Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: China

घटानी ही होगी चीन पर भारत की आत्मनिर्भरता

घटानी ही होगी चीन पर भारत की आत्मनिर्भरता

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा भारत के जांबाज सैनिकों ने पिछली 09 दिसंबर को चीन के गले में अंगूठा डाल दिया था। बात-बात पर धौंस जमाने वाले चीन को गलवान के बाद भारत ने तवांग में उसकी कायदे से अपनी औकात समझा दी। भारतीय सैनिकों ने चीनियों की कसकर भरपूर धुनाई की। लेकिन तवांग में चीन ने जो कुछ देखा वो तो महज एक झांकी है। जरूरत पड़ी तो भारत कसकर चीन को कसने के लिए तैयार है। पर यह कहना होगा कि भारत और चीन के बीच की जंग दुनिया की सबसे कठिन जंग होगी। दोनों देशों ने आपस में समझौता कर रखा है कि बंदूक तो बंदूक कोई तलवार तक नहीं निकालेगा म्यान से। हां गदा युद्ध हो सकता है। मल्ल युद्ध हो सकता है। 1967 में में नाथूला की जंग में चीन के चार सौ से अधिक सैनिक मारे गए थे तब से चीन बंदूकबाजी से डरता है और भारत तो हमेशा से उदारमना है ही। गौतम बुद्ध और गांधी का देश भारत तो किसी से खुद तो पंगा लेता ही नहीं है। दूसरी तरफ मैकमोहन...
चीन की चुनौती से निपटने के लिए हमें बनानी होगी व्यापक रणनीति

चीन की चुनौती से निपटने के लिए हमें बनानी होगी व्यापक रणनीति

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- कमलेश पांडेय आपको पता है कि भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई बार झड़प हो चुकी है, जिस दौरान भारतीय सेना ने अद्भुत शौर्य और पराक्रम दिखाते हुए कई बार चीनी सेना को खदेड़ चुकी है। इस दौरान हमारी सेना ने अपने वीर जवानों के बलिदान भी दिए हैं, जिस पर पूरे देश को गर्व है। अब तेजी से बदलते जियो-पॉलिटिक्स के बीच वक्त की मांग है कि चीन की चुनौती से निपटने के लिए हम व्यापक रणनीति बनाएं, ताकि 1962 का शर्मनाक इतिहास खुद को दोहरा नहीं पाए। बता दें कि स्वतंत्र भारत में भारत और चीन के बीच एक बार ही युद्ध साल 1962 में हुआ था। तब एक माह तक चले युद्ध के दौरान चीन ने भारत की काफी जमीन हड़प ली थी, जिसे वापस पाने के लिए पीओके की तरह ही संसदीय प्रतिबद्धता दिखाने की जरूरत है। इस बात में दो राय नहीं कि सामरिक महत्व की दृष्टि से सीओके यानी चीन ओक्यूपाइड कश्मीर का अपना महत्व है। इतिहास गवाह है कि 1967 ...
सीमा से इंटरनेट तक चीन की हरकतों को लेकर अलर्ट हुआ भारत, SOP की जारी

सीमा से इंटरनेट तक चीन की हरकतों को लेकर अलर्ट हुआ भारत, SOP की जारी

देश
नई दिल्‍ली । केवल सीमा ही नहीं पड़ोसी चीन (china) साइबर अटैक (cyber attack) के जरिए भी भारत को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। अब सरकार (government) ने मंत्रालयों और पब्लिक सेक्टर यूनिय यानी PSUs के लिए SOP जारी की हैं और उनका पालन जरूरी कर दिया है। इन प्रक्रियाओं को नहीं मानने पर कार्रवाई की बात कही गई है। हाल ही में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज पर साइबर हमला हुआ था। सरकार की तरफ से जारी SOP में कंप्यूटर बंद करना, ईमेल्स से साइन ऑफ करना और पासवर्ड अपडेट करते रहना शामिल है। ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि आशंका जताई जा रही है कि AIIMS में हुआ साइबर अटैक कर्मचारी के इन SOP का पालन नहीं करने की वजह से हुआ था। बीते कुछ समय में पावर ग्रिड से लेकर बैंकिंग सिस्टम तक साइबर अटैक का शिकार हुए हैं। हालांकि, भारत ने अटैक...
भारत-चीन के बीच व्यापार घाटा दस साल में बढ़कर 36.31 अरब अमेरिकी डॉलर

भारत-चीन के बीच व्यापार घाटा दस साल में बढ़कर 36.31 अरब अमेरिकी डॉलर

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। भारत और चीन (India and China) के बीच वित्त वर्ष 2004-05 से 2013-14 के बीच दस साल में व्यापार घाटा (trade deficit in ten years) बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर (US$ 36.21 billion) रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक पूरक सवाल के जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 से लेकर 2013-14 के बीच चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 तक इसमें 100 फीसदी की वृद्धि हुई है। पीयूष गोयल ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2004-05 में चीन के साथ व्यापार घाटा 1.48 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2013-14 में बढ़कर 36.21 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में चीन ...
हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के शांति प्रयास

हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत के शांति प्रयास

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- डॉ.दिलीप अग्निहोत्री हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत द्वारा किए जा रहे शांति प्रयास महत्वपूर्ण हैं। विश्व स्तर पर इन प्रयासों की सराहना हो रही है। इस मसले पर चीन अकेला पड़ता जा रहा है। अमेरिका ने इस क्षेत्र में भारत के साथ साझा प्रयास करने का संकल्प व्यक्त किया। इसके बाद आसियान देशों का भी भारत को समर्थन मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गणतंत्र दिवस पर आसियान देशों को आमंत्रित कर चुके हैं। आसियान के दस राष्ट्राध्यक्ष गणतंत्र दिवस में मुख्य समारोह के गवाह बने थे। यह विदेश नीति का नायाब प्रयोग था। इसने आसियान के साथ भारत के आर्थिक, राजनीतिक, व्यापारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्तों का नया अध्याय शुरू किया था। महत्वपूर्ण यह था कि सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भारत के निमंत्रण को स्वीकार किया। एक्ट ईस्ट की नीति कारगर ढंग से आगे बढ़ी। चीन विश्वास के लायक नहीं है। इसलिए मोदी ने आसियान देशो...
चीन में बगावत के संकेत

चीन में बगावत के संकेत

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ आजकल जिस तरह के आंदोलन जगह-जगह हो रहे हैं, वे 1989 में थ्यानमेन चौराहे पर हुए भयंकर नरसंहार की याद ताजा कर रहे हैं। पिछले 33 साल में इतने जबरदस्त प्रदर्शन चीन में दुबारा नहीं हुए। ये प्रदर्शन तब हो रहे हैं जबकि यह माना जा रहा है कि माओत्से तुंग के बाद शी सबसे अधिक लोकप्रिय और शक्तिशाली नेता हैं। अभी-अभी उन्होंने अपने आपको तीसरी बार राष्ट्रपति घोषित करवा लिया है लेकिन चीन के लगभग 10 शहरों के विश्वविद्यालयों और सड़कों पर उनके खिलाफ नारे लग रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? सारे अखबार और टीवी चैनल मानकर चल रहे हैं कि ये प्रदर्शन कोरोना महामारी के दौरान जारी प्रतिबंधों के खिलाफ हो रहे हैं। मोटे तौर पर यह बात सही है। चीन में कोरोना की शुरुआत हुई और वह सारी दुनिया में फैल गया लेकिन दुनिया से तो वह विदा हो लिया किं...
जो काम चीन की सेना नहीं कर सकती, वह नोटबंदी-जीएसटी ने कर दियाः राहुल गांधी

जो काम चीन की सेना नहीं कर सकती, वह नोटबंदी-जीएसटी ने कर दियाः राहुल गांधी

देश, मध्य प्रदेश
- मप्र में भारत जोड़ो यात्रा के पांचवें दिन राहुल गांधी ने इंदौर के राजबाड़ा पर सभा को किया संबोधित भोपाल। मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के पांचवें दिन रविवार देर शाम राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जनसभा को संबोधित करते हुए नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने व्यापारियों और उनसे जुड़े मुद्दे उठाते हुए कहा कि कहा कि जो काम चीन की सेना नहीं कर सकती है, वह काम इन दोनों पॉलिसियों कर दिया। भारत जोड़ो यात्रा रविवार को पांचवें दिन महू से शुरू होकर देर शाम इंदौर पहुंची। यहां उन्होंने यहां मंच पर मां अहिल्या बाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण किया। मंच पर पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश समेत कई नेता मौजूद रहे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा एमपी में 5वां दिन है। राहुल ग...
1962 की जंगः भारत वापस ले चीन से अपनी जमीन

1962 की जंगः भारत वापस ले चीन से अपनी जमीन

अवर्गीकृत
- आरके सिन्हा अब भी देश की 70 की उम्र पार कर गई पीढ़ी को याद है जब भारत-चीन युद्ध 20 अक्टूबर, 1962 को शुरू हुआ था। चीन ने 20 अक्टूबर को अचानक भारत की सीमा पर हमला बोला था। हालांकि तब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद चल तो रहा था, पर चीन की एकतरफा कार्रवाई की किसी ने उम्मीद नहीं की थी। देश 1962 से अब तक उस जंग के खलनायकों पर बार-बार चर्चा करता रहा है। पर जरा देखिए कि उस जंग के एक बड़े खलनायक की राजधानी में लगी आदमकद मूर्ति को देखकर हरेक सच्चे भारतवासी का मन उदास हो जाता है। हम बात कर रहे हैं कृष्ण मेनन मार्ग पर लगी वी.के. कृष्ण मेनन की मूर्ति की। वे भारत के पूर्व रक्षा मंत्री थे। क्या इस सड़क का नाम आज के दिन कृष्ण मेनन मार्ग होना चाहिए, जो कि भारत के रक्षा मंत्री रहते हुए भी चीन के एजेंट का ही काम कर रहे थे ? उस जंग में हमारे सैनिक कड़ाके की ठंड में पर्याप्त गर्म कपड़े पहने बिना ही लड़े थे।...
तिब्‍बत को लेकर चीन की नई साजिश, घोषित करना चाहता है अपना दलाई लामा, ऐसे हुआ खुलासा

तिब्‍बत को लेकर चीन की नई साजिश, घोषित करना चाहता है अपना दलाई लामा, ऐसे हुआ खुलासा

विदेश
ल्हासा/तिब्बत । चीन (China) तिब्बत (Tibet) और निर्वासित दलाई लामा (Dalai Lama) को लेकर लगातार आक्रामक रुख दिखाता रहा है। हाल ही में चीन के दो गोपनीय आंतरिक दस्तावेज (confidential internal documents) से एक खास रणनीति का खुलासा हुआ है। इनसे पता चलता है कि कैसे 14वें दलाई लामा के तौर पर वो अपने आदमी को बिठाना चाहता है। धार्मिक आजादी और मानवाधिकार से जुड़ी मैगजीन बिटर विंटर के एडिटर इन चीफ मार्को रेस्पिंटी का कहना है कि रिपोर्ट दो अनदेखी और महत्वपूर्ण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) नीति दस्तावेज पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दस्तावेज चीन में प्रभावशाली और कुशल तिब्बती शोधकर्ताओं को भेजे गए हैं। यह प्रकट करता है कि चीनी सरकार दलाई लामा के बाद के युग की विस्तृत तैयारी कर रही है। इस रिपोर्ट में दलाई लामा के निधन को भुनाने और उत्तराधिकारी चुनने की चीन की योजनाओं का विवरण है। हाल ही ...