‘द केरल स्टोरी’- मन को झकझोर देने वाली एक सचाई
- वसुधा ‘कनुप्रिया’
सच हमेशा ही कड़वा होता है, बहुत कड़वा। द केरल स्टोरी --- जिसे निर्माता विपुल शाह और निर्देशक सुदीप्तो सेन ने "सत्य घटनाओं पर आधारित" कह कर सिनेमा के परदे पर उतरा है -- मानवीय संवेदना को झंकझोर कर रख देने वाली फिल्म है।
जो भी लोग सालों से अख़बार/मैगज़ीन पढ़ते रहे हैं उन्होनें आईसिस (आई.एस.आई.एस.) की बर्बरता के क़िस्से पढ़े हैं, मीडिया में देखे भी हैं। उन्हें जानकारी है की 'सेक्स स्लेव' क्या होती हैं, किस तरह उन्हें अमानवीय रूप से दर्जनों लोग एक के बाद एक रेप करते हैं। तालिबानी सोच के तहत किस तरह लोगों को सरेआम सज़ाएं दी जाती रही हैं, कभी हाथ-पैर काट कर तो कभी गोली मारकर। इन ख़बरों की सत्यता पर कभी प्रश्नचिह्न नहीं लगाया गया। तब फिल्म 'द केरल स्टोरी' में यही दृश्य एक धर्मान्तरित भारतीय लड़की के हवाले से दिखाए जाने पर राजनीतिक तबकों में खलबली क्यों मची है? यह तब, जब एक भुक्तभोगी...