द केरल स्टोरी: सामाजिक समस्याएं उठाना सिनेमा का कर्तव्य
- हृदयनायरायण दीक्षित
कला संगीत और नृत्य का स्रोत आनंद है। आनंद का स्रोत प्रकृति है। प्रकृति रूपों से भरी पूरी है। रूप आँखों से देखे जाते हैं। कविता में उनका वर्णन हो सकता है। नाट्य कला में गीत संगीत और नृत्य एक साथ होते हैं। भारत में अभिनयशास्त्र का विकास प्राचीन काल में ही हो रहा था। भरत मुनि का नाट्य शास्त्र इसका साक्ष्य है। नाट्यशास्त्र पांचवां वेद कहा गया था। गीता अद्वितीय दर्शनशास्त्र है। अपनी विभूतियाँ बताते हुए कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि, `मैं वेदों में सामवेद हूँ।' सामवेद का सम्बंध गायन से है और वेद का अर्थ है ज्ञान। सामवेद में ज्ञान और गान एक साथ हैं। सिनेमा लोकप्रिय माध्यम है। सिनेमा अभिनय और नाटक का ही अति विकसित रूप है। अरबों- खरबों का उद्योग है। सिनेमा में संस्कृति इतिहास और काल्पनिक कथाएं एक साथ हैं। सिने कथाओं का स्रोत प्रत्यक्ष लोक है।
प्रकृति में प्रतिपल संगीत हैं। वा...