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मनप्रीत सिंह ने पेरिस में अपना चौथा ओलंपिक खेलने पर कहा- यह सपना सच होने जैसा

मनप्रीत सिंह ने पेरिस में अपना चौथा ओलंपिक खेलने पर कहा- यह सपना सच होने जैसा

खेल
नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय हॉकी टीम के सीनियर मिडफील्डर मनप्रीत सिंह पेरिस में अपने चौथे ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए उत्साहित हैं, यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है जो उन्हें दिग्गज धनराज पिल्लै के बराबर खड़ा करती है। अपने चौथे ओलंपिक में खेलने के लिए तैयार मनप्रीत ने गुरुवार को हॉकी इंडिया के हवाले से अपनी खुशी और गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "मेरे चौथे ओलंपिक में खेलना एक सपने के सच होने जैसा है और एक ऐसा मील का पत्थर है जो मुझे बहुत गर्व से भर देता है। यह मेरे परिवार, कोच और टीम के साथियों की वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अटूट समर्थन का प्रमाण है। धनराज पिल्लै जैसे दिग्गज के नक्शेकदम पर चलना, जो मेरे सहित अनगिनत खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा रहे हैं, शब्दों से परे सम्मान है।" उन्होंने कहा, "मैं पेरिस में भारत के लिए अपना सबकुछ देने के लिए उत्साहित हूं, न केवल टीम का प्रतिनिध...
शिक्षा से ही स्वर्णिम भारत की कल्पना साकार होगी

शिक्षा से ही स्वर्णिम भारत की कल्पना साकार होगी

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- गिरीश्वर मिश्र देश को अगले तीन दशकों के बीच यानी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाते वक्त विकसित देशों में शुमार करने का संकल्प बड़ा ही आकर्षक है। हालांकि हालात कैसे करवट बदलते हैं कोई नहीं जानता। इसलिए दावे से यह नहीं कहा नहीं जा सकता कि 2047 तक दुनिया क्या रूप ले लेगी। आज की स्थितियां बनी रहेंगी या कुछ और नक्शा बनेगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। सन सैंतालीस से अब तक के दौर में इतिहास भूगोल के साथ काफी कुछ घटित हो चुका है। यह भी हो सकता है उस मुकाम तक पहुंचते-पहुंचते 'विकसित' का मायने ही कुछ और हो जाए। इसलिए इस बात पर भी गौर करने की जरूरत है कि विकसित भारत से हमारा क्या आशय होगा। राम-राज्य चाहिए पर वह व्यवस्था जिसमें सभी कुशल क्षेम से रहें उसके पैमाने बहुत स्पष्ट नहीं हैं। आज के भारत में निश्चय ही अनेक मोर्चों पर उल्लेखनीय सफलता मिली है और देश नि:संदेह आगे बढ़ा है। देश की न केवल आधार-संरचना विस...
विभाजन विभीषिका : सपने सच होने बाकी हैं, रावी की शपथ अधूरी है

विभाजन विभीषिका : सपने सच होने बाकी हैं, रावी की शपथ अधूरी है

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत का विभाजन हुआ यह सभी ने देखा। कहा जाता है कि नियति ही उस दिन की ऐसी थी, पहले से सब कुछ तय था । पटकथा लिखी जा चुकी थी, परिवर्तन की संभावना शून्य थी। लेकिन इतिहास तो ऐसे कई उदाहरणों से भरा पड़ा है, जब पूर्ण वेग विपरीत दिशा में था उसके बाद भी परिवर्तन संभव हो सके, जो कहीं वर्तमान में दिखाई नहीं देते थे। भारत विभाजन का एक सच यह भी है, यदि उस समय देश का अहिंसक आन्दोलन जिसमें कि सबसे अधिक जनसंख्या में लोगों का विश्वास रहा, उसका नेतृत्व कर रहे महात्मा गांधी अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की तरह निर्णय लेने की दृढ़ प्रतिज्ञा कर लेते तो देश का परिदृश्य ही कुछ ओर होता, क्योंकि यह स्वभाविक है कि जैसा नेतृत्व होता है, संगठन, सत्ता, शासन की धारा उसी अनुसार बही चली जाती है। दुनिया जानती है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों का भारत छोड़कर जाना अपरिहार्य ...

कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करते राहुल गांधी

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- आर.के. सिन्हा कांग्रेस से देश को उम्मीद थी कि यूपीए सरकार के सन 2014 में सत्ता से मुक्त होने के बाद वह एक सशक्त विपक्ष की भूमिका को सही तरह से निभायेगी। वह केन्द्र में एनडीए सरकार के कामकाज पर पैनी नजर रखते हुये उसकी कमियों पर उसे घेरेगी और उपलब्धियों पर कभी-कभार उसकी पीठ भी थपथपा देगी। यही तो लोकतंत्र है। पर यह हो न सका। राहुल गांधी ने कांग्रेस को एक नकारा और थकी हुई पार्टी बनाकर रख दिया है। कांग्रेस में गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा जैसे पुराने नेता आलाकमान के फैसलों से निराश हैं। गुलाम नबी आजाद और आनन्द शर्मा के चुनाव समितियों के अध्यक्ष पदों से दिए गए इस्तीफों ने यह दर्शा दिया है कि पार्टी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। दशकों से पार्टी की सेवा करने वाले आजाद और शर्मा जैसे नेताओं को भी अब कांग्रेस में घुटन महसूस हो रही है। पिछले लगभग दो-तीन वर्षों से कांग्रेस लगभग नेतृत्व विहीन-सा हो...

अमृतकाल में 2047 तक साकार होंगे राष्ट्र निर्माताओं के सभी सपने : राष्ट्रपति मुर्मू

देश
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने स्वतंत्रता दिवस (Independence day) को भारतीयता का उत्सव बताते हुए पिछले 75 वर्षों के दौरान देश की विकास यात्रा (country's development journey) का अभिनंदन किया तथा आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक के कालखंड को अमृतकाल की संज्ञा दी। राष्ट्रपति मुर्मू ने 76वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या (eve of 76th independence day) पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत में आजादी मिलने के बाद देश में लोकतंत्र की सफलता को लेकर व्यक्त की जा रही आशंकाओं को नकार दिया तथा लोकतंत्र की जड़ें गहरी होती गईं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण देश का आर्थिक विकास अधिक समावेशी हो रहा है तथा क्षेत्रीय विषमताएं भी कम हो रही हैं। राष्ट्रपति ने देशवासियों के सामने स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक के कालखंड के लक्ष्यों का भी जिक्र किया। उन्होंन...

राष्ट्रप्रेम का ज्वार, अखंड भारत का सपना हो सकार

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- सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जब कहीं से भी देश को तोड़ने की बात आती है तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रतिकार भी जबरदस्त तरीके से होता है। यह प्रतिकार निश्चित रूप से उस राष्ट्रभक्ति का परिचायक है, जो इस भारत देश को देवभूमि भारत के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रमाण प्रस्तुत करने का अतुलनीय सामर्थ्य रखती है। यह आज के समय की बात है, लेकिन हम उस कालखंड का अध्ययन करें, जब भारत का विभाजन दर विभाजन हुआ। उस समय के भारतीयों के मन में विभाजन का असहनीय दर्द हुआ। जो असहनीय पीड़ा के रूप में उनके जीवन में प्रदर्शित होता रहा और देश को जगाते-जगाते वे परलोक गमन कर गए। अभी तक भारत देश के सात विभाजन हो चुके हैं। जरा कल्पना कीजिए कि अगर आज भारत अखंड होता तो वह दुनिया की महाशक्ति होता। उसके पास मानव के रूप में जनशक्ति का प्रवाह होता। लेकिन विदेशी शक्तियों ने भारत के कुछ महत्वाकांक्षी शासकों को प्रलोभन देकर ...

सच हो सकता है उप्र में वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का सपना

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- मनीष खेमका योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगामी पाँच वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी माने डॉलर के आज के रेट के हिसाब से 80 लाख करोड़ रुपये होते हैं। उत्तर प्रदेश की वर्तमान अर्थव्यवस्था 17.49 लाख करोड़ रुपये की है। वित्त वर्ष 2016-17 में जब पहली बार उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का गठन हुआ था तब प्रदेश की अर्थव्यवस्था 12.47 लाख करोड़ रुपये की थी। माने पिछले पाँच सालों में इसमें 40% की वृद्धि हुई है। आगामी पाँच सालों में भी उत्तर प्रदेश इसी दर से आगे बढ़ता रहा तो हमारी अर्थव्यवस्था बिना किसी विशेष प्रयास के क़रीब 25 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी। नए लक्ष्य के मुताबिक उत्तर प्रदेश को अगले पाँच वर्षों में 55 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त दौड़ लगानी होगी। यह कहना आसान है लेकिन करना कठिन। मुख्यमंत्री योगी ने इस नुकीले ...