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आंध्रप्रदेश के पूर्व CM किरण कुमार ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, भाजपा में हो सकते हैं शामिल

आंध्रप्रदेश के पूर्व CM किरण कुमार ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, भाजपा में हो सकते हैं शामिल

देश
अमरावती (Amravati)। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Andhra Pradesh) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नल्लारी किरण कुमार (Senior Congress leader Nallari Kiran Kumar) ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा (Resignation from Congress party) दे दिया है। किरण कुमार रेड्डी आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन से पहले राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। फिलहाल उनके भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में शामिल होने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। चित्तूर जिले से 4 बार विधायक रहे किरण कुमार ने वर्ष 1989 में अपने राजनीतिक पारी शुरुआत की थी। तब उन्होंने वायलपाडु से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। फिर उन्होंने वर्ष 1999 और 2004 में एक ही निर्वाचन क्षेत्र से और बाद में 2009 में पिलेरू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। किरण कुमार के पिता अमरनाथ रेड्डी भी बड़े कांग्रेसी नेता थे और उनकी पूर्व प्रधान...
पूर्वोत्तर ने दिखाया कांग्रेस को आईना

पूर्वोत्तर ने दिखाया कांग्रेस को आईना

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- सुरेश हिन्दुस्थानी पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों के चुनाव परिणामों ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। वहीं यह चुनाव परिणाम भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्साह बढ़ाने का काम करने वाले हैं। भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस को लग रहा था कि उसकी राजनीतिक स्थिति सुधर जाएगी, लेकिन पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए विधानसभा के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस की आशा को ध्वस्त करने का ही काम किया है। कांग्रेस के नेताओं को जिस प्रकार से अप्रत्याशित परिणामों की उम्मीद दिखाई दे रही थी, परिणामों ने कांग्रेस के उड़ान भरते हुए पंखों को काटने का काम किया है। इस कारण एक बार फिर से कांग्रेस की राजनीतिक आकांक्षा को पलीता लगा है। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस के नेता भारत जोड़ो यात्रा को राजनीतिक उत्थान के लिए रामबाण दवा मानकर चल रहे थे, लेकिन यह दवा भी कारगर सिद्ध नहीं हो पाई। कांग्रेस की गिरती हुई साख को बचाने के लि...
कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

कांग्रेसः ढाक के वही तीन पात!

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक रायपुर में आयोजित कांग्रेस के 85 वें अधिवेशन में शनिवार तक जो कुछ भी हुआ है, उसके बारे में क्या कहें? ढाक के वही तीन पात। इंदिरा गांधी के जमाने से देश की इस महान पार्टी के आकाश से आतंरिक लोकतंत्र का जो सूर्य अस्त हुआ था, वह अब भी अस्त ही है। इसमें कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व का दोष उतना नहीं है, जितना उसके अनुयायिओं का है। राहुल गांधी का तो मानना है कि कांग्रेस की कार्यसमिति चुनाव द्वारा नियुक्त होनी चाहिए लेकिन रायपुर अधिवेशन में पार्टी की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि यह नियुक्ति कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही करेंगे। जिन दो-तीन नेताओं ने शुरू में थोड़ी हिम्मत की और बोला कि कार्यसमिति के लिए चुनाव करवाए जाएं, उन्होंने भी झुंड के आगे मुंड झुका दिया। खड़गे ने भी कह दिया कि वह सोनिया, राहुल और प्रियंका से सलाह करके कार्यसमिति की घोषणा करेंगे। कांग...
कांग्रेस अब नई यात्रा की तैयारी में

कांग्रेस अब नई यात्रा की तैयारी में

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- ऋतुपर्ण दवे कांग्रेस ने 30 जनवरी को श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा का समापन कर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगली यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। यह जुलाई में गुजरात के सोमनाथ से शुरू होगी और शिलांग में खत्म होगी। राहुल के नेतृत्व में पहली यात्रा पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इस यात्रा ने 145 दिन में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर करीब 4080 किलोमीटर की दूरी तय की। राहुल को केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को जानने समझने का मौका मिला। इसी दौरान गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए। राहुल ने दोनों प्रदेशों के चुनाव से दूरी बनाकर रखी। सोमनाथ-शिलांग यात्रा कितने दिन की होगी, कहां-कहां से गुजरेगी, अभी ज्यादा साफ नहीं है। कुछ समय बाद पूर्वोत्तर में त्रिपुर...
मप्रः चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़ा बदलाव, कमलनाथ की नई टीम घोषित

मप्रः चुनाव से पहले कांग्रेस में बड़ा बदलाव, कमलनाथ की नई टीम घोषित

देश, मध्य प्रदेश
- 105 महासचिव, 50 उपाध्यक्ष, 64 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की सूची जारी भोपाल (Bhopal)। कांग्रेस (Congress) ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) से पहले जिला और प्रदेश स्तर पर पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव (Big change in party organization) किया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल (General Secretary KC Venugopal) ने रविवार देर शाम जिला अध्यक्षों और प्रदेश महासचिव की नई सूची जारी की है। इनमें 105 प्रदेश महामंत्री और 50 उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। सभी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की लिस्ट भी जारी की गई है। जारी सूची के अनुसार, बुरहानपुर में जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय रघुवंशी को प्रमोट कर प्रदेश महासचिव नियुक्त किया गया है, उनके स्थान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हर्ष रिंकू टाक को कांग्रेस जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज स...
राजस्थान में कांग्रेस को मिटाना होगा आपसी झगड़ा

राजस्थान में कांग्रेस को मिटाना होगा आपसी झगड़ा

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह चुनावी मूड मे लग रही है। प्रदेश में 18 दिन तक चली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस संगठन सक्रिय हो गया है। कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पद संभालते ही लम्बे समय से रिक्त पड़े संगठन के पदों पर नियुक्तियां करवानी प्रारंभ करवा दी है। इससे संगठन में हलचल होने लगी है और सुस्त पड़े कार्यकर्ता भी अब तरोताजा लग रहे हैं। प्रदेश प्रभारी रंधावा ने जहां प्रदेश कांग्रेस के रिक्त पड़े सभी 400 ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों में से अधिकांश ब्लॉक अध्यक्षों का मनोनयन करवा दिया है। वहीं पहली बार मंडल इकाई का भी गठन करवाया जा रहा है। यह कांग्रेस में एक नई शुरुआत है। इससे बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को संगठन में पदाधिकारी बनाया जा सकेगा, जिससे कार्यकर्ता पार्टी उम्मीदवार के साथ जुट कर च...
भारत जोड़ो यात्रा के हर कदम पर नफरत के बीज

भारत जोड़ो यात्रा के हर कदम पर नफरत के बीज

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- सुरेश हिन्दुस्थानी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को यह कहकर प्रचारित किया जा रहा है कि यह यात्रा नफरत नहीं सद्भाव के लिए है, लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस के लिए अब सद्भाव की बातें केवल नारा ही बनकर रह गई हैं। यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, ठीक वैसे ही यात्रा का उद्देश्य भी सामने आता जा रहा है। हालांकि यात्रा के प्रथम दिन से ही ऐसे लोगों को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है, जो किसी न किसी रूप में देश की संस्कृति के लिए विरोधात्मक रवैया अपनाते रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में कभी देश तोड़ने के समर्थक शामिल होते हैं, तो कभी वामपंथी एजेंडा के तहत राजनीति करने वाले राहुल गांधी के साथ चलते दिखाई देते हैं। जहां तक सद्भाव की बात है तो यह शब्द भारत के लिए नया नहीं है और न ही इसे कांग्रेस की उपज कहा जा सकता है। लेकिन यह भी सत्य है कि कांग्रेस ने अपनी नीतियों के माध्यम से हमेशा हिन्दू समाज मान...
स्वाधीनता संघर्ष: कांग्रेस और वास्तविक इतिहास

स्वाधीनता संघर्ष: कांग्रेस और वास्तविक इतिहास

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- डॉ. राघवेंद्र शर्मा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान ने देश में बहस छेड़ दी है कि भारत को आजादी दिलाने में सिर्फ कांग्रेस का ही योगदान रहा। साथ में उन्होंने यह भी कह दिया कि भाजपा, संघ अथवा किसी और का एक कुत्ता भी मरा हो तो उसका नाम बता दें। उनके इस अमर्यादित बयान ने एक बार फिर यह बात उजागर कर दी है कि कांग्रेस देश को आजादी दिलाने का श्रेय स्वयं के पास रख किसी अन्य सेनानी को इतिहास में स्थान नहीं देना चाहती है। आज देश को इस सत्य से अवगत कराने का वक्त आ गया है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत कांग्रेस ने की ही नहीं। सही मायने में तो इसकी शुरुआत कांग्रेस की स्थापना से बहुत पहले हो चुकी थी। जिसमें सभी वर्गों ने यथा क्षमता भाग लिया और कुर्बानियां दीं। बावजूद हमें पाठ्य-पुस्तकों में यह पढ़ाया जाता रहा कि देश को कांग्रेस ने स्वतंत्र कराया। उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों...
तुष्टीकरण और प्रलोभन पर गुजरात का प्रहार

तुष्टीकरण और प्रलोभन पर गुजरात का प्रहार

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री आम आदमी पार्टी (आप) का जन्म अन्ना हजारे के आंदोलन से हुआ था। इसने अलग ढंग की राजनीति शुरू करने का दावा किया था। कांग्रेस के साथ सरकार न बनाने की कसम खाई थी। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस के सहयोग से पहली बार सरकार बनाई । अपने को छोड़ कर सभी पार्टियों के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। फिर विपक्ष के उन्हीं नेताओं के साथ मंच पर एकता का प्रदर्शन करने लगी। नितिन गडकरी ने मानहानि का दावा ठोंका, तो एक एक-कर सभी से माफी मांग ली। कांग्रेस के साथ सहयोग से आप सरकार ज्यादा नहीं चली, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने इस अल्प समय में उसके सारे दांव पेंच सीख लिए। इसमें तुष्टीकरण का दांव इन्हें खूब पसन्द आया इसमें मुफ्त रेवड़ी जोड़ दी। दुकान चल निकली। इस प्रतिस्पर्धा में कांग्रेस के अस्तित्व पर बन आई। दिल्ली में कांग्रेस का वोट आप के साथ हो गया। राहुल गांधी की यात्रा का प्रतिकूल प्रभाव हु...