युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति और गलाकाट प्रतिस्पर्धा
- योगेश कुमार गोयल
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर अत्यधिक मानसिक दबाव के कारण देश के प्रमुख कोचिंग हब बने राजस्थान के कोटा में तो अक्सर छात्रों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं सामने आती ही रहती हैं। अब नामी-गिरामी इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में भी छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने के बढ़ते मामले समाज को झकझोरने लगे हैं। छात्रों में आत्महत्या की यह बढ़ती प्रवृत्ति अब सरकार के साथ-साथ समाज को भी गंभीर चिंतन-मनन के लिए विवश करने हेतु पर्याप्त है। कुछ मामलों में परीक्षाओं के दौरान प्रश्नपत्र सही से हल नहीं कर पाने और कई बार परीक्षा की समुचित तैयारी नहीं होने पर भी छात्र हताश होकर जान देने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों से ऐसी दुखद घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। देश के युवा वर्ग और खासकर 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों में आत्महत्या की बढ़ती यह प्रवृत्ति बेहद चिंताजनक है। शिक्षा तथा कैरियर में...