पूर्ण वैज्ञानिक है भारतीय कालगणना
- कृष्णप्रभाकर उपाध्याय
भारतीय नववर्ष का आरम्भ 09 अप्रैल को हो रहा है। सम्राट विक्रमादित्य द्वारा शक्-विजय की स्मृति में आरम्भ संवत अपने 2080 वर्ष व्यतीत कर 2081वें वर्ष में प्रवेश करेगा। प्रायः आधुनिक कहलाने वाले अंगरेजीदां लोगों के मध्य यह प्रश्न उठता है कि हमारी भारतीय गणना कितनी सटीक, सही व वैज्ञानिक है? सच यह है कि अंग्रेजी शासन के चलते आज विश्व में मानक बनी ईसवी कालगणना न तो वैज्ञानिक है, न ही काल के वास्तविक समय से मेल खाने वाली। इसका प्रकृति से तो दूर का भी संबंध नहीं है। इस कालगणना का एक मात्र आधार पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा में लगने वाला समय है। किन्तु यह भी इतना अपूर्ण है कि विश्व को प्रायः अपनी घड़ियां आगे-पीछे करते रहनी पड़ती हैं। इसके विपरीत भारतीय कालगणना में सृष्टि के प्रारम्भ से अब तक 100वें भाग का भी अंतर नहीं आया है।
सामान्यतः गणनाकारों द्वारा कालगणना करते समय पृथ्व...