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Tag: Bharat Jodo Yatra

कांग्रेस अब नई यात्रा की तैयारी में

कांग्रेस अब नई यात्रा की तैयारी में

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- ऋतुपर्ण दवे कांग्रेस ने 30 जनवरी को श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा का समापन कर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगली यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। यह जुलाई में गुजरात के सोमनाथ से शुरू होगी और शिलांग में खत्म होगी। राहुल के नेतृत्व में पहली यात्रा पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। इस यात्रा ने 145 दिन में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर करीब 4080 किलोमीटर की दूरी तय की। राहुल को केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को जानने समझने का मौका मिला। इसी दौरान गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हुए। राहुल ने दोनों प्रदेशों के चुनाव से दूरी बनाकर रखी। सोमनाथ-शिलांग यात्रा कितने दिन की होगी, कहां-कहां से गुजरेगी, अभी ज्यादा साफ नहीं है। कुछ समय बाद पूर्वोत्तर में त्रिपुर...
भारत जोड़ो यात्रा या भारत तोड़ो यात्रा?

भारत जोड़ो यात्रा या भारत तोड़ो यात्रा?

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- एस.एन.सिंह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने अब एक सौ बीस दिन से अधिक दिन पूरे कर लिए हैं लेकिन यात्रा के दौरान हुयी गतिविधियों और राहुल गांधी के बयानों ने इसे ‘भारत तोड़ो यात्रा’ बना दिया है। राहुल गांधी भले ही कह रहो हों कि नफरत के इस बाजार में वो मोहब्बत का पैगाम लेकर चल रहे हैं जबकि हकीकत कुछ और ही है। राहुल गांधी की यात्रा एक प्रायश्चित यात्रा है क्योंकि उनके पूर्वजों ने भारत को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनकी यात्रा का अब तक का पूरा समय या तो ऐसे लोगों से मिलने में बीता है जो या तो देश के विकास, राष्ट्रवाद और हिन्दू विरोधी रहे हैं या फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करते रहते हैं। चीन ने अरुणाचल के तवांग में शरारत करने की हिमाकत की जिनको हमारे वीर जांबाज जवानों ने लाठी -डंडों से सबक सिखाया और उनको दुम दबाकर भागने के लिए मजबूर क...
भारत जोड़ो यात्रा के हर कदम पर नफरत के बीज

भारत जोड़ो यात्रा के हर कदम पर नफरत के बीज

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- सुरेश हिन्दुस्थानी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को यह कहकर प्रचारित किया जा रहा है कि यह यात्रा नफरत नहीं सद्भाव के लिए है, लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस के लिए अब सद्भाव की बातें केवल नारा ही बनकर रह गई हैं। यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, ठीक वैसे ही यात्रा का उद्देश्य भी सामने आता जा रहा है। हालांकि यात्रा के प्रथम दिन से ही ऐसे लोगों को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है, जो किसी न किसी रूप में देश की संस्कृति के लिए विरोधात्मक रवैया अपनाते रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा में कभी देश तोड़ने के समर्थक शामिल होते हैं, तो कभी वामपंथी एजेंडा के तहत राजनीति करने वाले राहुल गांधी के साथ चलते दिखाई देते हैं। जहां तक सद्भाव की बात है तो यह शब्द भारत के लिए नया नहीं है और न ही इसे कांग्रेस की उपज कहा जा सकता है। लेकिन यह भी सत्य है कि कांग्रेस ने अपनी नीतियों के माध्यम से हमेशा हिन्दू समाज मान...
मप्रः भारत जोड़ो यात्रा में लगे थे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, दो कांग्रेस नेताओं पर केस दर्ज

मप्रः भारत जोड़ो यात्रा में लगे थे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, दो कांग्रेस नेताओं पर केस दर्ज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में पाकिस्तान जिंदाबाद के कथित नारे लगाने के मामले में रविवार को दो कांग्रेस नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। भोपाल की क्राइम ब्रांच थान पुलिस ने भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी की शिकायत पर मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के पीयूष बबेले और कांग्रेस आईटी सेल के प्रमुख अभय तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगने का मामला गरमाता जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इसको लेकर शनिवार को मप्र भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर के विरुद्ध प्रकरण दर्ज हुआ था। इसके बाद भोपाल में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने की शिकायत पर कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध राष्ट्रीय एकता को खंडित करने, दंगा भड़काने, शांति भंग करने व आपराधिक साजिश करने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया ग...
राहुल का अद्भुत भोलापन

राहुल का अद्भुत भोलापन

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक राहुल गांधी की मध्य प्रदेश यात्रा सर्वाधिक सफल रहने की उम्मीद है। पिछले तीन-चार दिनों में मुझे यहां के कई शहरों और गांवों से गुजरने का अवसर मिला है। जगह-जगह राहुल, कमलनाथ, दिग्विजयसिंह और स्थानीय नेताओं के पोस्टरों से रास्ते सजे हुए हैं। लेकिन राहुल के कुछ बयान इतने अटपटे होते हैं कि वे इस यात्रा पर पानी फेर देते हैं। जैसे जातीय जनगणना और सावरकर पर कुछ दिन पहले दिए गए बयानों ने यह सिद्ध कर दिया था कि वह अपनी दादी और माता की राय के भी विरुद्ध बोलने का साहस कर रहे हैं। ये कथन सचमुच साहसिक होते तो प्रशंसनीय भी शायद कहलाते। लेकिन वे साहसिक कम अज्ञानपूर्ण ज्यादा थे। इसके लिए असली दोष उनका है, जो राहुल को पर्दे के पीछे से पट्ठी पढ़ाते रहते हैं। अब मध्य प्रदेश के महान स्वतंत्रता सेनानी टंट्या भील के जन्म स्थान पर पहुंचकर उन्होंने कह दिया कि टंट्या भील ने अंग्रेजों के विरुद्...
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में अब 23 नवंबर को पहुंचेंगी

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में अब 23 नवंबर को पहुंचेंगी

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश में आने की तिथि में बदलाव किया गया है। अब यह यात्रा 23 नवंबर को प्रदेश में दाखिल होगी। यह फैसला राहुल गांधी के साथ बुधवार को हुई बैठक के बाद लिया गया। बैठक में मध्यप्रदेश से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, अजय सिंह, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया शामिल हुए। महाराष्ट्र के मालेगांव में हुई इस बैठक में यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा पहले 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सीमा से लगे बुरहानपुर जिले के ग्राम बोदरली से मप्र में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन राहुल गांधी 21 और 22 नवंबर गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए जाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों ने बताया कि यात्रा मध्य प्रदेश में बीस नवंबर को देर शाम प्रव...

भारत जोड़ो यात्रा: स्वयं को तसल्ली देने का प्रयास

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- सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में कांग्रेस पार्टी जिस दो राहे पर खड़ी है, वह भूलभुलैया जैसी स्थिति को प्रदर्शित कर रहा है। क्योंकि कांग्रेस में जो सुधार की आवाजें मुखरित हो रही हैं, उसे कांग्रेस नेतृत्व सिरे से नकारने का काम कर रहा है। इसे कांग्रेस का बहुत कमजोर पक्ष कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी, क्योंकि कांग्रेस के सुधार की आवाज उठाने वाले नेता छोटे स्तर के नेता नहीं, बल्कि कांग्रेस को स्थापित करने में पसीना बहाने वाले रहे हैं। इनकी आवाज को अनसुना करके ऐसा ही लग रहा है कि कांग्रेस में नेतृत्व से अलग राय रखने वाले नेताओं की कोई जगह ही नहीं है। अब कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है, जिसकी कमान राहुल गांधी संभाल रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के लिए बेचैन करने वाली स्थिति यह है कि जिसके नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं, कांग्रेस ने फिर से उन्हीं राहुल गांधी को आगे करके परिवर्तन की आस देख रहे...