कैंसर नियंत्रण की दिशा में उठाने होंगे बड़े कदम
- रमेश सर्राफ धमोरा
कैंसर का नाम सुनते ही घबराहट होने लगती है। पीड़ित बीमारी से अधिक तो कैंसर के नाम से डर जाता है। जिस व्यक्ति को कैंसर होता है वह तो गंभीर यातना से गुजरता ही है उसके साथ ही उसका परिवार को भी बहुत कष्टमय स्थिति में गुजरना पड़ता है। जानलेवा होने के साथ ही कैंसर की बीमारी में मरीज को बहुत अधिक शारीरिक पीड़ा भी झेलनी पड़ती है। कैंसर की बीमारी इतनी भयावह होती है, जिसमें मरीज की मौत सुनिश्चित मानी जाती है। बीमारी की पीड़ा व मौत के डर से मैरिज घुट-घुट कर मरता है।
कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए 04 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस के परिप्रेक्ष्य 04 फरवरी 2000 को पेरिस में न्यू मिलेनियम के लिए कैंसर के खिलाफ विश्व शिखर सम्मेलन में हुआ था। विश्व कैंसर दिवस का प्राथमिक लक्ष्य कैंसर और बीमारी के कार...