सीयूईटी : शिक्षा में समान अवसर
- डॉ. सीमा सिंह
बिहार के एक गांव में कोरियन भाषा में अपना भविष्य देखने वाला युवा यह जानता ही नहीं था की जेएनयू के अलावा भी किसी और विश्वविद्यालय में इसकी डिग्री स्तर पर पढ़ाई होती है। जेएनयू में एडमिशन नहीं हो पाने के कारण उसे अपना सपना छोड़ किसी और कोर्स में दाखिला लेना पड़ा। यह किसी एक युवा के साथ नहीं घटता बल्कि अधिकतर इसी समस्या से जूझ रहे हैं। पहली बार देश में सीयूईटी ने सभी युवाओं को ऐसा मंच दिया जहां 44 केंद्रीय विश्वविद्यालय में मौजूद सैकड़ों कोर्सेस को देखा जा सकता है। इनमें से अपने मतलब के कोर्स का चयन कर युवा अपने बेहतर भविष्य के आगे का रास्ता तय कर सकता है ।
देश का युवा बेहतर भविष्य की चाह में अपने पसंद के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए अक्सर अन्य राज्यों का रुख करता है। पुरानी चयन प्रक्रिया जो कट ऑफ के माध्यम से होती थी उसके लिए रोड़ा सिद्ध होती है, क्योंकि उसका बोर्ड अन्य बोर्ड क...