आरक्षण बन गया अफीम की गोली
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक
भारत में जातीय आरक्षण अफीम की गोली बन चुका है। हर राजनीतिक दल चाहता है कि वह जातीय आधार पर थोक वोट सेंत-मेत में कबाड़ ले। इस समय दो प्रदेशों में जातीय आरक्षण को लेकर काफी दंगल मचा हुआ है। एक है, छत्तीसगढ़ और दूसरा है- उत्तर प्रदेश! पहले में कांग्रेस की सरकार है और दूसरे में भाजपा की सरकार। लेकिन दोनों तुली हुई हैं कि 50 प्रतिशत की संवैधानिक सीमा को तोड़कर आरक्षण को 76 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग तक बढ़ा दिया जाए। बिहार तथा कुछ अन्य प्रांतों में भी इस तरह के विवादों ने तूल पकड़ लिया है।
जहाँ तक छत्तीसगढ़ का सवाल है, उसकी सरकार ने विधानसभा में ऐसे विधेयक को पारित कर दिया है, जो 58 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ा कर 76 प्रतिशत कर देता है। आर्थिक दृष्टि से पिछड़ों के लिए सिर्फ 4 प्रतिशत आरक्षण रखा गया है। इस नई प्रस्तावित आरक्षण-व्यवस्था के पीछे न तो कोई ठोस आंकड़े हैं और न ही तर्क हैं।...