इज़राइल-ईरान संघर्ष बढ़ा तो प्रभाव दुनिया भर में पड़ेगा
- ललित मोहन बंसल
ईरान ने खाड़ी में अपने वर्चस्व के लिए आतंकवादी संगठनों-लेबनान में हिज़्बुल्लाह, फ़िलिस्तीन-गाजा में हमास और यमन में हाउती को खूब पाला-पोसा। अब इन्हीं की गलतियों की सजा अगर ईरान भुगतता है तो वह समझ ले कि शिया आतंकवादियों के माई-बाप आयतुल्ला खुमैनी को खाड़ी में सिर छुपाने की भी जगह नहीं मिलेगी?
इज़राइल के यहूदी समुदाय की नसों में खून खौल रहा है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु विवश होते जा रहे हैं कि वह अपनी अंतिम चाल चल दें, वहीं रूस खुले तौर पर और चीन दबे स्वर में इज़राइल को घेरने की कोशिश में हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेमेबंदी जारी है। ध्यान में यह भी रहे कि अमेरिका में अगले महीने राष्ट्रपति चुनाव हैं। प्रतिष्ठा के इस चुनावी माहौल में डेमोक्रेट को चुनाव जीतना है तो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को इज़राइल के पक्ष में खुल कर सामने आना होगा।
बेंजामिन...