Saturday, April 19"खबर जो असर करे"

Tag: Congress

राहुल गांधी पर पलटवार, वीडी शर्मा बोले- कांग्रेस ने धोखा देकर की भंग की थी किसानों की तपस्या

राहुल गांधी पर पलटवार, वीडी शर्मा बोले- कांग्रेस ने धोखा देकर की भंग की थी किसानों की तपस्या

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। उज्जैन (Ujjain) की सभा में मंगलवार शाम को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का पूरा भाषण तपस्या पर केंद्रित (focused on penance) रहा। उन्होंने अपने संबोधन में किसानों की तपस्या, युवाओं की तपस्या की बात की है। बेहतर होगा अगर राहुल गांधी भाजपा (BJP) को कोसने की बजाय सच्चाई जान लें। यह जान लें कि किसानों और युवाओं की तपस्या को भंग किसने किया? किसने उन्हें धोखा दिया? यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा (Vishnudutt Sharma) ने राहुल गांधी की सभा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह वही राहुल गांधी हैं, जिन्होंने मध्यप्रदेश की धरती पर कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर हम 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करेंगे और यदि 10 दिन में कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। बाद में सभी ने देखा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर किस प्रकार से किसानों को लाल पीले फार्म में उलझ...
राजस्थान कांग्रेस में घमासान, अब गले मिलना नहीं आसान

राजस्थान कांग्रेस में घमासान, अब गले मिलना नहीं आसान

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पिछली 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का पार्टी विधायकों द्वारा बहिष्कार करने की घटना के बाद राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। नेता एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। पार्टी में अनुशासन नाम मात्र का भी नहीं बचा है। कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के उपरांत भी नेता एक दूसरे की टांग खिंचाई कर रहे हैं। इससे आम जन में कांग्रेस की नकारात्मक छवि बन रही है। 25 सितंबर को यह सब आलाकमान के पर्यवेक्षक (वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) मलिकार्जुन खड़गे के सामने हुआ था। तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने यह बैठक बुलाई थी। इसका परिणाम कांग्रेस को आने वाले लंबे समय तक भुगतना पड़ेगा। इस घटना से पार्टी का अनुशासन तो तार-तार हुआ ही था। वहीं नेताओं में आपसी गुटबाजी भी इस कदर बढ़ गई कि एक ...
कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग की पीठ पर घोपा छुरा, मोदी जी ने दिया संवैधानिक दर्जाः शिवराज

कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग की पीठ पर घोपा छुरा, मोदी जी ने दिया संवैधानिक दर्जाः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण (Other Backward Classes (OBC) Welfare) को लेकर काका कालेलकर की रिपोर्ट को पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit jawaharlal nehru) ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए ओबीसी के हित में कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने सदैव ओबीसी की पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है। मुख्यमंत्री चौहान रविवार को कर्नाटक के कलबुर्गी में भाजपा ओबीसी मोर्चा के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ने कोई भी ओबीसी मुख्यमंत्री नहीं दिया जबकि भाजपा ने तीन-तीन मुख्यमंत्री बनाए। कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व म...
कांग्रेसः बुजुर्ग अध्यक्ष से बड़ी-बड़ी आस

कांग्रेसः बुजुर्ग अध्यक्ष से बड़ी-बड़ी आस

अवर्गीकृत
- ऋतुपर्ण दवे कांग्रेस ने आखिर 21 वीं सदी का पहला नया लोकतांत्रिक अध्यक्ष चुन ही लिया जो गांधी परिवार के बाहर का है। यह जबरदस्त प्रचार और बेहद शांति के साथ आंतरिक लोकतंत्र की दुहाई के नाम पर हुआ। वह भी तब जब गांधी परिवार का वारिस (जैसा दिखता है) भारत जोड़ो यात्रा पर है। बेशक पार्टी बेहद मुश्किल दौर में है, जनाधार तेजी से गिरा है, भविष्य क्या होगा इसको लेकर अनिश्चितता है। पार्टी में तेजी से फूट, गुटबाजी और बिखराव के बीच एक बड़ा संदेश देने की कोशिश कितनी कामयाब होगी यह वक्त बताएगा। अब कांग्रेस का चुनौतियों से भरा ताज 80 बरस के मल्लिकार्जुन खड़गे के माथे पर है जिनका अनुभव भरा 55 साल का राजनीतिक सफर है। वो गांधी परिवार के बेहद विश्वासी हैं। लेकिन यह भी जगजाहिर है कि गांधी परिवार के बाहर के तमाम अध्यक्ष अपने अच्छे रिश्तों के चलते पार्टी अध्यक्ष तक पहुंचे जरूर लेकिन धीरे-धीरे कड़वाहट बढ़ती गई औ...
कांग्रेसः राहुल ही अंतिम आशा

कांग्रेसः राहुल ही अंतिम आशा

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक कांग्रेस को 24 साल बाद सोनिया परिवार के बाहर का एक अध्यक्ष मिला है। क्यों मिला है? क्योंकि सोनिया-गांधी परिवार थक चुका था। उसने ही तय किया कि अब कांग्रेस का मुकुट किसी और के सिर पर धर दिया जाए। माँ और बेटे दोनों ने अध्यक्ष बनकर देख लिया। कांग्रेस की ताकत लगातार घटती गई। उसके महत्वपूर्ण नेता उसे छोड़-छोड़कर अन्य पार्टियों में शामिल होते जा रहे हैं। ऐसे में कुछ नई पहल की जरूरत महसूस की गई। दो विकल्प सूझे। एक तो भारत जोड़ो यात्रा और दूसरा ढूंढें कोई ऐसा कंधा, जिस पर कांग्रेस की बुझी हुई बंदूक रखी जा सके। भारत कहाँ से टूट रहा है, जिसे आप जोड़ने चले हैं? वह वास्तव में टूटती-बिखरती कांग्रेस को जोड़ो यात्रा है। इसमें शक नहीं कि इस यात्रा से राहुल को प्रचार काफी मिल रहा है लेकिन कांग्रेस से टूटे हुए लोगों में से कितने अभी तक जुड़े हैं? कोई भी नहीं। खैर, यात्रा अच्छी है। उससे कांग...
कांग्रेस पर कायम गांधी परिवार!

कांग्रेस पर कायम गांधी परिवार!

अवर्गीकृत
- डॉ. प्रभात ओझा कांग्रेस अध्यक्ष पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे का चुना जाना पहले से ही तय माना जा रहा था। ऐसा हुआ भी। अशोक गहलोत की उम्मीदवारी की घोषणा और फिर उनके मैदान से हट जाने के बाद नामांकन के सिर्फ एक दिन पहले खड़गे के पर्चा दाखिले के वक्त से ही यह आमतौर पर स्पष्ट हो चला था। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान एकाधिक बार शशि थरूर ने इस ओर संकेत कर यह बताने की कोशिश की थी कि खड़गे आधिकारिक उम्मीदवार माने जा रहे हैं। ऐसा कांग्रेस के कुछ निवर्तमान पदाधिकारियों के खड़गे के साथ दिखाई देने के आधार पर कहा गया। इससे अलग और साफ संकेत राहुल गांधी के बयान से भी मिला, जिस पर मीडिया अथवा कांग्रेस पार्टी के अंदर चुनाव प्रणाली पर नजर रखने वालों का कम ध्यान गया। राहुल गांधी भारत जोड़ो पदयात्रा पर हैं। अपने भविष्य की भूमिका के बारे में पत्रकारों के पूछे जाने पर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह मल्लिकार्जुन खड़गे...
Himachal Elections: कांग्रेस ने जारी की 46 उम्मीदवारों की पहली सूची, छह नए चेहरों को टिकट

Himachal Elections: कांग्रेस ने जारी की 46 उम्मीदवारों की पहली सूची, छह नए चेहरों को टिकट

देश, राजनीति
- बंजार सीट से पूर्व भाजपा अध्यक्ष खिमी राम को मिला टिकट जगत सिंह नेगी को छोड़कर सभी सिटिंग विधायकों को टिकट शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal assembly elections) के लिए कांग्रेस (Congress) ने लंबी जद्दोजहद के बाद उम्मीदवारों की पहली सूची (first list of candidates) जारी कर दी है। राज्य में 12 नवम्बर को मतदान होना है और नतीजे आठ दिसम्बर को घोषित होंगे। मंगलवार देर शाम कांग्रेस पार्टी 46 उम्मीदवारों की सूची (list of 46 candidates) जारी कर पाई है। कांग्रेस को अब 22 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने शेष हैं। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक की ओर से जारी इस पहली सूची में किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी 19 सिटिंग विधायकों को उम्मीदवार बनाया गया है। खास बात यह है पहली सूची में छह नए चेहरों को उतारा गया है। चुराह, नगरोटा बंगवां, पच्छाद, चौपाल, ठियोग और बंजार हलकों से न...
कांग्रेसः फिर चक्का जाम

कांग्रेसः फिर चक्का जाम

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक मल्लिकार्जुन खड़गे अब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे, यह तो तय ही है। यदि अशोक गहलोत बन जाते तो कुछ कहा नहीं जा सकता था कि कांग्रेस का क्या होता? गहलोत को राजस्थान के कांग्रेस विधायकों के प्रचंड समर्थन ने महानायक का रूप दे दिया था लेकिन गहलोत भी गजब के चतुर नेता हैं, जिन्होंने दिल्ली आकर सोनिया गांधी का गुस्सा ठंडा कर दिया। उन्हें अध्यक्ष की खाई में कूदने से तो मुक्ति मिली ही, उनका मुख्यमंत्री पद अभी तक तो बरकरार ही लग रहा है। अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे की भी हिम्मत नहीं पड़ेगी कि वे गहलोत पर हाथ डालें। गहलोत और कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेता भी उम्मीदवारी का फार्म भरनेवाले खड़गे के साथ-साथ पहुंच गए। यानी समस्त संतुष्ट और असंतुष्ट नेताओं ने अपनी स्वामिभक्ति प्रदर्शित करने में कोई संकोच नहीं किया। यह ठीक है कि शशि थरूर और त्रिपाठी ने भी अध्यक्ष के चुनाव का फार्म भरा है लेकिन सब...

भारत जोड़ो यात्रा के बीच बिखराव की ओर कांग्रेस

अवर्गीकृत
- सुरेश हिन्दुस्थानी राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर छिड़ी आपसी लड़ाई के बीच राज्य में कांग्रेस के भविष्य के सामने एक बड़ा प्रश्नचिह्न उपस्थित हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने नेतृत्व पर राजनीतिक दबाव बनाने का जो खेल खेला है, उसका राजनीतिक दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाए तो यही प्रमाणित करता है कि यह अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा है। इससे यह भी संदेश जा रहा है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने को लेकर जिस प्रकार से गहलोत समर्थक विधायकों ने अपने त्यागपत्र दिए हैं, उससे प्रथम दृष्टया यही लगता है कि ये विधायक कांग्रेस के कम गहलोत के ज्यादा हैं। विधायकों का यह नाटक निश्चित ही गहलोत के संकेत पर ही चल रहा होगा। इसके अलावा केन्द्र की ओर से भेजे गए दो पर्यवेक्षक भी राजस्थान में उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट को दूर करने में असमर्थ ही रहे। हालांकि पार्टी अनुशासन को ध्य...