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भैया दूज: सबकी बहन हो यमुना जैसी

भैया दूज: सबकी बहन हो यमुना जैसी

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- योगेश कुमार गोयल आमतौर पर दीपावली के दो दिन बाद अर्थात कार्तिक शुक्ल द्वितीया को मनाए जाने वाले भाई दूज पर्व को ‘यम द्वितीया’ व ‘भ्रातृ द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज की तिथि को लेकर इस वर्ष बड़ा भ्रम बना हुआ है। दरअसल पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि इस साल 14 नवंबर को दोपहर 2ः36 मिनट से शुरू हो रही है, जिसका समापन 15 नवंबर को दोपहर 1ः47 मिनट पर होगा। ऐसे में भाई दूज का त्योहार वैसे तो 14 और 15 नवंबर को दोनों दिन मनाया जाएगा लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष भाई दूज का त्योहार उदया तिथि के अनुसार 15 नवंबर को मनाया जाएगा और इस त्योहार को भाई के साथ मनाने का शुभ समय 15 नवंबर को सुबह 10ः45 बजे से दोपहर 12ः05 बजे तक है। बहुत से भाई इस दिन सौभाग्य तथा आयुष की प्राप्ति के लिए इस दिन यमुना अथवा अन्य पवित्र नदियों में साथ-साथ स्नान भी करते हैं। भ...
भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

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- योगेश कुमार गोयल भाई-बहन के पावन संबंधों की मजबूती और प्रेमभाव को स्थापित करने वाला पर्व है ‘भैया दूज’। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर ईश्वर से उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। कहा जाता है कि इससे भाई यमराज के प्रकोप से बचे रहते हैं। इस वर्ष भैया दूज की तिथि को लेकर भी बड़ा भ्रम है। दरअसल कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि इस साल 26 और 27 अक्टूबर को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 26 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 43 मिनट से भैया दूज पर्व मनाना शुभ रहेगा। यह शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से साढ़े तीन बजे तक रहेगा। कई ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक भैया दूज 26 तारीख को ही मनाना शास्त्र के अनुकूल है। चूंकि कई स्थानों पर लोग उदया तिथि के हिसाब से यह पर्व मनाते हैं। ऐसे में जहां लोग उदया तिथि को मानते हैं, वहां 27 अक्टूबर को भैया दूज पर्व मनाया जा सकता है। दीपावली के दो दिन बाद अर्थात कार्ति...