Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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आप कब शुरू करेंगे छोटे और मोटे अनाज का भोजन

आप कब शुरू करेंगे छोटे और मोटे अनाज का भोजन

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा कुछ ही दिन पहले हिन्द महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के त्रिवेणी संगम पर स्थित कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद परिसर के विशाल सभागार में आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित “इंटरनेशनल आयुष समिट” का तीन दिवसीय आयोजन हुआ था, जिसका “की नोट स्पीच” मैंने दिया था और समारोह का उद्घाटन केरल के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान साहब ने किया। मेरा पूरा व्याख्यान रोगों से बचाव में छोटे और मोटे अनाज यानी मिलेट्स की उपयोगिता को लेकर ही था। मैंने उपस्थित सैकड़ों डॉक्टरों और विभिन्न मेडिकल कॉलेज के छात्रों से यही कहा कि आप अच्छे डॉक्टर मात्र बड़ी कम्पनियों की अच्छी और महंगी दवाइयां लिखने भर से नहीं कहे जायेंगे, बल्कि अच्छे डॉक्टर बनने के लिए आपको अपने मरीजों को यह भी बताना होगा कि वे जिस रोग से ग्रसित हैं, वे रोग उन्हें हुये क्यों और उससे बचा कैसे जा सकता है। यदि डॉक्टर रोगों की प्रति...
भारत ने दिलाई मोटे अनाज को अंतरराष्ट्रीय पहचान

भारत ने दिलाई मोटे अनाज को अंतरराष्ट्रीय पहचान

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा मोटा अनाज यानी की श्रीअन्न आज दुनिया की पसंद बनता जा रहा है। दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज समूची दुनिया 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मना रही है। मोटे अनाज के महत्व और पोषकता को देखते हुए ही इसे श्रीअन्न कहकर पुकारा गया। 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोटे अनाज को पोषक अनाज घोषित करने के लिए विश्वव्यापी अभियान शुरू किया था। यह उनके प्रयासों का नतीजा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने मोटे अनाज के महत्व को समझते हुए 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर घोषित किया। आज देश-दुनिया के देश मोटे अनाज के प्रति जागरूक हो रहे हैं। दरअसल खान-पान के चलते एक के बाद एक बीमारियों से लोग दो-चार होने लगे हैं। ऐसे में मोटा अनाज एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है। देश-विदेश में मोटे अनाज का गुणगान होने लगा है। मोटापा, डायबिटीज, विटामिन की डेफिसिएंसी, बढ़ती हार्...
मप्र की लहरी बाई ने प्रधानमंत्री मोदी को भेंट की मोटे अनाज की सामग्री

मप्र की लहरी बाई ने प्रधानमंत्री मोदी को भेंट की मोटे अनाज की सामग्री

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को नई दिल्ली के पूसा में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स कॉन्फ्रेंस (International Millets Conference) का शुभारम्भ किया। इस कॉन्फ्रेंस में मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में विलुप्त हो रहे मोटे अनाज (vanishing millets) के बीज संरक्षित कर किसानों को उपलब्ध कराने वाली लहरी बाई (Lahari Bai) भी शामिल हुईं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मोटे अनाज (श्री अन्न) की सामग्री भेंट की। दरअसल, लहरी बाई द्वारा तैयार किए गए विलुप्त हो रहे मोटे अनाज क बीज बैंक की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं। शनिवार को दिल्ली में शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए लहरी बाई को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। कॉन्फ्रेंस में लहरी बाई ने विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बीज का स्टॉल लगाया था। प्रधानमंत्री मोदी ...
आप कब शुरू करेंगे मोटे अनाज का भोजन

आप कब शुरू करेंगे मोटे अनाज का भोजन

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- आर.के. सिन्हा पिछले सप्ताहांत हिन्द महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के त्रिवेणी संगम पर स्थित कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद परिसर के सभागार में आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय 'इंटरनेशनल आयुष समिट' में 'की नोट स्पीच' मैंने दी।समारोह केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमम्द खान मौजूद रहे। मेरा पूरा व्याख्यान रोगों से बचाव में मोटे अनाज की उपयोगिता को लेकर रहा। मैंने उपस्थित सैकड़ों डॉक्टरों और विभिन्न मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों से यही कहा कि आप अच्छे डॉक्टर मात्र अच्छी दवाइयां लिखने भर से नहीं कहे जायेंगे बल्कि अच्छे डॉक्टर बनने के लिए आपको अपने मरीजों को यह भी बताना होगा कि वे जिस रोग से ग्रसित हैं, उससे बचा कैसे जा सकता है। यदि डॉक्टर रोगों की प्रतिरोधक क्षमता तैयार करने वाले मोटे अनाजों के गुण को समझ लें तो उनका, उनके मरोजों का और पूरे समाज को भारी फायदा होगा। मोटे अनाज सिर्फ...