सरकारी तोता नहीं, अब गरुड़ बन गई है सीबीआई
- सियाराम पांडेय ‘शांत’
किसी भी संस्था की षष्टिपूर्ति मायने रखती है। भारत ही एक ऐसा देश है, जहां साठ साल के व्यक्ति को जवान माना जाता है। ‘साठा पर पाठा’ कहने की परंपरा रही है। संस्थाओं पर भी कमोवेश यही बात लागू होती है। किसी संस्था के साठ साल पूरे करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की स्थापना के हाल ही में साठ साल पूरे हो गए हैं। उसकी स्थापना 01 अप्रैल, 1963 को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक संकल्प के जरिये की गई थी। भ्रष्टाचार के उन्मूलन और सत्यनिष्ठा की स्थापना के लिए लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के संकल्प से दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 1946 पारित हुआ था। सन 1962 में लाल बहादुर शास्त्री ने प्रशासन में भ्रष्टाचार की बढ़ती घटनाओं से निपटने और सुझाव देने के लिए संथानम कमेटी बनाई थी। कमेटी की संस्तुतियों पर अमल करते हुए भारत सरकार ने एक अप्रैल ...