‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ और पीड़ित महिलाओं की टीस
- मृत्युंजय दीक्षित
'द केरल स्टोरी' से सुर्खियों में आए सुदीप्तो सेन निर्देशित और विपुल शाह के प्रोडक्शन की फिल्म 'बस्तरः द नक्सल स्टोरी' छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा तथा बस्तर के वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित और एक 'मां' की शक्ति को समर्पित शानदार फिल्म है। फिल्म के आरम्भ में नक्सल प्रभावित क्षेत्र का एक परिवार राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत होकर 15 अगस्त को एक विद्यालय में तिरंगा फहराता है और 'जन गण मन' का गायन करता है। नक्सलियों को इसका पता चलता है तो वह उस परिवार को अपनी अदालत में उठा ले जाते हैं। तिरंगा फहराने वाले व्यक्ति के शरीर के 32 टुकड़े कर दिए जाते हैं ।
मारे गए व्यक्ति की पत्नी कहती है,'' मैं रत्ना कश्यप, मेरे पति मिलन कश्यप को नक्सलियों ने मार दिया। पूरे गांव के सामने 32 टुकड़े कर दिए और उसके खून से अपने शहीद स्तंभ को मेरे हाथों से रंगवाया। क्या गलती थी उसकी, बस यही कि उसने 15...