कलम की मजबूत धार, स्वस्थ लोकतंत्र का आधार
- योगेश कुमार गोयल
हर साल 03 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है। प्रेस को सदैव लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की संज्ञा दी जाती रही है, क्योंकि लोकतंत्र की मजबूती में इसकी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यही कारण है कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को बहुत अहम माना गया है। विडंबना यह है कि विगत कुछ वर्षों से प्रेस स्वतंत्रता के मामले में लगातार कमी देखी जा रही है। कलम की धार को तलवार से भी ज्यादा ताकतवर और प्रभावी इसलिए माना गया है क्योंकि इसी की सजगता के कारण न केवल भारत में बल्कि अनेक देशों में पिछले कुछ दशकों के भीतर बड़े-बड़े घोटालों का पर्दाफाश हो सका। इसके चलते तमाम उद्योगपतियों, नेताओं तथा विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों को एक ही झटके में अर्श से फर्श पर आना पड़ा।
यही कारण हैं कि समय-समय पर कलम रूपी इस हथियार को भोथरा करने के कुचक्र होते रहे हैं औ...