Friday, November 15"खबर जो असर करे"

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इज़राइल-ईरान संघर्ष बढ़ा तो प्रभाव दुनिया भर में पड़ेगा

इज़राइल-ईरान संघर्ष बढ़ा तो प्रभाव दुनिया भर में पड़ेगा

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- ललित मोहन बंसल ईरान ने खाड़ी में अपने वर्चस्व के लिए आतंकवादी संगठनों-लेबनान में हिज़्बुल्लाह, फ़िलिस्तीन-गाजा में हमास और यमन में हाउती को खूब पाला-पोसा। अब इन्हीं की गलतियों की सजा अगर ईरान भुगतता है तो वह समझ ले कि शिया आतंकवादियों के माई-बाप आयतुल्ला खुमैनी को खाड़ी में सिर छुपाने की भी जगह नहीं मिलेगी? इज़राइल के यहूदी समुदाय की नसों में खून खौल रहा है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु विवश होते जा रहे हैं कि वह अपनी अंतिम चाल चल दें, वहीं रूस खुले तौर पर और चीन दबे स्वर में इज़राइल को घेरने की कोशिश में हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेमेबंदी जारी है। ध्यान में यह भी रहे कि अमेरिका में अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव हैं। प्रतिष्ठा के इस चुनावी माहौल में डेमोक्रेट को चुनाव जीतना है तो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को इज़राइल के पक्ष में खुल कर सामने आना होगा। बेंजामिन...
मेगा प्रोजेक्ट्स और स्थानीय हितों में टकराव

मेगा प्रोजेक्ट्स और स्थानीय हितों में टकराव

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- कुलभूषण उपमन्यु देश में विकास के मेगा प्रोजेक्ट्स और स्थानीय हितों में टकराव के समाचार रोज कहीं न कहीं से आते ही रहते हैं। यह ठीक है कि कुछ नया बनेगा तो कुछ पुराने को हानि भी झेलनी पड़ेगी। किन्तु जीवन के लिए आवश्यक हवा पानी और भोजन जैसे संसाधनों पर जब चोट पड़ने लगती है तो मामला चिंतनीय हो जाता है और उस पर तार्किक रूप से विचार करना जरूरी हो जाता है। किन्तु खेद का विषय है कि आमतौर पर स्थानीय निवासियों के हितों पर परियोजना हितों को वरीयता दी जाति है। इस स्थिति में टकराव शुरू हो जाते हैं, जिनका समाधान यदि तर्क और स्थानीय हितों को ध्यान में रख कर न किया जाए तो मामले बिना वजह ही उलझ जाते हैं और बहुत बार अनावश्यक प्रतिष्ठा का प्रश्न बन जाते हैं। कई बार गलत या अधूरी सूचनाओं के कारण भी मामले उलझ जाते हैं। आजकल हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में इसी तरह का आन्दोलन अली खड्ड के पानी को लेकर चल र...
इजरायल-हमास टकराव में युद्ध का मैदान बनता अस्पताल

इजरायल-हमास टकराव में युद्ध का मैदान बनता अस्पताल

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा मानव इतिहास में शायद यह पहला उदाहरण होगा जब हॉस्पिटल युद्ध का मैदान बना हो। इजरायल-हमास युद्ध में यही हो रहा है। आज गाजा पट्टी का अल-शिफा हॉस्पिटल रणक्षेत्र बन गया है। इसके लिए अकेले इजरायल को दोष देना किसी भी दृष्टि से सही नहीं है, वहीं हॉस्पिटल को युद्ध का मैदान बनाना भी किसी भी तरह से उचित नहीं माना जा सकता। जो परिस्थितियां सामने आ रही हैं उसने हालात ही ऐसे बना दिए हैं। इजरायल दावा कर रहा है कि अस्पताल परिसर में आतंकवादी गतिविधियों के बुनियादी ढांचे के संकेत मिले हैं। इजरायल का दावा है कि अस्पताल के नीचे हमास का मुख्यालय और कमांड सेंटर है और यहां से आतंकवादी गतिविधियों का संचालन हो रहा है। वहां से भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा भी मिला है। दूसरी ओर निर्दोष नागरिक जान गंवा रहे हैं। इजरायल के सामने दोहरा संकट है। एक और तो निर्दोष नागरिकों को बचाना है तो ...
हमीरपुर के एक गांव में दशहरे के दिन हुआ था भीषण संघर्ष

हमीरपुर के एक गांव में दशहरे के दिन हुआ था भीषण संघर्ष

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सुमेरपुर विकास खण्ड के ग्राम विदोखर में एक दिन रावण पर राम की विजय के कारण तो उसके अगले दिन दशहरे के दिन क्षत्रियों के बीच हुए भीषण संघर्ष के कारण विजय दशमी दशहरा पर्व मनाने की परम्परा चली आई है, जिसे चौबीसी का दशहरा नाम से जाना जाता रहा है, किन्तु पांच सौ वर्ष पुरानी परम्परा टूट जाने से चौबीसी का दशहरा इतिहास बनकर रह गया है। बिदोखर पुरई के पूर्व प्रधान रणविजय सिंह ने बताया कि क़रीब पांच सौ वर्ष पूर्व उन्नाव जनपद के डोडिया खेर गांव से व्यापार के लिए वैश्य क्षत्रियो का एक बड़ा जत्था बैल गाड़ी व घोड़े पर सवार होकर व्यापार के लिए बिदोखर सहित आसपास के गावों में अक्सर आया करता था, एक बार यह जत्था विदोखर से होते हुए आगे की ओर जा रहा था, तभी गांव के दक्षिण दिशा में रंगी कुआं देख जत्था विश्राम के लिए रुक गया था। कुएं का पानी गंदा हो जाने पर बगरी जाति के युवा क्षत्रियों ने जत्थे के लोगों को बेरहमी से...
राजस्थान कांग्रेस में घमासान, अब गले मिलना नहीं आसान

राजस्थान कांग्रेस में घमासान, अब गले मिलना नहीं आसान

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान कांग्रेस में मचा घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पिछली 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक का पार्टी विधायकों द्वारा बहिष्कार करने की घटना के बाद राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। नेता एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं। पार्टी में अनुशासन नाम मात्र का भी नहीं बचा है। कांग्रेस आलाकमान के निर्देशों के उपरांत भी नेता एक दूसरे की टांग खिंचाई कर रहे हैं। इससे आम जन में कांग्रेस की नकारात्मक छवि बन रही है। 25 सितंबर को यह सब आलाकमान के पर्यवेक्षक (वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) मलिकार्जुन खड़गे के सामने हुआ था। तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने यह बैठक बुलाई थी। इसका परिणाम कांग्रेस को आने वाले लंबे समय तक भुगतना पड़ेगा। इस घटना से पार्टी का अनुशासन तो तार-तार हुआ ही था। वहीं नेताओं में आपसी गुटबाजी भी इस कदर बढ़ गई कि एक ...