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‘न्यू इंडिया’ को ‘स्वस्थ भारत’ में बदलेंगे आयुर्वेद और योग

‘न्यू इंडिया’ को ‘स्वस्थ भारत’ में बदलेंगे आयुर्वेद और योग

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- प्रियंका सौरभ आयुष उन चिकित्सा प्रणालियों का संक्षिप्त रूप है जिनका भारत में अभ्यास किया जा रहा है, जैसे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी। स्वास्थ्य, रोग और उपचार पर इन सभी प्रणालियों का मूल दृष्टिकोण समग्र है। आयुष, स्वास्थ्य सेवाओं की बहुलवादी और एकीकृत योजना का प्रतिनिधित्व करता है। आयुष अपने नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा देखभाल प्रदान करके 'न्यू इंडिया' के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 'न्यू इंडिया' को 'स्वस्थ भारत' भी होना चाहिए, जहां उसकी अपनी पारंपरिक प्रणालियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन जामनगर (गुजरात) दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र वैश्विक चौकी केंद्र होगा। आयुर्वेद और योग ने प्राचीन भारतीय विज्ञान के रूप में 5000 साल पहले अपनी...
आयुर्वेद को आलोचना नहीं, शोध की जरूरत

आयुर्वेद को आलोचना नहीं, शोध की जरूरत

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- हृदयनारायण दीक्षित आनंदपूर्ण जीवन मनुष्य की स्वाभाविक इच्छा है। इसके लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जरूरी है। स्वस्थ जीवन और दीर्घायु सबकी अभिलाषा है। वैदिक ऋषि सौ वर्ष के स्वस्थ जीवन के लिए स्तुतियां करते थे। प्राचीन काल का जीवन प्रकृति रस से भरपूर था। लेकिन आधुनिक जीवनशैली के कारण रोग बढ़ रहे हैं। रोग रहित जीवन और स्वस्थ जीवन में अंतर है। रोगी शरीर में अंतर्संगीत नहीं होता। स्वस्थ जीवन और दाीर्घायु में आनंदपूर्णता है। भारत में अनेक चिकित्सा पद्धतियां हैं। आयुर्वेद आचार आधारित प्राचीन आयुर्विज्ञान है और एलोपैथी उपचार आधारित चिकित्सा विज्ञान। होम्योपैथी यूनानी सिद्धा आदि पद्धतियां भी हैं। स्वस्थ जीवन के लिए सब उपयोगी हैं। लेकिन यहां योगगुरु रामदेव पर आयुर्वेद से भिन्न चिकित्सा प्रणाली की आलोचना के आरोप हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायाल...
मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां

मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां

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- गिरीश्वर मिश्र आयुर्वेद के अनुसार यदि आत्मा, मन और इंद्रियां प्रसन्न रहें तो आदमी को स्वस्थ कहते हैं । ऐसा स्वस्थ आदमी ही सक्रिय हो कर उत्पादक कार्यों को पूरा करते हुए न केवल अपने लक्ष्यों की पूर्ति कर पाता है बल्कि समाज और देश की उन्नति में योगदान भी कर पाता है । निश्चय ही यह एक आदर्श स्थिति होती है परंतु यह स्थिति किसी भी तरह निरपेक्ष नहीं कही जा सकती। जीवन का आरम्भ और जीने की पूरी प्रक्रिया परिस्थितियों के बीच उन्हीं के विभिन्न अवयवों से बनते-बिगड़ते एक गतिशील परिवेश के बीच आयोजित होती है । उदाहरण के लिए देखें तो पाएंगे सांस लेना भी परिवेश से मिलने वाले आक्सीजन पर निर्भर करता है जो नितांत स्वाभाविक और प्राकृतिक लगता है पर प्रदूषण होने पर या फेफड़े में संक्रमण हो तो मुश्किल हो जाती है । कोविड महामारी में यह सबने बखूबी देखा और पाया था । वस्तुतः हमारा परिवेश भौतिक, सामाजिक और मानसिक हर...
शतायु का विज्ञान, औषधीय पौधों में छिपा ज्ञान

शतायु का विज्ञान, औषधीय पौधों में छिपा ज्ञान

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- ह्रदय नारायण दीक्षित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि दुनिया रोग उपचार के लिए आयुर्वेद की प्राचीन पद्धति की ओर लौट रही है। आयुर्वेद भारत का प्राचीन स्वास्थ्य विज्ञान है। बीते सप्ताह गोवा में विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस में अनेक विशेषज्ञों ने आयुर्वेद के सूत्रों पर व्यापक चर्चा की। सम्मेलन में ‘औषधीय पौधों के संरक्षण की जरूरतें‘ विषय पर एक सत्र हुआ। कहा गया है कि भारत में 900 प्रमुख औषधीय पौधों के 10 प्रतिशत खतरे की श्रेणी में हैं। पृथ्वी हर 2 साल में एक संभावित औषधि खो रही है। इसके विलुप्त हो जाने की दर सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया के सापेक्ष 100 गुना तेज है। यह चिंता का विषय है। भारत का स्वास्थ्य विज्ञान कम से कम ई.पू. 2500 से 1500 वर्ष प्राचीन है। ऋग्वेद में तमाम उपचारों व औषधियों का उल्लेख है। ऋग्वेद (10-97) में कहते हैं कि औषधियों का ज्ञान तीन युग पहले से है। यहां युग शब्द का प...
मध्य प्रदेश में आयुर्वेद और शिवराज सरकार

मध्य प्रदेश में आयुर्वेद और शिवराज सरकार

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत की ज्ञान परम्परा अद्भुत है, जिसने इस ज्ञान की थाह लेना चाही, वास्तव में वही कुछ पा सका है। विद्वानों ने ज्ञान प्राप्ति के लिए जो सबसे अधिक आवश्यक बताया है वह है जिज्ञासा का होना और न सिर्फ इसका होना बल्कि समय-समय पर इसका प्रकटीकरण और उसे जिसके प्रति जिज्ञासा है, उसे जानने की चाह में लगातार प्रयत्नशील बने रहना अति आवश्यक है । भारत का बहुत सा प्राचीन ज्ञान आज भी पुन: अपनी खोज के लिए प्रतीक्षारत है, ऐसे में महत्वपूर्ण हो जाता है किसी सरकार का आगे आना और इस प्रकार की समस्त ज्ञान राशि की खोज अपने संसाधनों के माध्यम से करवाकर उसे निस्वार्थभाव से जनता को समर्पित कर देना । मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार इस दृष्टि से आयुर्वेद के क्षेत्र में जो नवाचार कर रही है, वास्तव में वह स्तुत्य हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनेक अवसरों पर सहज जीवन और सरल जीवन की बातें करते हुए नज...