Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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शेयर समीक्षा: लगातार उतार-चढ़ाव के बावजूद सकारात्मक रहा कारोबार

शेयर समीक्षा: लगातार उतार-चढ़ाव के बावजूद सकारात्मक रहा कारोबार

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। लगातार उतार-चढ़ाव (ups and downs) के बावजूद पिछला कारोबारी सप्ताह (trading week) शेयर बाजार (stock market) के लिए सकारात्मक परिणाम (positive result) वाला रहा। इस दौरान सेंसेक्स साप्ताहिक आधार (Sensex Weekly Basis) पर 78.52 अंक की ओवरऑल बढ़त के साथ 62,625.63 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी (Nifty) 29.30 अंक की मजबूती के साथ 18,563.40 अंक के स्तर पर बंद हुआ। माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक की ओर से अनुमान के मुताबिक मौद्रिक नीति का ऐलान किए जाने, विदेशी संस्थागत निवेशकों की भागीदारी में तुलनात्मक तौर पर कमी आने और अगले सप्ताह होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक को लेकर मिल रहे पॉजिटिव संकेतों की वजह से घरेलू शेयर बाजार वैश्विक दबाव के बावजूद मामूली बढ़त हासिल करने में सफल रहे। पिछले कारोबारी सप्ताह के दौरान बीएसई का लार्जकैप इंडेक्स सपाट स्तर पर बंद हुआ। ...
वेडिंग सीजन में 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार का अनुमान

वेडिंग सीजन में 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार का अनुमान

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। मकर संक्रांति के बाद से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। पिछले सीजन के कारोबार से उत्साहित देशभर के व्यापारी 15 जनवरी से जून तक चलने वाले शादी सीजन में बड़े व्यापार की कोशिशों में जुट गए हैं। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की मानें तो 6 महीनों के शादी सीजन में देशभर में लगभग 70 लाख शादियां होने की संभावना है, जिससे लगभग 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने का अनुमान है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इस सीजन में देशभर में लगभग 70 लाख शादियां होंगी। कोरोना काल के बाद बिना प्रतिबंध के होने वाले शादी के इस सीजन में खरीदारी में पैसा भी पानी की तरह बहाया जाएगा। अकेले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस सीजन में करीब 8 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है, जिससे सिर्फ दिल्ली में ही लगभग 1.25 लाख करो...
व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार: सीतारमण

व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार: सीतारमण

देश, बिज़नेस
- 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में नवाचार की भूमिका अहम नई दिल्ली/चेन्नई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि सरकार सीमा-शुल्क विभाग (border tax department) के अधिकारियों और व्यापार समुदायों समेत प्रत्येक हितधारक के लिए व्यापार सुगमता (ease of doing business) को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सीतारमण ने कस्टम भवन परिसर में नए कार्यालय ‘वैगई’ की आधारशिला रखने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। सीतारमण ने रविवार को यहां वैगई की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में कहा कि व्यापार से जुड़ी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने पर सरकार ध्यान दे रही है और इस दिशा में प्रगति भी देखी गई है। उन्होंने कहा कि नई इमारत के निर्माण के अलावा इन दिनों इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि इमारतों को बिजली की कम खपत करने वाला कैसे बनाया जाए। उन्होंने...
दो दिन के कारोबार में निवेशकों को लगा 6 लाख करोड़ का चूना

दो दिन के कारोबार में निवेशकों को लगा 6 लाख करोड़ का चूना

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार (domestic stock market) में कल से ही जारी गिरावट के कारण सिर्फ 2 दिन (just 2 days) में ही निवेशकों को करीब 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान (Investors lost about Rs 6 lakh crore) हो चुका है। भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स में गुरुवार को 878.88 अंक की और आज 461.22 अंक की गिरावट दर्ज की गई। इस तरह सप्ताह के आखिरी 2 कारोबारी दिन के दौरान सेंसेक्स में कुल 1,340.10 अंक गिरावट आ गई। इसी तरह निफ्टी में गुरुवार को 245.40 अंक की और आज 145.90 अंक की गिरावट दर्ज की गई। इस तरफ निफ्टी भी 2 दिनों में 491.30 अंक टूट चुका है। इन 2 दिनों के दौरान हुई गिरावट से शेयर बाजार के निवेशकों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। स्टॉक मार्केट से मिले आंकड़ों के मुताबिक आज का कारोबार बंद होने के बाद बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) घट कर 285.52 लाख करोड़ रुपये ...
डाक्टरी को ठगी का धंधा न बनाएँ

डाक्टरी को ठगी का धंधा न बनाएँ

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक कर्नाटक और गुजरात के मेडिकल कालेजों ने गज़ब कर दिया है। उन्होंने अपने छात्रों की फीस बढ़ा कर लगभग दो लाख रु. प्रति मास कर दी है। यानी हर छात्र-छात्रा को डाॅक्टर बनने के लिए लगभग 25 लाख रु. हर साल जमा करवाने पड़ेंगे। यदि डाॅक्टरी की पढ़ाई पांच साल की है तो उन्हें सवा करोड़ रु. भरने पड़ेंगे। आप ही बताइए कि देश में कितने लोग ऐसे हैं, जो सवा करोड़ रु. खर्च कर सकते हैं? लेकिन चाहे जो हो, उन्हें बच्चों को डाक्टर तो बनाना ही है। तो वे क्या करेंगे? बैंकों, निजी संस्थाओं, सेठों और अपने रिश्तेदारों से कर्ज लेंगे, उसका ब्याज भी भरेंगे और बच्चों को किसी तरह डाॅक्टर की डिग्री दिला देंगे। फिर वे अपना कर्ज कैसे उतारेंगे? या तो वे कई गैर-कानूनी हथकंडों का सहारा लेंगे या उनका सबसे सादा तरीका यह होगा कि वे अपने डाॅक्टर बने बच्चों से कहेंगे कि तुम मरीजों को ठगो। उनका खून चूसो और कर्ज चुकाओ। ...
कैट ने शादी के सीजन में 3.75 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का जताया अनुमान

कैट ने शादी के सीजन में 3.75 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का जताया अनुमान

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। दिपावली के त्योहारी सीजन (festive season) में हुए जबरदस्त कारोबार से उत्साहित होकर दिल्ली सहित देशभर के व्यापारी अब शादी के सीजन की बिक्री (wedding season sales) में जुट गए हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने शादी के सीजन में लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होने का अनुमान जताया है। कारोबारी संगठन कैट ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि 4 नवंबर देव उठान एकादशी से 14 दिसंबर तक लगभग 40 दिनों के शादियों का पहला चरण शुरू हो गया है, जिसमें देशभर में करीब 32 लाख शादियां होने का अनुमान है। इस सीजन में करीब 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होना आंका जा रहा है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सिर्फ दिल्ली में इस सीजन में लगभग 3.50 लाख से ज्यादा शादियों होने का अनुमान है, जिससे दिल्ली में ही क...
धनतेरस पर दो दिन में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का हुआ कारोबार

धनतेरस पर दो दिन में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का हुआ कारोबार

देश, बिज़नेस
- कैट का अनुमान, दीपावली पर होगा 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार - चीन को इस वर्ष 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान नई दिल्ली। देशभर में दो दिन मनाये गए धनतेरस के त्योहार (festival of dhanteras) पर करीब 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार (Business of more than 45 thousand crore rupees) होने का अनुमान है। कैट का अनुमान है कि इस वर्ष दीपावली त्योहार की बिक्री (Diwali festival sales) का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार (cross 1 lakh 50 thousand crore) होगा। देशभर के बाजारों में भारतीय सामान को ही खरीदने और बेचने की दी जा रही प्रमुखता के कारण चीन को इस वर्ष 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दो साल में कोरोना के कारण बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर बा...

हर घर तिरंगा अभियान से 500 करोड़ रुपये का हुआ कारोबार, बढ़ा रोजगार

देश, बिज़नेस
- कैट ने प्रधानमंत्री से 15 अगस्त से स्वराज वर्ष घोषित करने का किया आग्रह नई दिल्ली। देशभर में भारतीय तिरंगा फहराने (hoisting the Indian tricolor) के लिए पूरा देश नए जोश के साथ एक और स्वतंत्रता दिवस मनाने (celebrate independence day) के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के शुरू किए गए हर घर तिरंगा अभियान (har ghar tricolor campaign) ने लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा दिया है। तिरंगा को लेकर जताए गए अनुमान से कहीं ज्यादा हर घर तिरंगा अभियान से देशभर में इस बार 30 करोड़ से ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है, जिससे करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का कहना है कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और कोऑपरेटिव व्यापार की बड़...

लोगों ने सामूहिक खेती और व्यवसाय से बदल दी गांव की तस्वीर

अवर्गीकृत
- अनिल लगभग 15-20 वर्षों तक नक्सलवाद की जद में रहा तोरपा प्रखंड के गुम्पिला गांव के लोग काफी लंबे अरसे से गरीबी, बेरेजगारी, बिजली पानी, सड़क, चिकित्सा, सिंचाई जैसी बुनियाद समस्याओं से झेल रहे हैं लेकिन अब इन समस्याओं से उबरने की राह गांव वालों ने स्वयं ढूंढ ली है। ग्रामसभा के माध्यम से आय वृद्धि कर छोटी-मोटी समस्याओं के समाधान का रास्ता ग्रामीणों ने ढूंढ निकाला है। इस कार्य को आदिवासी और सदान दोनों वर्ग के लोग मिलजुल कर करते हैं। गांव में पांच एकड़ सामूहिक जमीन वर्षों से बेकार पड़ी थी। इसके आसपास लाह के पोषक पेड़ (बेर और कुसुम) बहुतायत में हैं। ग्रामसभा में निर्णय लेकर बेकार पड़ी जमीन पर सामूहिक खेती करने और पेड़ों पर लाह लगाने का निर्णय लिया गया। पिछले तीन साल से गांव के लोग मिलजुल कर खेती कर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि पहाड़ जैसा काम हंसते-हंसते हो जाता है। उत्पादों को बाजार में बेचकर डेढ़ ल...