Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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युवाओं में तम्बाकू की लत चिंता का विषय

युवाओं में तम्बाकू की लत चिंता का विषय

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- डॉ. रमेश ठाकुर 31 मई को समूचे संसार में वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है जिसे भारत में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस से जानते हैं। सन् 1988 से ये दिवस अमल में आया। अमल के एक वर्ष पूर्व यानी 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तम्बाकू के इस्तेमाल को नियंत्रित करने और जनमानस को इसके नुकसान के बारे में शिक्षित और जागरूक करने का निर्णय लिया था। पिछले साल 2023 में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम थी, ‘हमें भोजन चाहिए, तम्बाकू नहीं। जबकि, 2024 की थीम ‘बच्चों को तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना’ पर निर्धारित है। दरअसल, ये सब्जेक्ट उन नीतियों और उपायों की वकालत करने पर केंद्रित है जो तम्बाकू उद्योग को हानिकारक तम्बाकू उत्पादों के साथ युवाओं को लक्षित करने से रोकते हैं। लगातार दो वर्ष की थीम युवाओं पर केंद्रित रखने का संदेश यही है कि तम्बाकू की लत से युवाओं को किसी भी सूरत में बचाया जाए और इसके द...
ड्रग्स की राजधानी बनने से कैसे बचे दिल्ली

ड्रग्स की राजधानी बनने से कैसे बचे दिल्ली

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- डॉ. रमेश ठाकुर दिल्ली में तेजी से फैलता नशे का कारोबार चिंता का विषय बन गया है। राजधानी में विभिन्न किस्म के मादक पदार्थों की तस्करी अब प्रत्येक गली-मोहल्लों में होने लगी है। एनसीआर क्षेत्र में भी नशे का कारोबार इस कदर फैल चुका है, जिसे रोकने में पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं। बीते शनिवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तस्करों से करीब 90 किलो अफीम पकड़ी, जो दूसरे प्रदेशों से लाई गई थी। दिल्ली में मादक पदार्थों की सप्लाई सबसे ज्यादा कहां-कहां होती है और उसके शौकीन कौन-कौन हैं? दरअसल ये एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर अगर सच्चाई से पुलिस-प्रशासन सार्वजनिक कर दे तो भूचाल आ जाएगा। हम सोच भी नहीं सकते कि इस जंजाल में कौन-कौन और कैसे-कैसे व्यक्ति शामिल हैं। हालांकि, इतना तो सभी जानते हैं कि किस्म-किस्म के महंगे मादक पदार्थों का सेवन कोई आम इंसान तो करेगा नहीं। इसके लिए मोटी रकम चुकान...
विकास न बने विनाश का कारण

विकास न बने विनाश का कारण

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा भले ही जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया के देश लाख चिंता जता रहे हों। शिखर सम्मेलनों में नित नए प्रस्ताव पारित किए जा रहे हों। पर वास्तविकता तो यही है कि दुनिया के देश पिछले आठ साल से लगातार सबसे ज्यादा गर्मी से जूझते आ रहे हैं। पिछले सालों में ग्लेशियरों के पिघलने की रफ्तार जिस तरह से बढ़ रही है। जिस तरह से जंगलों में दावानल हो रहा है। जिस तरह से समुद्री तूफान, चक्रवात या सुनामियां आए दिन अपना असर दिखा रही हैं। वास्तव में यह अत्यधिक चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि ग्लेशियर किनारे बसे शहरों के अस्तित्व का संकट भी मुंह बाये खड़ा दिखाई देने लगा है। हालांकि समय पर सूचनाओं और डिजास्टर मैनेजमेंट व्यवस्था में सुधार का यह तो असर साफ दिखने लगा है कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते जनहानि तो न्यूनतम हो रही है पर जिस तर...
कोरोना की चिंता से गिरा शेयर बाजार, सेंसेक्स ऊपरी स्तर से 1068 अंक लुढ़का

कोरोना की चिंता से गिरा शेयर बाजार, सेंसेक्स ऊपरी स्तर से 1068 अंक लुढ़का

देश, बिज़नेस
- सेंसेक्स 1.03 प्रतिशत और निफ्टी 1.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमण को लेकर बढ़ती चिंता की वजह से घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को जोरदार घबराहट का माहौल बना रहा। मजबूती के साथ कारोबार की शुरुआत करने के बावजूद शेयर बाजार दिन खत्म होते-होते 1 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर बंद हुआ। सेंसेक्स आज एक बार 61 हजार अंक के स्तर से भी नीचे चला गया। हालांकि बाद में इसमें मामूली सुधार देखा गया। इसी तरह निफ्टी भी आज 18,200 अंक के स्तर से नीचे गिर गया। दिनभर की खरीद बिक्री के बाद सेंसेक्स 1.03 प्रतिशत और निफ्टी 1.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। पूरे दिन हुई खरीद बिक्री के दौरान दिग्गज शेयरों की तरह ही मंझोले और छोटे यानी मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयरों में भी दबाव बना रहा। मेटल, बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर के शेयर पर सबसे अधिक बिकवाली का दबाव बना रहा। इसी तरह इंफ्र...
आरबीआई की चिंता को समझें नगरीय निकाय

आरबीआई की चिंता को समझें नगरीय निकाय

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- लालजी जायसवाल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पहली बार 27 राज्यों के सभी नगरीय निकायों की माली हालात पर विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। साथ ही इनकी खराब वित्तीय स्थिति पर चिंताजनक टिप्पणी की है। यह रिपोर्ट नगर निकायों की वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 तक के वित्तीय खाते की पड़ताल के बाद 10 नवंबर को जारी की गई है। इसमें साफ किया गया है कि तमाम कोशिशों के बावजूद नगरीय निकाय अपना राजस्व बढ़ाने का कोई ठोस तरीका नहीं निकाल पा रहे हैं। इस रिपोर्ट से इन निकायों के साथ ही राज्य सरकारों को भी सावधान हो जाने की जरूरत है। आने वाले समय में राज्य सरकारों को अपने नगर निकायों की वित्तीय दशा सुधारने को लेकर गंभीरता का परिचय देना होगा, क्योंकि शहर ही विकास के वाहक होते हैं। वास्तविकता में यदि स्थानीय निकायों की स्थिति नहीं सुधरी तो वे समस्याओं से सदैव घिरे रहेंगे। चिंता की बात यह है कि इसके दुष्परिणाम ...

काश! यूएन चीन के मुसलमानों के साथ मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों की भी चिंता करता

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी संयुक्त राष्ट्र की जारी एक रिपोर्ट इस समय पूरी दुनिया में मानवाधिकारों के समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में चीन पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। जिसमें तथ्यों के साथ यह बताने का प्रयास हुआ है कि कैसे उइगर मुसलमानों पर चीन अत्याचार कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यहां शिनजियांग प्रांत में रह रहे मुसलमानों पर चीन का अत्याचार इतना कि 10 लाख से ज्यादा लोग 'रि-एजुकेशन कैम्प' में बंधक हैं। उइगर मुसलमानों से कहा गया है कि यदि उन्होंने कैम्प के बारे में कुछ भी कहा तो लंबे समय के लिए जेल में बंद कर दिया जाएगा। यूएन की यह रिपोर्ट कहती है कि अनेक अवसरों पर यहां के मुसलमानों को उनकी भाषा बोलने, मजहबी नियमों का पालन करने से भी मना कर दिया जाता है, महिलाओं के हिजाब पहनने पर पाबंदी है। पुरुषों को दाढ़ी बढ़ाने और बच्चों को मुस्लि...

वायु प्रदूषण पर चिंता, पर कानून का पालन नहीं हो पाता सुनिश्चित!

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- लिमटी खरे विकास तो हो रहा है पर विकास के साथ मानकों की अनदेखी के चलते होने वाले दुष्परिणामों पर कोई भी देश संजीदा नजर नहीं आता है। इस समय सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण का ही मुद्दा सोशल मीडिया पर चल रहा है। इसके बाद भी किसी भी देश की सरकार के द्वारा इस मामले में चिंता न किया जाना सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात ही माना जा सकता है। स्विटजरलैण्ड को दुनिया का सबसे खूबसूरत देश माना जाता है। स्विटजरलैण्ड की आईक्यू एयर नामक संस्था के द्वारा हाल ही में विश्व के देशों की वायु गणवत्ता की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बंगलादेश को दुनिया का सबसे प्रदूषित देश माना गया है, वहीं भारत का स्थान पांचवी पायदान पर है। भारत की राजनैतिक राजधानी दिल्ली को लगातार चौथे साल दुनिया भर में सबसे प्रदूषित राजधानी का तगमा दिया गया है। 2021 में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा हवा की गुणवत्ता के मानकों में कुछ बदलाव भ...