Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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मोबाइल फोन की गिरफ्त में बचपन

मोबाइल फोन की गिरफ्त में बचपन

अवर्गीकृत
- आशुतोष दुबे भागदौड़ भरी जिंदगी से कुछ समय निकालकर अपनी दिनचर्या पर नजर डालेंगे तो आपका अधिकतम समय मोबाइल फोन के साथ ही बीतता है। व्यक्ति की इसी कार्यशैली का अनुकरण घर-परिवार के बच्चे भी कर रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि बच्चों का बचपन मोबाइल की गिरफ्त में धीरे-धीरे आता जा रहा है और बालमन परिवर्तित हो जाता है, हमें पता ही नहीं चलता। पहले के समय में बच्चा दादा-दादी, चाचा-चाची या घर के अन्य सदस्यों की ममता भरी गोद में कविता, कहानी सुनते हुए, खेल खेलते हुए, सीखते हुए आगे बढ़ता था। आज वह मोबाइल के सहारे आगे बढ़ रहा है और तो और यदि घर में कोई सदस्य नहीं होता है तो ध्यान करिए पास पड़ोसियों के पास जाकर खेलता कूदता था। उसके लालन पोषण में जो पास-पड़ोस के लोगों का योगदान होता था, जो अब यह नहीं दिखता है। समय रहते इस गंभीर विषय पर हमें सोचना होगा। सचेत होना होगा। नहीं तो आने वाले समय में परिणाम बहुत...
खरीद-फरोख्त की भट्ठी में जलता बचपन

खरीद-फरोख्त की भट्ठी में जलता बचपन

अवर्गीकृत
- मुकुंद सूडान में इस साल पहली जनवरी को दुनिया का सबसे कुख्यात और अमीर मानव तस्कर किडेन जेकारियास हब्टेमरियाम इंटरपोल के हत्थे चढ़ चुका है। वह अफ्रीकी देश इरीट्रिया का रहने वाला है। हब्टेमरियाम के लीबिया में संचालित शिविर में यूरोप जाने के लिए लालायित हजारों पूर्वी अफ्रीकी प्रवासियों को बंधक बनाकर रखा जाता था। खुलासा हुआ था कि इस शिविर में बंधक बनाकर रखी गई महिलाओं और बच्चों का यौन शोषण कराया जाता था। देश-दुनिया में फलते-फूलते इस उद्योग की जड़े कितनी गहरी हैं, इसका खुलासा 24 घंटे पहले जयपुर में जारी की गई ‘रेलवेज–मेकिंग द ब्रेक इन ट्रैफिकिंग’ नामक रिपोर्ट से भी होता है। इस रिपोर्ट को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक संजय चंदर ने जयपुर में 18वीं यूआईसी विश्व रेलवे सुरक्षा कांग्रेस में सार्वजनिक किया है। इसमें कहा गया है कि आज मानव तस्करी दुनिया ...