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शिक्षा के साथ संस्कृति, संस्कार और धर्म जुड़ा है : कैलाश सत्यार्थी

शिक्षा के साथ संस्कृति, संस्कार और धर्म जुड़ा है : कैलाश सत्यार्थी

दिल्ली, देश
नई दिल्ली के पूसा सभागार में ज्ञानोत्सव का शुभारंभ नई दिल्ली। ज्ञानोत्सव ज्ञान का उत्सव ही नहीं, यह ज्ञान का यज्ञ है। सात्विक उद्देश्य से किए जाने वाले यज्ञ में सर्वश्रेष्ठ की आहुति देनी होती है। इस ज्ञानोत्सव में आने वाले साधारण कार्यकर्ता नहीं बल्कि आप भारत के निर्माता हैं। भारतीयता मेरी माँ के स्तन से निकले दूध के समान है। स्तन से निकला दूध रक्त का संचार करता है। भारतीय शिक्षा समावेशिता की यात्रा करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल में सार्वभौमिकता, समता और समग्रता है। विद्या हमारे धर्म का लक्षण हैं। आप सभी श्रेष्ठ भारत के निर्माण में शिक्षा के क्रियान्वयन में भागीदार बने ऐसी आशा करता हूँ। यह उद्गार शिक्षा संस्कृति उत्थान द्वारा गुरुवार को आयोजित तीन दिवसीय ज्ञानोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने व्यक्त किए। नई दिल्ली के ...
आमजन से जुड़ा है डाक विभाग

आमजन से जुड़ा है डाक विभाग

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा भारत में डाक विभाग के महत्व को मशहूर शायर निदा फाजली के शेर सीधा-साधा डाकिया जादू करे महान, एक ही थैले में भरे आंसू और मुस्कान से समझा जा सकता है। शायर निदा फाजली ने जब यह शेर लिखा था उस वक्त देश में संदेश पहुंचाने का डाक विभाग ही एकमात्र साधन था। डाकिये के थैले में से निकलने वाली चिट्ठी पढ़कर कोई खुश होता था तो कोई दुखी। हमारे देश में पहले डाक विभाग का इतना अधिक महत्व था कि फिल्मों तक में डाकिये पर कई मशहूर गाने फिल्माये गये हैं। मगर अब नजारा पूरी तरह से बदल चुका है। इंटरनेट के बढ़ते प्रभाव ने डाक विभाग के महत्व को बहुत कम कर दिया है। आज लोगों ने चिट्ठियां लिखनी छोड़ दी हैं। अब ई-मेल और माध्यमों से मिनटों में लोगो में संदेशों का आदान प्रदान हो जाता है। 09 अक्टूबर को पूरी दुनिया में विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। वर्ष 1874 में इसी दिन यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का गठन करने क...