चीन की चुनौती से निपटने के लिए हमें बनानी होगी व्यापक रणनीति
- कमलेश पांडेय
आपको पता है कि भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई बार झड़प हो चुकी है, जिस दौरान भारतीय सेना ने अद्भुत शौर्य और पराक्रम दिखाते हुए कई बार चीनी सेना को खदेड़ चुकी है। इस दौरान हमारी सेना ने अपने वीर जवानों के बलिदान भी दिए हैं, जिस पर पूरे देश को गर्व है। अब तेजी से बदलते जियो-पॉलिटिक्स के बीच वक्त की मांग है कि चीन की चुनौती से निपटने के लिए हम व्यापक रणनीति बनाएं, ताकि 1962 का शर्मनाक इतिहास खुद को दोहरा नहीं पाए।
बता दें कि स्वतंत्र भारत में भारत और चीन के बीच एक बार ही युद्ध साल 1962 में हुआ था। तब एक माह तक चले युद्ध के दौरान चीन ने भारत की काफी जमीन हड़प ली थी, जिसे वापस पाने के लिए पीओके की तरह ही संसदीय प्रतिबद्धता दिखाने की जरूरत है। इस बात में दो राय नहीं कि सामरिक महत्व की दृष्टि से सीओके यानी चीन ओक्यूपाइड कश्मीर का अपना महत्व है।
इतिहास गवाह है कि 1967 ...