भारत में बच्चे गोद लेने की प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो, सुप्रीम कोर्ट ने फिर जताई नाराजगी
नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि भारत (India) में गोद लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की जरूरत है, क्योंकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) के तहत एकल बच्चे को गोद (child adoption) लेने के लिए तीन से चार साल की प्रतीक्षा अवधि होती है, जबकि ‘लाखों-लाख अनाथ बच्चे गोद लिये जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’ शीर्ष अदालत ने पहले भी इस प्रक्रिया को ‘बहुत थकाऊ’ करार दिया था और उस वक्त भी प्रक्रियाओं को ‘सुव्यवस्थित’ करने की तत्काल आवश्यकता जताई थी. पीठ ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए अक्टूबर में सूचीबद्ध किया.
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से कहा, ‘कई युवा दम्पती बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ल...