Saturday, April 12"खबर जो असर करे"

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विचार यात्रा के पड़ाव

विचार यात्रा के पड़ाव

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भारतीय जनसंघ की स्थापना राष्ट्र प्रथम की विचारधारा के आधार पर हुई थी। उस समय देश में कांग्रेस का वर्चस्व था। यह माना जाता था कि जनसंघ को विपक्ष की ही भूमिका का निर्वाह करना है। तब सदन में इसका संख्याबल कम होता था, लेकिन वैचारिक ओज प्रबल था। भारी बहुमत की सरकारें भी नाम मात्र के संख्याबल के विचारों से परेशान थीं। अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जब संसद में बोलते थे, तब लोग ध्यान से सुनते थे। सरकार को भी कई मसलों को सुधारने संभालने की प्रेरणा मिलती थी। जनसंघ और भाजपा की यात्रा में अटल-आडवाणी की जोड़ी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। जनसंघ के दौर में हिन्दुत्व के मुद्दों को मुखर होकर उठाया जाता था। लेकिन उस समय की परिस्थितियां अलग थी। इन मुद्दों ने जनसंघ को हिन्दी भाषी राज्यों तक सीमित रखा। यहां भी जनसंघ सत्ता से बहुत दूर रही। गैर कांग्रेसवाद अभियान के समय कुछ ...
विधानसभा उपचुनावः छह राज्यों की सात सीटों में से चार पर भाजपा विजयी

विधानसभा उपचुनावः छह राज्यों की सात सीटों में से चार पर भाजपा विजयी

देश
- महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अंधेरी पूर्व की अपनी सीट रखी बरकरार - बिहार की मोकामा सीट पर राजद, तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर टीआरएस विजयी नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और हरियाणा समेत छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव (By-elections for seven assembly seats in six states) में भाजपा (BJP) ने चार सीटें जीती हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (Uddhav Thackeray's Shiv Sena) ने अंधेरी पूर्व सीट पर जीत बरकरार रखी है। बिहार में मोकामा सीट पर राजद (RJD on Mokama seat) और ओडिशा की धामनगर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। तेलंगाना की मुनुगोडे सीट पर टीआरएस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। टीआरएस को भाजपा से कड़ी टक्कर मिली। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, ओडिशा और तेलंगाना की कुल सात सीटों पर उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को वोटिंग हुई थी, जिसकी मतगणना र...
तो भाजपा आलाकमान थामेगा राजस्थान में संगठन की कमान!

तो भाजपा आलाकमान थामेगा राजस्थान में संगठन की कमान!

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- रमेश सर्राफ धमोरा भाजपा आलाकमान के बार-बार चेताने के बावजूद राजस्थान में नेता एक-दूसरे की टांग खिंचाई करने से बाज नहीं आ रहे । राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राजस्थान में भाजपा संगठन को लेकर बहुत गंभीर नजर आ रहे हैं। उनको पता है कि मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस को हरा पाना मुश्किल है। इसीलिए नड्डा स्वयं भी राजस्थान के दौरे कर रहें है और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी लगातार राजस्थान भेज रहे हैं। ताकि राजस्थान में नेताओं के आपसी मतभेद समाप्त हो सकें। मगर नड्डा के प्रयास कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। राजस्थान के संगठन में सबसे अधिक बिखराव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के कारण हो रहा है। वसुंधरा राजे पूरा प्रयास कर रही हैं कि उन्हें एक बार फिर नेता प्रोजेक्ट कर प्रदेश की कमान सौंप दी जाए। मगर भाजपा आलाकमान ऐसा करना नहीं चाहता है। भाजपा आलाकमान का मानना है कि प्रदेश में अब वसुंध...

एकात्म मानववाद का सच होता सपना

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- श्याम जाजू भारतीय राजनीति को नया वैचारिक धरातल देने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की इस बार रविवार को 106वीं जयंती है। हर वर्ष भाजपा, केंद्र और प्रदेशों में इसकी सरकारें अनेक कार्यक्रम कर पंडित जी और उनके वैचारिक दर्शन 'एकात्म मानववाद' पर चिंतन करती हैं तथा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। पर भाजपा से परे अन्य दलों और सामान्य-जन के बीच इस पर चर्चा न के बराबर होती है। यूं कि दीनदयाल सिर्फ भाजपा के ही हों! दुर्भाग्य से 20वीं सदी के इस विलक्षण विचारक के बारे में देश में बहुत कम जानकारी है। जो जानते भी हैं, वे भी इतना ही जानते हैं कि भाजपा रूपी वटवृक्ष की जड़ों को जनसंघ के रूप में सींचनेवाले उपाध्याय ही थे। मात्र 52 वर्ष की उम्र में पं दीनदयाल चले गए, पर अपने पीछे इतना कुछ छोड़ गए कि इस देश के राष्ट्रवादी उनके ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकेंगे। जिस संगठन के पौधे को उन्होंने सींचा, वह आज भाजपा के ...

भाजपा की रगों में दौड़ता है सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भाजपा अपने जन्मकाल से ही सुशासन और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित है। यही उसका वैचारिक आधार और संबल है। इसके बल पर ही उसने जनता का विश्वास प्राप्त किया है। केंद्र और उत्तर प्रदेश में लगातर दूसरी बार पूर्ण बहुमत से उसे सरकार बनाने का अवसर मिला है। वस्तुतः जनसंघ की स्थापना ही इसी वैचारिक अवधारणा के साथ हुई थी। प्रारंभिक दशकों में उसका संख्याबल बल कांग्रेस के मुकाबले बहुत कमजोर था। मगर इस विचारधारा के आधार पर उसने देश की राजनीत में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में वह अन्य सभी पार्टियों से अलग रही। इससे उसका जनाधार बढ़ा ही नहीं अपितु उसने देश की राजनीति की दिशा और दशा ही बदल दी। भाजपा सरकार ने सुशासन की मिसाल कायम की है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। यह डबल इंजन सरकार है। इस दौरान अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए। सदियों से लंबित ...

UP: भूपेन्द्र के भरोसे मिशन 2024 फतह करेगी भाजपा

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- बृजनन्दन भाजपा के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी भाजपा के भरोसेमंद सिपाही हैं। पार्टी ने गहन विचार मंथन के बाद इनके नाम की घोषणा की है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वह अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में लोकप्रिय भूपेन्द्र चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों में भी लोकप्रिय हैं। भूपेन्द्र की लोकप्रियता के कारण ही विधान सभा चुनाव 2022 में किसान आन्दोलन के प्रभाव के बाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की। अब उनके कंधे पर उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान है। भूपेन्द्र चौधरी को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पिछड़े वर्ग के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत को साधने का काम किया है। अब उनके सामने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद और राकेश टिकैत को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के साथ संगठन कार्य का लम्बा अनुभव भूपेन्द्र को योगी सरक...

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में बढ़ी टेंशन, दो मंत्रियों से छीना प्रभार

देश
नई दिल्ली । चुनावी साल में गुजरात (Gujarat) की राजनीति में बड़े बदलाव (political change) देखने को मिल रहे हैं. गुजरात की भाजपा सरकार (BJP government) ने शनिवार रात कैबिनेट (Cabinet) में बड़े बदलाव करते हुए राजस्व मंत्री (Revenue Minister) और सड़क एवं भवन मंत्री (Roads and Buildings Minister) से उनका प्रभार वापस लेकर दूसरे मंत्रियों को सौंप दिया है. जानकारी के मुताबिक राजेंद्र त्रिवेदी से राजस्व मंत्रालय लेकर इसका चार्ज गृहमंत्री हर्ष संघवी को सौंपा गया है. वहीं, सड़क और भवन मंत्रालय पुर्णेश मोदी से वापस लेकर इसका चार्ज जगदीश पंचाल को दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक दोनों ही मंत्रियों पर भष्ट्रचार के आरोप लगने की आशंका थी, इससे पहले ही सरकार ने उनसे उनके विभाग छीन लिए. हालांकि, आधिकारिक तौर पर ज्यादा विभाग होने के कारण विभाग कम करने की बात कही जा रही है. दरअसल, इस बार चुनावी मैदान में आम...

मिशन दक्षिण की तैयारियों में जुटी बीजेपी, कर्नाटक और तेलंगाना सबसे ऊपर

देश
नई दिल्ली । भाजपा (BJP) के मिशन दक्षिण में कर्नाटक व तेलंगाना (Karnataka and Telangana) सबसे ऊपर हैं। इनमें कर्नाटक में उसकी सरकार है, जबकि तेलंगाना में उसे बेहतर संभावनाएं दिख रही हैं। पार्टी ने हाल में संगठनात्मक फेरबदल में दोनों राज्यों के लिए अपनी रणनीति को मजबूत किया है। कर्नाटक से बी.एस. येदियुरप्पा (B.S. Yediyurappa) व तेलंगाना से के. लक्ष्मण (K. Laxman) को पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था केंद्रीय संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है। लोकसभा चुनाव के पहले इन दोनों राज्यों को विधानसभा चुनावों से गुजरना है। कर्नाटक में अप्रैल में और तेलंगाना में साल के आखिर में चुनाव संभावित हैं। ऐसे में भाजपा की कोशिश कर्नाटक में अपनी सरकार को बरकरार रखने व तेलंगाना में सत्ता हासिल करने की है। कर्नाटक के समीकरणों में पार्टी अपने समर्थक लिंगायत को मजबूती से जोड़े रखने में जुटी है। यही वजह है उ...

मध्य प्रदेश में जन-जन तक पहुंची भाजपा

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- विष्णुदत्त शर्मा मध्य प्रदेश में हाल में हुए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में हुई जीत-हार राजनीतिक विश्लेषण का विषय हो सकती है, लेकिन जनता के संदेश को समझने के लिए किसी विशेषज्ञ की जरूरत नहीं है। सुदूर ग्रामीण अंचलों से लेकर तेजी से महानगर बन रहे शहरों तक यह संदेश एक ही भाषा में है। इससे पता चलता है कि केंद्र और प्रदेश सरकार की गरीब कल्याण तथा विकास की योजनाओं के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी भी जन-जन तक पहुंच चुकी है। एक राजनीतिक दल और जन का आपसी जुड़ाव अब इतना परिपक्व हो चुका है कि विरोधियों के तमाम झूठ और दुष्प्रचार भी इन्हें अलग नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी और जन के इस जुड़ाव के शिल्पकार वे परिश्रमी और समर्पित कार्यकर्ता हैं, जो हर मुसीबत में लोगों का सहारा बने। उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनका लाभ भी दिलाया। राष्ट्रवाद और अंत्योदय के रास्ते पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी की सर...