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भारत में सुधारों की रफ्तार से ‘लॉजिस्टिक्स’ गुलजार

भारत में सुधारों की रफ्तार से ‘लॉजिस्टिक्स’ गुलजार

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- सुमिता डावरा भारत आज विकास की ऊंची उड़ान भरने को तैयार है। वैश्विक स्तर पर सभी प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत की लॉजिस्टिक्स संबंधी रेटिंग बेहतर होते जाने के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स से जुड़ी इसकी बाधाएं दूर होती जा रही हैं। मैन्यूफैक्चरिंग और व्यापार के क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति बुनियादी ढांचे और निर्यात-आयात (एक्जिम) संबंधी लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाने से संबंधित सुधारों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है। बुनियादी ढांचे को अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण विकास इंजन के रूप में पहचानते हुए, प्रधानमंत्री की गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जैसे सुधारों ने सामानों एवं यात्रियों की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक्स से जुड़े बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स संबंधी सेवाओं में सुधार पर ध्यान केन्द्रित किया है। और बहुत ही कम समय में, इन सुधारों के परिणाम दिखाई देने लगे है...
चीतों से गुलजार होती भारत की धरती

चीतों से गुलजार होती भारत की धरती

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- योगेश कुमार गोयल करीब सात दशक बाद मोदी सरकार के गंभीर प्रयासों से भारत में पिछले साल 17 सितम्बर को चीतों की वापसी हुई थी। नामीबिया की राजधानी विंडहोक से ग्वालियर लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बाड़े में छोड़ा गया था। यह सभी चीते यहां के माहौल में पूरी तरह ढ़ल चुके हैं। चीतों के पुनर्वास की चल रही योजना के तहत 18 फरवरी को भी दक्षिण अफ्रीका से सात नर और पांच मादा चीते कूनो नेशनल पार्क लाए गए। अब भारत में चीतों की संख्या 20 हो गई है। करीब 50 वर्ष पहले चीतों को भारत लाने के प्रयास शुरू हुए थे पर उन पर कामयाबी नहीं मिल पाई थी। 21वीं सदी के इन दो दशकों में चीतों की वापसी के प्रयासों में तेजी आई और उनके संरक्षण के लिए गलियारों की पहचान और उन्हें सुदृढ़ करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। 2009 में राजस्थान के अजमेर में हुई बैठक में चीतों को भारत लाने की चर्चा पुनर्जीवित हुई औ...