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2000 रुपये के 50 फीसदी नोट बैंक में आ गए वापस: आरबीआई गवर्नर

2000 रुपये के 50 फीसदी नोट बैंक में आ गए वापस: आरबीआई गवर्नर

देश, बिज़नेस
- बैंकों में दो हजार रुपये के करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये नोट की वापसी नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि दो हजार रुपये के 50 फीसदी (50% of two thousand rupees) यानी 1.8 लाख करोड़ रुपये के नोट (1.8 lakh crore rupee notes) बैंकिंग प्रणाली में वापस (back banking system) आ गए हैं। शक्तिकांत दास ने कहा कि कि शुरुआती आकलन के अनुसार 85 फीसदी 2000 रुपये के नोट बैंक खातों में जमा के तौर पर आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरबीआई 500 रुपये के नोटों को वापस लेने या 1000 रुपये के नोटों को फिर से पेश करने के बारे में नहीं सोच रहा है। आरबीआई गवर्नर ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक दो हजार रुपये के लगभग 1.8...
कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग की पीठ पर घोपा छुरा, मोदी जी ने दिया संवैधानिक दर्जाः शिवराज

कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग की पीठ पर घोपा छुरा, मोदी जी ने दिया संवैधानिक दर्जाः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण (Other Backward Classes (OBC) Welfare) को लेकर काका कालेलकर की रिपोर्ट को पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit jawaharlal nehru) ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए ओबीसी के हित में कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने सदैव ओबीसी की पीठ पर छुरा घोंपने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है। मुख्यमंत्री चौहान रविवार को कर्नाटक के कलबुर्गी में भाजपा ओबीसी मोर्चा के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस ने कोई भी ओबीसी मुख्यमंत्री नहीं दिया जबकि भाजपा ने तीन-तीन मुख्यमंत्री बनाए। कार्यक्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व म...
आखिर कोहिनूर हीरा कब आएगा भारत

आखिर कोहिनूर हीरा कब आएगा भारत

अवर्गीकृत
- मुकुंद केंद्र सरकार कोहिनूर हीरा को ब्रिटेन से वापस लाने के विकल्पों पर विचार कर रही है। ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद इसे वापस लाने की मांग देश में जोर पकड़ रही है। कोहिनूर हीरा को वापस लाने के सवाल पर हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 2018 में संसद में सरकार के दिए गए पुराने जवाब को दोहराया है। सरकार ने संसद में कहा था कि कोहिनूर को लेकर वह आम जनता और सदन की भावनाओं से अवगत है। समय-समय पर ब्रिटेन की सरकार के साथ कोहिनूर और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं की वापसी का मसला उठाया गया है। भारत सरकार इसके संतोषजनक समाधान की कोशिश करती रहेगी. दरअसल1849 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने महाराजा दलीप सिंह से कोहिनूर हीरा ले लिया था। 1937 में पहली बार इसे ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में जड़ा गया। माना जा रहा है कि अगले वर्ष 06 मई को ब्रिटेन की क्वीन कंसोर्ट कैमिला की र...
सागरः पटवारी ने जनपद सदस्य की पीठ पर लात रखकर पड़वाए पैर

सागरः पटवारी ने जनपद सदस्य की पीठ पर लात रखकर पड़वाए पैर

देश, मध्य प्रदेश
बीना। जिले की बीना तहसील (Bina Tehsil) अंतर्गत भानगढ़ हल्का में पदस्थ पटवारी विनोद अहिरवार (Patwari Vinod Ahirwar) का अमानवीय कृत्य (inhuman act) सामने आया है। पटवारी ने जनपद सदस्य क्षमादार कुर्मी (District member apology kurmi) को एससीएसटी के झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर उनकी पीठ पर लात रखकर पैर पड़वाने का फोटो खींचकर वायरल कर दिया। मंगलवार को सोशल मीडिया पर फोटो वायरल होने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। जनपद सदस्य क्षमादार कुर्मी ने बताया कि वह गत दो अक्टूबर को पंचायत में आयोजित ग्रामसभा में शामिल होने गए थे। उन्हें देखकर सरपंच ऊषा पटेल और सचिव खड़े हो गए। उन्होंने सरपंच और सचिव से कहा कि आप लोग बैठें हम पटवारी जी की कुर्सी पर बैठ जाएंगे। पटवारी से कुर्सी मांगने पर वह ताव में आ गए और सीधे पुलिस थाने पहुंच गए। पटवारी ने जनपद सदस्य पर शासकीय काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लग...
फिर आ गए रनिल विक्रमसिंघ

फिर आ गए रनिल विक्रमसिंघ

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक श्रीलंका के राष्ट्रपति-चुनाव में रनिल विक्रमसिंघ की विजय पर उनके दोनों प्रतिद्वंदी तो चुप हैं लेकिन उनके विरुद्ध राजधानी कोलंबो में प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं। आमतौर पर गणित यह था कि राजपक्ष-परिवार की सत्तारूढ़ पार्टी के नाराज सदस्य रनिल के विरुद्ध वोट देंगे और संसद किसी अन्य नेता को राष्ट्रपति के पद पर आसीन कर देगी लेकिन रनिल को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। इसका अर्थ यही है कि एक तो सत्तारूढ़ दल में दरार जरूर पड़ी है लेकिन वह इतनी चौड़ी नहीं हुई कि पार्टी-उम्मीदवार उसमें डूब जाए और दूसरा यह कि प्रधानमंत्री रहते हुए रनिल विक्रमसिंघ ने पिछले कुछ हफ्तों में ही भारत और अनेक अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इतना प्रेरित कर दिया था कि श्रीलंका को अरबों रु. की मदद आने लगी थी। वैसे भी रनिल छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। इतने अनुभवी नेता के अब राष्ट्रपति बनने पर शायद श्रील...