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नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) बुधवार देर शाम दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2024 (Saint Ishwar Samman Ceremony 2024) में शामिल हुए। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नि-स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मौका मिलना परमात्मा की कृपा है। यह हमारी सनातन संस्कृति (Sanatan culture) का मूल-मंत्र है। मृत्यु-लोक में अपने प्रारब्ध के बल पर 84 लाख योनियों में से मानव शरीर का मिलना भी परमात्मा की कृपा है। जन्म और मृत्यु के बीच काल-खंड में अपने श्रेष्ठ कर्मों से प्रारब्ध को सत्कर्मों में बदलने, विशेषकर समाज सेवा का अवसर परमात्मा प्रदान करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संत ईश्वर सम्मान जैसा मंच समाज सेवा की इस अनुपम भावना को मान्यता प्रदान करता है। संत ईश्वर फाउंडेशन और राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा सुदूर क्षेत्रों से आए सनात...
जवाबदेही, पारदर्शिता और सेवा-भाव है सुशासन का मूलमंत्र: मुख्यमंत्री डॉ यादव

जवाबदेही, पारदर्शिता और सेवा-भाव है सुशासन का मूलमंत्र: मुख्यमंत्री डॉ यादव

देश, मध्य प्रदेश
-मुख्यमंत्री ने सुशासन महोत्सव 2024 में सुशासन पर विचार किए सांझा भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि शासन की संपूर्ण व्यवस्थाओं में जनता के प्रति जवाबदेही (accountability to the public), पारदर्शिता और सेवा-भाव (Transparency and service spirit) से सभी को समर्पित कार्यप्रणाली (dedicated methodology) सुनिश्चित करना सुशासन का मूलमंत्र है। भारतवर्ष में आदिकाल से ही सुशासन की परंपरा रही है, चाहे वह भगवान राम का काल हो या सम्राट विक्रमदित्य और राजा भोज का काल। आदिकाल की इसी परंपरा पर चलते हुए मध्य प्रदेश राज्य भी सुशासन के नए अध्याय लिख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके लिए सुशासन के प्रेरणास्त्रोत हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने यह बात शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में रामभाउ म्हलगी प्रबोधिनी संस्...