Saturday, April 19"खबर जो असर करे"

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आखिर क्यों बरकरार रहा उप्र निकाय चुनाव में योगी मैजिक

आखिर क्यों बरकरार रहा उप्र निकाय चुनाव में योगी मैजिक

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- आर.के. सिन्हा आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हरेक विधनासभा और नगर निगम चुनाव पर सारे देश की निगाहें रहने वाली हैं। इस परिप्रेक्ष्य में कर्नाटक विधानसभा और उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का नतीजा देखना होगा। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को निराशा हाथ लगी लेकिन उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव ने पार्टी को जश्न मनाने का पूरा मौका दिया है। अभी देश में सिर्फ और सिर्फ कर्नाटक चुनाव की ही चर्चा हो रही है । जबकि, उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में कर्नाटक में जितने मतदाताओं ने भाग लिया उससे कहीं ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया । अतः मैं तो आज उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव की ही चर्चा करूंगा । भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व जीत हासिल करते हुए सभी 17 नगर निगम में अपना परचम लहराया है। इसके अतिरिक्त सभी अन्य निकाय में भाजपा का प्रदर्शन अत्यंत ही प्रभावशाली रहा है । सपा, कांग...
कर्नाटक में रोचक हुआ सत्ता का संग्राम

कर्नाटक में रोचक हुआ सत्ता का संग्राम

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- रमेश सर्राफ धमोरा कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को वोट डाले जाएंगे। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं। उससे पूर्व कर्नाटक विधानसभा के चुनाव परिणाम देश की राजनीति में महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगें। भाजपा ने सत्ता विरोधी माहौल को समाप्त करने के लिए 52 मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर उनके स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया है। भाजपा ने पार्टी संस्थापकों में से एक रहे पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी का भी टिकट काट दिया है। भाजपा के बड़े नेता रहे के. अंगारा, आर शंकर और एमपी कुमार स्वामी ने भी टिकट नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया है। जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जगदीश शेट्टार 6 बार विधायक, प...
कर्नाटक विधानसभा चुनाव : भाजपा ने 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची की जारी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव : भाजपा ने 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची की जारी

देश
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। बुधवार को भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति ने 23 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में दो महिला उम्मीदवारों को भी टिकट दी गई है। इससे पहले मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी। वहीं, भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति ने पंजाब में होने वाले एक लोकसभा उपचुनाव और ओडिशा के एक विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर दी है। जालंधर लोकसभा सीट से सरदार इंदर इकबाल सिंह अटवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। ओडिशा के झारसुगुडा से टांकाधर त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया गया है। 10 मई को उपचुनाव होने हैं। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को चुनाव होने हैं। मतगणना 13 मई को होगी। (एजेंसी, हि.स.)...
कर्नाटक चुनावः भाजपा ने जारी की 189 उम्मीदवारों की पहली सूची, 52 नए चेहरे मैदान में

कर्नाटक चुनावः भाजपा ने जारी की 189 उम्मीदवारों की पहली सूची, 52 नए चेहरे मैदान में

देश
नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की केंद्रीय चुनाव समिति ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव (karnataka assembly elections) के लिए 189 उम्मीदवारों की पहली सूची (First list of 189 candidates) जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा नेता अरुण सिंह ने 189 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। 189 उम्मीदवारों में से 52 उम्मीदवार को पहली बार टिकट दिया गया है। भाजपा नेता अरुण सिंह ने बताया कि पार्टी ने 52 नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। 189 उम्मीदवारों की सूची में 32 अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं, जबकि 30 अनुसूचित जाति और 16 अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों की पहली सूची में कुल आठ महिलाएं हैं। इसके अलावा सूची में पांच वकील, नौ चिकित्सक, तीन अकादमिक क्षेत्र से, एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी और एक भारतीय पुलिस सेवा के ...
राजनीति के सांस्कृतिक बदलाव की धुरी बनी भाजपा

राजनीति के सांस्कृतिक बदलाव की धुरी बनी भाजपा

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- विष्णु दत्त शर्मा 1980 के दशक का कालखंड भारतीय राजनीति का टर्निंग प्वाइंट था, जब जनसंघ के बाद भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। स्वाधीनता मिले अभी तीन दशक ही हुए थे कि देश भ्रष्टाचार, परिवारवाद, अपराधीकरण, जातिवाद, तुष्टिकरण, आतंकवाद और आपातकाल जैसे घावों से छलनी होने लगा था। किसे पता था कि आजादी के बाद जिन्होंने राजनीति का उत्तराधिकार पाया, वे अपनी स्वार्थलिप्सा में इतने कम समय में देश को बर्बादी के कगार पर पहुंचा देंगे।वे सत्ता में बने रहने के लिए तुष्टिकरण का ऐसा भ्रमजाल फैलाएंगे कि राष्ट्रीय अस्मिता भी धूमिल हो जाएऔर राष्ट्र की सच्ची पहचान उनके क्षुद्र राजनीतिकनारों से नष्ट हो जाएगी। परन्तु तत्कालीन राष्ट्रवादी समूहों को इसका भान हो गया था और वे भारतीय राजनीति को सही दिशा देने व एक सम्यक विकल्प देने के लिए आगे आए,तब भाजपा की स्थापना हुई। थोड़ा गहराई में विचार करने से पता चलता है क...
भाजपा: वैचारिक धुंधकाल के निराकरण का तंत्र

भाजपा: वैचारिक धुंधकाल के निराकरण का तंत्र

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- प्रवीण गुगनानी विमर्श या नैरेटिव के नाम पर भारत में एक अघोषित युद्ध चला हुआ है। इन दिनों भारत में चल रहा विमर्श शुद्ध राजनैतिक है। राजनीति और कुछ नहीं समाज का एक संक्षिप्त प्रतिबिंब ही है। विमर्श में यह प्रतिबिंब विषय व समयानुसार कुछ छोटा या बड़ा होता रह सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार परिवार के राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी की राजनीति को यदि हम सामाजिक प्रतिबिंब के रूप में देखें तो हमें वैचारिक प्रतिबंधों, वर्जनाओं और सीमाओं से मुक्ति मिल जाती है। वैचारिक दृष्टि से देखें तो भाजपा एकमात्र भारतीय राजनैतिक दल है जो वैचारिक दासता से मुक्त है। भाजपा अपने चिर परिचित हिंदुत्वशाली आग्रहों पर अंगद, अटल है। नवीन व पुरातन का अभिनव संगम हो गई है भाजपा। वस्तुतः आरएसएस ने भाजपा के माध्यम से राजनीति एक विशाल, विराट व विमुक्त वैचारिक कैनवास हमें दिया है। हम भारत के राजनैतिक, अराजनैतिक और यह...
तो योगी यूपी के रास्ते ही भाजपा को 2024 में सत्ता सौपेंगे

तो योगी यूपी के रास्ते ही भाजपा को 2024 में सत्ता सौपेंगे

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- आर.के. सिन्हा अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल के शुरुआती के तीन महीनों के दौरान देश में लोकसभा चुनाव की हलचल को महसूस किया जाने लगेगा। सभी दल अपने घोषणापत्र को अंतिम रूप दे रहे होंगे और प्रत्याशियों के नामों पर भी अंतिम विचार चल रहा होगा। फिजा में लोकसभा चुनाव का पूरा माहौल बन गया होगा। दरअसल, यह चुनाव आजाद भारत का एक ऐसा चुनाव होगा जब कांग्रेस छोड़ किसी दूसरी विचारधारा की सत्ता की पारी दशकीय सीमा लांघकर एक नई तारीखी लकीर खींचने की ओर आगे बढ़ेगी। इस चुनाव के लिहाज से राज्यों की राजनीति भी गरमा रही है। पर बात करें भाजपा की तो देश के सबसे बड़े सूबे में उसकी निश्चिंतता का आलम कुछ और ही है। वैसे भी दिल्ली के सियासी गलियारों में यह बात शुरू से कही और मानी जाती रही है कि देश की सत्ता का रास्ता राम और कृष्ण के जन्म स्थान उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। इस सूबे की सियासी धाक यह है कि इसने...
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद अखिलेश यादव बोले – लोकसभा चुनाव में भाजपा का होगा सफाया

राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद अखिलेश यादव बोले – लोकसभा चुनाव में भाजपा का होगा सफाया

देश, राजनीति
कोलकाता (Kolkata)। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की कोलकाता में आयोजित दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक (two day executive meeting) के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Party President Akhilesh Yadav) ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में देश से भाजपा (BJP) का सफाया करने के लिए हमने पूरी प्लानिंग और तैयारी कर ली है। इसमें सहयोग के लिए सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से बातचीत चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग भाजपा की हार का कारण बनेगी। भाजपा जो आज कर रही है, वही काम पहले अपने विरोधियों के साथ कांग्रेस किया करती थी, इसलिए जो हाल देश की जनता ने कांग्रेस का किया है वही भाजपा का भी होगा। देश में महंगाई आसमान छू रही है बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। सपा अध्यक्ष ने आगे कहा कि सपा इस बार अमेठी और रायबरेली से भी उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। दो दिवसीय बैठक में निर्णय...
त्रिपुरा में भाजपा की वापसी के आसार

त्रिपुरा में भाजपा की वापसी के आसार

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी देश की बांग्लादेश सीमा से सटे पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव है। इसमें एक ओर जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पुन: सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है तो दूसरी ओर राज्य में वाम मोर्चा-कांग्रेस गठजोड़ के साथ ही त्रिपुरा के पूर्व महाराज के उत्तराधिकारी प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन के नेतृत्व वाली आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा भी तीसरे पक्ष के तौर पर चुनाव मैदान में है। सबके अपने-अपने जीत के दावे हैं, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने यहां पिछले पांच सालों में कार्य किया है, उसे देखते हुए उसका पुख्ता दावा यह है कि वह फिर एक बार राज्य में सत्ता की वापसी करने वाली है। त्रिपुरा में आप अन्य पार्टियों के साथ भाजपा के मुकाबले का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कांग्रेस और सीपीएम ताकतें हमेशा एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी रही हैं लेकिन इस बार वे एक ...