी का मिलना जुड़ना संयोग है। अलग हो जाना वियोग है। सहायक बना लेने का ज्ञान उपयोग है। आरोपित करना अभियोग है। वस्तुओं का उत्पादन करना उद्योग है। शक्ति का गलत प्रयोग दुरुपयोग है। शक्ति का प्रतिस्पर्धी प्रयोग प्रतियोग है। प्रतियोगिता शब्द इसी से बना है। ज्ञान को साधना का उपकरण बनाना ज्ञान योग है। भक्ति मार्ग भक्ति योग है। कर्म प्रधानता कर्म योग है...