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इंदौर जू में नौ वर्षीय बाघिन जमना ने तीन शावकों को दिया जन्म, चौथी बार बनी मां

इंदौर जू में नौ वर्षीय बाघिन जमना ने तीन शावकों को दिया जन्म, चौथी बार बनी मां

देश, मध्य प्रदेश
इंदौर। शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (जू) में बाघ शावकों की किलकारियां गूंजी। यहां रविवार सुबह बाघिन जमना ने तीन शावकों को जन्म दिया। नौ वर्षीय जमना चौथी बार मां बनी है। रविवार होने की वजह से जमना और नन्हे शावकों को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, जमना और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि रविवार सुबह दस बजे तक बाघिन जमना ने एक के बाद एक तीन शावकों को जन्म दिया। ये शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं, जो अपनी मां जमना से एक मिनट भी दूर नहीं हुए हैं। बाघिन भी इन्हें लाड़-दुलार करती रही। बाघिन और तीनों शावक अभी बाड़े में ही हैं। उनके नजदीक अभी कोई नहीं गया है। इससे यह पता नहीं लग पाया है कि नन्हे शावकों में कितने नर व मादा है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद इन्हें अलग बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा...
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाई गई मादा चीता ने दिया चार शावकों को जन्म

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नामीबिया से लाई गई मादा चीता ने दिया चार शावकों को जन्म

देश, मध्य प्रदेश
- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीता प्रोजेक्ट टीम को दी बधाई श्योपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से बुधवार को एक खुशखबरी सामने आई है। यहां नामीबिया से लाई गई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीतों का फोटो और वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने इसके लिए प्रोजेक्ट चीता की पूरी टीम को भी बधाई दी है। भूपेंद्र यादव ने शावकों की फोटो और वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा है कि बधाई हो अमृत काल के दौरान हमारे वन्य जीव संरक्षण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है। यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर को भारत लाए गए चीतों में से एक ने चार शावकों को जन्म दिया है। कूनो उद्यान के डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि कूनो के बाड़ा नंबर चार और पांच जुड़े हुए हैं...
महबूबा भी गांधी को जान लें बिहार की मार्फत

महबूबा भी गांधी को जान लें बिहार की मार्फत

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा महात्मा गांधी जैसी पवित्र शख्सियत का जन्म सदियों में एक बार होता है। वे अपने जीवनकाल में करोड़ों लोगों को अपने विचारों से प्रभावित करते हैं। उनके न रहने के सात दशकों के बाद भी करोड़ों लोग उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। आज हजारों- लाखों लोग गांधी के रास्ते संसार को बेहतर बनाने की हरचंद कोशिशें कर रहे हैं। पर मन तब उदास हो जाता है जब हमारे ही कुछ कथित नेता गांधी जी का जाने-अनजाने अपमान करने से बाज नहीं आते। पिछले कुछ दिनों से जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बार-बार कह रही हैं कि गांधी जयंती पर भी राज्य के स्कूलों में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं होना चाहिए। उन्हें लगता है कि यह भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर हमला है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां गांधी जयंती (02 अक्टूबर) पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा ...