Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: central government

मैली गंगा, देश चंगा!

मैली गंगा, देश चंगा!

अवर्गीकृत
- मुकुंद पतित-पावन गंगा नदी तमाम सरकारी और गैरसरकारी प्रयासों के बावजूद मैली की मैली है। केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों को गंगा की लहरों पर कचरा बहाने वाले नाकाम कर रहे हैं। गंगा हिमालय में गंगोत्री से निकल कर वाराणसी होती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसके तट पर हजारों शहर और गांव बसे हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) गंगा की दशा पर लगातार आंसू बहा रहा है। एनजीटी ने 13 जुलाई, 2017 को गंगा की सफाई पर दिए अपने फैसले में गंभीर टिप्पणी की थी। एनजीटी ने कहा था कि सरकार ने गंगा को शुद्ध करने के लिए पिछले दो साल में 7,000 करोड़ रुपये खर्च किए। लेकिन गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में रत्तीभर सुधार नहीं दिखा। एनजीटी ने फैसले में कहा था-'आगे अब और इंतजार करने की कोई गुंजाइश नहीं बची है।' मार्च 2017 तक 7304.64 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद केंद्र, राज्य सरकारें और उत्तर प्रदेश राज्य के स्थानीय...

मप्र में केन्द्र सरकार के लक्ष्य से 70 हजार मीट्रिक टन अधिक हुआ मूंग उपार्जन

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री ने समीक्षा कर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दी प्रगति की जानकारी भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार शाम को अपने निवास पर बैठक लेकर प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द (summer moong and urad) के उपार्जन से संबंधित कार्यों की जानकारी ली। बताया गया कि प्रदेश में करीब साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन मूंग और उड़द की खरीदी हो चुकी है। केन्द्र सरकार (central government) द्वारा दिए गए लक्ष्य से अधिक उपार्जन (Earning more than target) किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने उपार्जन से जुड़े पहलुओं का विवरण प्राप्त किया। उन्होंने खरीदी कार्य की समीक्षा कर केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को मध्यप्रदेश की मूंग और उड़द उपार्जन के कार्य की प्रगति की जानकारी दूरभाष पर दी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थ...

कश्मीर में जम्हूरियत की नई भोर

अवर्गीकृत
- श्याम सुंदर भाटिया केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लाखों गैर कश्मीरियों को अमृत महोत्सव का अनमोल तोहफा दिया है। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद लोकतांत्रिक तौर पर बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है। केंद्र शासित इस सूबे में परिसीमन के बाद गैर कश्मीरियों को वोटिंग का हक मिलने जा रहा है। नए वोटर्स लिस्टेड होने के बाद घाटी में तकरीबन 25 लाख मतदाताओं का इजाफा हो जाएगा। मौजूदा वोटर्स में करीब एक तिहाई मतदाता और बढ़ जाएंगे। वोटर्स का यह आंकड़ा करीब एक करोड़ या इससे से अधिक हो जाएगा। नए चुनाव के बाद केंद्र शासित सूबे की सियासी तस्वीर बिल्कुल जुदा होने का अनुमान है, लेकिन गैर कश्मीरियों को वोटिंग देने का अधिकार इस सूबे के सियासतदानों को एकदम हजम नहीं हो रहा है। प्रमुख दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। लद्दाख पहली बार नहीं होगा कश्मीर इलेक्शन का हिस्सा आर्टिकल 370 की समाप्...

‘कुत्ते के काटने पर मुआवजा देने का कानून नहीं’, बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्र सरकार का बयान

देश
नई दिल्‍ली । पिछले कुछ सालों में देश में कुत्तों (dogs) के काटे जाने के मामलों में वृद्धि देखी गई है. सड़क-गलियों में घूमते आवारा कुत्ते और पालतू कुत्ते कभी भी किसी को भी अपना शिकार बना लेते हैं. देश के कई शहरों में कुत्तों के हमले (attack) में मासूम बच्चों की जान जाने की भी खबरें सामने आई हैं. कुत्तों के काटने पर मुआवजा दिए जाने वाली बात पर देश के मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्रालय (Ministry of Fisheries and Animal Husbandry) का बयान सामने आया है. सरकार का कहना है कुत्तों के काटने पर मुआवजा देने का कोई नियम नहीं है. लिवस्टॉक की जनगणना में सामने आया है कि साल 2012 में देश में आवारा कुत्तों की जनसंख्या 171.4 लाख थी जो 2019 में घटकर 153.1 लाख हो गई है. लेकिन पालतू और आवारा कुत्तों के इंसानों को काटे जाने के मामले बड़े हैं. देश के मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्रालय ( Ministry of Fisheries and Ani...

शिवसेना का ‘सामना’ के जरिए केंद्र पर वार, कहा- विपक्ष की आवाज दबाने सांसदों का किया गया निलंबन

देश, राजनीति
मुंबई । शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुख पत्र सामना (saamana) में संपादकीय लेख (editorial articles) के माध्यम से संसदीय कार्यवाही (parliamentary proceedings) को लेकर केंद्र सरकार (Central government) पर हमला बोला. संपादकीय लेख में कहा गया की सत्ताधारी सरकार विरोधियों की आवाज दबाना चाहती है और इसी कारण संसद में दर्जनों सांसदों को निलंबित किया गया है. कहा गया कि यह सांसद जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं उनके मुद्दे उठाते हैं लेकिन सरकार जनता की महंगाई पर आवाज सुनना नहीं चाहती. आरोप लगाया गया कि संसद में कोई आवाज उठाई तो उनके मुंह पर निलंबन की पट्टी चिपका देते हैं और सांसदों को क्या बोलना है यह भी केंद्र सरकार ही तय कर रही है. लेख में कहा गया कि विरोध करने वाले सांसदों की आवाज आप दबा सकोगे, परंतु महंगाई के खिलाफ यलगार का आह्वान करनेवाली जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता, इसे ध्यान में रखें. न...
केजरीवाल को क्यों रोका हुआ है?

केजरीवाल को क्यों रोका हुआ है?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विदेश जाने से केंद्र सरकार ने रोक रखा है। पिछले सवा महीने से उनकी अर्जी उप राज्यपाल के दफ्तर में अटकी पड़ी है। पहले उन्हें उप राज्यपाल की अनुमति लेनी पड़ेगी और फिर विदेश मंत्रालय की। किसी भी मुख्यमंत्री को यह अर्जी क्यों लगानी पड़ती है? क्या वह कोई अपराध करके देश से पलायन की फिराक में है? क्या वह विदेश में जाकर भारत की कोई बदनामी करनेवाला है? क्या वह देश के दुश्मनों के साथ विदेश में कोई साजिश रचने वाला है? क्या वह अपने कालेधन को छिपाने की वहां कोई कोशिश करेगा? आज तक किसी मुख्यमंत्री पर इस तरह का कोई आरोप नहीं लगा। स्वयं नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कई देशों में जाते रहे। कांग्रेस की केंद्रीय सरकार ने उनकी विदेश यात्राओं में कभी कोई टांग नहीं अड़ाई। तो अब उनकी सरकार ने केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा पर चुप्पी क्यों सा...