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भारत-ब्रिटेन के मुक्त व्यापार समझौते के लिए आज से शुरू होगी छठे दौर की वार्ता

भारत-ब्रिटेन के मुक्त व्यापार समझौते के लिए आज से शुरू होगी छठे दौर की वार्ता

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन (India and Britain) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) (Free Trade Agreement (FTA)) के लिए छठे दौर की बातचीत सोमवार को यहां शुरू होगी। दरअसल, दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों (senior officials of both countries) के बीच होने वाली इस वार्ता का उद्देश्य एफटीए को जल्द पूरा करना है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक भारत-ब्रिटेन के बीच एफटीए को लेकर छठे दौर की वार्ता 12 दिसंबर से शुरू हो रही है। इस साल 13 जनवरी, 2022 को शुरू हुई इस वार्ता के तहत एक प्रमुख मुद्दा यात्री वाहन सहित वस्तुओं का व्यापार है। ब्रिटेन में हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद यह बातचीत फिर शुरू हो रही है। इससे पहले आखिरी दौर की वार्ता 29 जुलाई को हुई थी। इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले महीने कहा था कि मुक्त व्यापार समझौता दोनों देश...
ब्रिटेन में ऋषि के आने से चमकने लगे टोरी

ब्रिटेन में ऋषि के आने से चमकने लगे टोरी

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- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा राजनीति में व्यक्ति की निजी छवि का असर कितना, कितनी दूर तक और कितनी जल्दी पड़ता है इसका जीता जागता उदाहरण इंग्लैंड में कंजरवेटिव पार्टी के नेता भारतवंशी ऋषि सुनक की ताजपोशी से देखा जा सकता है। कंजरवेटिव पार्टी का दावा है कि वह यूरोप की सबसे पुरानी पार्टी है। इस पार्टी के जन्म के तार 'टोरी' गुट से से जुड़े हैं। यह गुट 17वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में प्रकट हुआ था। कुछ माह पहले यही टोरी कमजोर पड़ रहे थे। लेबर पार्टी की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। सुनक के प्रधानमंत्री बनने के साथ ही बदलाव शुरू हो गया है। पिछले कुछ सालों में कंजरवेटिव पार्टी अर्थात टोरियों को लेकर यूएस में लोगों में निराशा आई। देश संकटों से घिरा। दरअसल ब्रेक्जिट का निर्णय कहीं न कहीं यूरोपीय देशों को सुहाया नहीं है । तभी से इंग्लैंड के सामने चुनौतियों का पहाड़ भी खड़ा हुआ है। कोढ़ में खाज यह कि कोरोना के ...
ऋषि सुनक पर फूहड़ बहस

ऋषि सुनक पर फूहड़ बहस

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर भारत में बधाइयों का तांता लगना चाहिए था लेकिन अफसोस है कि हमारे नेताओं के बीच फूहड़ बहस चल पड़ी है। कांग्रेस के दो प्रमुख नेता, जो काफी पढ़े-लिखे और समझदार हैं, उन्होंने बयान दे मारा कि सुनाक जैसे ‘अल्पसंख्यक’ को यदि ब्रिटेन-जैसा कट्टरपंथी देश अपना प्रधानमंत्री बना सकता है तो भारत किसी अल्पसंख्यक को अपना नेता क्यों नहीं बना पाया? यह बहस चलाने वाले क्यों नहीं समझते कि भारत तो ब्रिटेन के मुकाबले कहीं अधिक उदार राष्ट्र है। इसमें सर्वधर्म, सर्वभाषा, सर्ववर्ग, सर्वजाति समभाव की धारणा ही इसके संविधान का मूल है। उनके उक्त बयान का असली आशय क्या है? उसका असली हमला भाजपा पर है। भाजपा की हिंदुत्व की अवधारणा ने कांग्रेसियों के होश उड़ा रखे हैं। हर चुनाव के बाद उनकी पार्टी सिकुड़ती जा रही है। कांग्रेस ने कई बार हिंदुत्व का पास फेंका और दाव...
ब्रिटेन में उथल-पुथल

ब्रिटेन में उथल-पुथल

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक ब्रिटेन में आजकल कुछ ऐसा हो रहा है, जो दुनिया में किसी भी लोकतंत्र में कभी नहीं हुआ। ब्रिटेन में लगभग दो सौ साल पहले ऐसा तो हुआ है कि जार्ज केनिग नामक प्रधानमंत्री के निधन के कारण 119 दिन बाद ही नए प्रधानमंत्री को शपथ लेनी पड़ी थी लेकिन अब तीन माह में ही लंदन में तीन प्रधानमंत्री आ जाएं, ऐसा पहली बार होगा। अभी डेढ़ महीना ही हुआ है लिज ट्रस को प्रधानमंत्री बने हुए और उन्हें अब इस्तीफा देना पड़ गया। उनके पहले बोरिस जानसन ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उनके कई मंत्रियों ने बगावत कर दी थी। उनके खिलाफ उन्होंने बयान देने शुरू कर दिए थे और एक के बाद एक उनके इस्तीफों की झड़ी लगने लगी थी। जानसन को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर उनकी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने नहीं, ब्रिटेन की जनता ने आम चुनाव जिताकर बिठाया था। लेकिन लिज ट्रस को पार्टी के सांसदों ने चुनकर बिठा दिया था। उन...

लिज ट्रस की जीत के अर्थ

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार ऋषि सुनक को हराकर यह सर्वोच्च पद पाया है। वे पिछली बोरिस जाॅनसन सरकार में विदेश मंत्री रही हैं। ऋषि सुनक हारे जरूर हैं लेकिन उन्हें 43 प्रतिशत वोट मिल गए जबकि ट्रस को 57 प्रतिशत वोट मिले। सुनक अंग्रेज नहीं हैं। भारतीय मूल के हैं। उनके पिता गुजराती और मां पंजाबी हैं। इसके बावजूद उन्हें ट्रस के 81 हजार वोटों के मुकाबले 60 हजार वोट मिल गए, यह अपने आप में भारतीयों के लिए गर्व की बात है। जिस अंग्रेज ने भारत पर लगभग 200 साल राज किया, उसी अंग्रेज के सिंहासन तक पहुंचने का अवसर एक भारतीय को मिल गया। सुनक का यह साहस ही था कि उन्होंने अपना इस्तीफा देकर बोरिस जाॅनसन की सरकार को गिरवा दिया। वित्तमंत्री के तौर पर उन्हें काफी सराहना मिली थी लेकिन कई छोटे-मोटे विवादों ने उनकी छव...

भारत अब ब्रिटेन से बड़ा सेठ लेकिन…

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश की ताजा रपट पर भारत का ध्यान सबसे ज्यादा जाएगा, क्योंकि उसके अनुसार भारत अब ब्रिटेन से बड़ा सेठ बन गया है। इस वर्ष ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डालर की रही, जबकि भारत की 854.7 डाॅलर की हो गई। यानी ब्रिटेन से हम लगभग 38 अरब डाॅलर आगे निकल गए। लेकिन हम यह न भूलें कि ब्रिटेन की आबादी मुश्किल से 7 करोड़ है और भारत की आबादी उससे 20 गुना ज्यादा है। यानी करीब 140 करोड़। हमारी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से बड़ी जरूर हो गई है और इसका हमें गर्व भी होना चाहिए लेकिन भारत के आम आदमी को क्या इतनी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जितनी ब्रिटिश लोगों को है। वहां औसत आदमी की वार्षिक आमदनी 47000 डाॅलर है और उसके मुकाबले भारत में वह सिर्फ 2500 डाॅलर है। यह ठीक है कि हमारे देश के कुछ मुट्ठीभर लोग ऐसे हैं, जो ब्रिटेन के औसत अमीरों से भी ज्यादा अमीर हैं लेकिन 100 करोड़ से भी ज्यादा...

ऋषि सुनक ने इस्लामी चरमपंथ को बताया ब्रिटेन के लिए ‘सबसे बड़ा खतरा’, कड़ी कार्रवाई का किया वादा

विदेश
नई दिल्‍ली । ब्रिटिश प्रधानमंत्री (British PM) पद की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने बुधवार को वादा किया कि वह इस्लामी चरमपंथ (Islamic Extremism) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने इस्लामी चरमपंथ को ब्रिटेन (Britain) के लिए ‘‘सबसे बड़ा खतरा (Greatest Threat)’’ करार देते हुए कहा कि वह चरमपंथ की मौजूदा सरकारी परिभाषा को विस्तृत करेंगे और आंतकवाद रोधी कानूनों (Anti-Terror Laws) को और मजबूत करेंगे. पूर्व वित्त मंत्री 42 वर्षीय सुनक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस से अंतर पाटते नजर आ रहे हैं. उन्होंने ब्रिटेन में चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले संगठनों को नष्ट करने का भी संकल्प लिया. सुनक ने कहा कि वह इस्लामी चरमपंथ से निपटने के लिए सरकार के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे व ‘‘असफल हो रहे’’ निषेधात्मक कार्यक्रम पर भी फिर से ध्यान केंद्रित करे...