Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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लोगों ने सामूहिक खेती और व्यवसाय से बदल दी गांव की तस्वीर

अवर्गीकृत
- अनिल लगभग 15-20 वर्षों तक नक्सलवाद की जद में रहा तोरपा प्रखंड के गुम्पिला गांव के लोग काफी लंबे अरसे से गरीबी, बेरेजगारी, बिजली पानी, सड़क, चिकित्सा, सिंचाई जैसी बुनियाद समस्याओं से झेल रहे हैं लेकिन अब इन समस्याओं से उबरने की राह गांव वालों ने स्वयं ढूंढ ली है। ग्रामसभा के माध्यम से आय वृद्धि कर छोटी-मोटी समस्याओं के समाधान का रास्ता ग्रामीणों ने ढूंढ निकाला है। इस कार्य को आदिवासी और सदान दोनों वर्ग के लोग मिलजुल कर करते हैं। गांव में पांच एकड़ सामूहिक जमीन वर्षों से बेकार पड़ी थी। इसके आसपास लाह के पोषक पेड़ (बेर और कुसुम) बहुतायत में हैं। ग्रामसभा में निर्णय लेकर बेकार पड़ी जमीन पर सामूहिक खेती करने और पेड़ों पर लाह लगाने का निर्णय लिया गया। पिछले तीन साल से गांव के लोग मिलजुल कर खेती कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि पहाड़ जैसा काम हंसते-हंसते हो जाता है। उत्पादों को बाजार में बेचकर डेढ़ ल...