खुदरा ऋण से गुलजार होते बाजार के साथ बढ़ती चुनौतियां
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
देश में कोरोना के बाद अब जिस तरह बाजार में तेजी देखी जा रही है और जिस तरह बैंकों से खुदरा ऋणों के वितरण में तेजी आई है वह निश्चित रूप से उत्साहजनक है। इससे बाजार में नए जोश का संचार हुआ है तो अर्थव्यवस्था को भी गति मिली हैै। देश के आर्थिक क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना है। देखा जाए तो खुदरा ऋण क्षेत्र में मुख्यतः वाहन, आवास, उपभोक्ता व पर्सनल लोन सेगमेंट आता है। बैंकों के कर्ज वितरण में बढ़ोतरी भले ही शुभ संकेत माना जा रहा हो पर अनुत्पादक कार्यों के लिए ऋण वितरण में बढ़ोतरी चिंताजनक भी है। याद करें कुछ साल पहले अमेरिका की सारी अर्थव्यवस्था आवास ऋणों के चलते गंभीर संकट का सामना कर चुकी है।
बाजार इसलिए उत्साहित है कि कोरोना के बाद बैंकों से ऋण की मांग बढ़ी है तो आसानी से उपलब्ध कर्ज के चलते बाजार गुलजार रहे हैं। वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है और बदलाव का ट्रें...