Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Ayodhya

इस रामनवमी की सदियों से थी प्रतीक्षा

इस रामनवमी की सदियों से थी प्रतीक्षा

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- डॉ. आशीष वशिष्ठ अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 9 अप्रैल को पहली बार रामनवमी का आयोजन हो रहा है। इस रामनवमी को पांच सौ वर्षों बाद श्रीराम लला अपने घर में जन्मदिन मनाएंगे। भव्य राम मंदिर में रामनवमी का ये स्वर्णिम और ऐतिहासिक अवसर सनातनधर्मियों को कड़े संघर्ष से हासिल हुआ है, जिसका पांच सदियों से अधिक का इतिहास है। इसमें 70 से अधिक बार का संघर्ष, जिसमें से अधिकतर मुगल आक्रांताओं द्वारा भारतवासियों और हमारे मंदिरों पर हमले का रक्तरंजित इतिहास शामिल है। लेकिन सबसे ज्यादा पीड़ादायक पिछले 75 वर्ष रहे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तुष्टिकरण की राजनीति को सिर माथे से लगाया और हिंदू आस्थाओं और भावनाओं को कुचलने में कोई कसर बाकी नही रखी। नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की सरकार तक ने राम मंदिर की राह में रोड़े अटकाने का काम किया। भारत रत्न पूर...
अब अयोध्या के आसमान में सप्तऋषि भी चमकेंगे

अब अयोध्या के आसमान में सप्तऋषि भी चमकेंगे

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- हृदयनारायण दीक्षित अयोध्या अंतरराष्ट्रीय चर्चा में है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर विश्व आकर्षण है। लाखों श्रद्धालु दर्शनार्थ आ रहे हैं। अयोध्या में दर्शनार्थियों का मेला है। प्रसन्नता का विषय है कि यहीं सप्तऋषियों का मंदिर भी बनाने की तैयारी है। श्रीरामजन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने यह घोषणा की है। सप्तऋषि मंदिर का निर्माण मार्च से शुरू होना है। भारत के अंतःकरण में ऋषियों के प्रति श्रद्धा है। ऋषि अनूठे हैं। वे प्रकृति की प्रत्येक गतिविधि के द्रष्टा हैं। सो उन्हें ऋषि कहा गया-ऋषयो मंत्र द्रष्टार। जो मंत्र देखता है वही ऋषि है। वैदिक साहित्य के कवि ऋषि कहे जाते हैं। वे संन्यासी नहीं हैं। साधारण गृहस्थ हैं। वे परिवार चलाते हैं। खेती सहित जीविका के अन्य काम भी करते हैं लेकिन मंत्र सृजन भी करते हैं। वे प्रकृति के प्रति आत्मीय हैं। वे मधु प्रिय हैं। मधु और आनंद पर्यायवाची है...
22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार, सारी दुनिया हुई राममय

22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार, सारी दुनिया हुई राममय

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- आर.के. सिन्हा कई सप्ताह से पूरा विश्व उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रहा है। दक्षिण पूर्वी एशियाई देश हों या फिर यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया या जर्मनी से जापान तक सभी राममय हो रहे हैं। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर से लेकर यूरोप के एफिल टावर तक देखने को मिलेगा। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 21 जनवरी को ‘रामरथ यात्रा’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूरे यूरोप से हजारों लोग भाग लेंगे। इतना ही नहीं, एफिल टावर के पास भव्य उत्सव भी मनाया जाएगा। इसी तरह अमेरिका में टाइम्स स्क्वायर पर 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा। नॉर्थ अमेरिका से लेकर कनाडा तक के मंदिरों में पूजन और दीपोत्सव किया जाएगा। अमेरिका में कैलिफोर्निया के साथ ही वाशिंगटन, शिकागो और अन्य शहरों में ...
अयोध्या देश ही नहीं, संपूर्ण विश्व को दिशा देगी

अयोध्या देश ही नहीं, संपूर्ण विश्व को दिशा देगी

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- गोपाल शर्मा अयोध्याधाम में श्रीराम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की घड़ी नजदीक है। भारत ही नहीं दुनियाभर के देशों में उत्साह है। उत्साह हो भी क्यों न। प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर 500 वर्षों से भी ज्यादा के संघर्ष और बलिदान के बाद भगवान का मंदिर पुन: साकार रूप लेने जा रहा है। सौभाग्यशाली हैं कि यह क्षण हमारे जीवन में आया है। हम 22 जनवरी को अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं। भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) की तरह 22 जनवरी 2024 की तारीख पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प के प्रतीक के रूप में युगों-युगों तक जाना जाएगा। प्रभु श्रीराम एक राजा या आराध्य ही नहीं, भारत की आत्मा हैं । सांस्कृतिक पहचान हैं। अस्मिता हैं। प्रभु श्रीराम की शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का कुत्सित प्रयास किया गया लेकिन श्रीराम जनमानस के मन में बसे रहे। श्रीराम का जीवन चरित...
अयोध्या में श्रीराम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पर मप्र में 16 से 22 जनवरी तक होंगे आयोजन

अयोध्या में श्रीराम प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पर मप्र में 16 से 22 जनवरी तक होंगे आयोजन

देश, बिज़नेस
- मंदिरों में राम कीर्तन, दीप प्रज्जवलन और प्रत्येक घर में दीपोत्सव भोपाल (Bhopal)। अयोध्या (Ayodhya) में आगामी 22 जनवरी को प्रस्तावित भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा (Consecration of the statue of Lord Shri Ram) को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में विभिन्न कार्यक्रम (Various programs in all districts) आयोजित करने के निर्देश कलेक्टरों को जारी किये हैं। आदेश में 16 से 22 जनवरी तक के विभिन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों को गरिमापूर्वक मनाने के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। स्थानीय निकायों तथा स्थानीय लोगों के सहयोग से स्पेशल ट्रेनों तथा सड़क मार्गों से अयोध्या जा रहे तीर्थ-यात्रियों के सम्मान/स्वागत की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएंगी। यह जानकारी शुक्रवार को जनसम्पर्क अधिकारी क्रांतिदीप अलूने ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक मंदिर में 16 जनवरी से 2...
अयोध्या से सनातन का भव्य सूर्योदय

अयोध्या से सनातन का भव्य सूर्योदय

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- मृत्युंजय दीक्षित पांच सौ वर्ष के सतत संघर्ष और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विकृत व दूषित मनोवृत्ति की राजनीति के कारण सर्दी, गर्मी व बरसात में भी फटे टेंट में सब प्रकार के कष्ट झेलने वाले राम लला अब अपने दिव्य एवं भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने जा रहे हैं । जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तिथि (22 जनवरी 2024) निकट आ रही है भारत के पूर्वी से पश्चिमी और उत्तर से दक्षिणी छोर तक समस्त सनातनी रामभक्तों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। सभी प्रभु श्रीरामलला के आगमन के आनन्दोत्सव में डूबना चाह रहे हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी विगत अयोध्या यात्रा में रामभक्तों के मन में भी धैर्य का भाव जगाना पड़ा । उन्होंने 30 दिसंबर को अयोध्या की भूमि से सम्पूर्ण भारत को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए 500 वर्षों से भी अधिक समय से प्रतीक्षा क...
Ayodhya : बस कुछ घंटे और! पुनर्विकास के नायक के स्वागत को बेताब अयोध्या

Ayodhya : बस कुछ घंटे और! पुनर्विकास के नायक के स्वागत को बेताब अयोध्या

देश
- धर्मपथ से रामपथ तक फूलों के सुगंध से महक उठी अयोध्या, अब सिर्फ PM मोदी का दीदार बाकी अयोध्या (Ayodhya)। बस कुछ घंटे और! अयोध्या के पुनर्विकास के नायक (hero of redevelopment of Ayodhya) नरेंद्र दामोदर दास मोदी (Narendra Damodar Das Modi,) पहुंचने वाले हैं, जिनके दीदार और स्वागत को अयोध्या बेताब है। प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में 16 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं (Projects worth Rs 16 thousand crores) देश को समर्पित करेंगे। ऐसे में, प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा वाले उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी का अभूतपूर्व स्वागत हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को ही इन कार्यों का अवलोकन कर लिया। साधु-संत व आमजन रामनगरी में प्रधानमंत्री का अभिनंदन करेंगे। कहीं स्वस्तिवाचन तो कहीं शंख व डमरू की नाद से प्रधानमंत्र...
एयर इंडिया एक्सप्रेस 30 दिसंबर को नई दिल्ली से अयोध्या के लिए भरेगी उद्घाटन उड़ान

एयर इंडिया एक्सप्रेस 30 दिसंबर को नई दिल्ली से अयोध्या के लिए भरेगी उद्घाटन उड़ान

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस (Airline Company Air India Express) 30 दिसंबर को देश की राजधानी नई दिल्ली (Country's capital New Delhi) से अयोध्या (Ayodhya) के लिए अपनी उद्घाटन उड़ान (inaugural flight) भरेगी। एयरलाइन की इस रूट पर दैनिक निर्धारित सेवाएं 16 जनवरी से शुरू होंगी। कंपनी ने बुधवार को जारी बयान में बताया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस की उद्घाटन उड़ान आईएक्स 2789 राजधानी नई दिल्ली से 30 दिसंबर को सुबह 11.00 बजे रवाना होगी, जो 12.20 बजे दिन में अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरेगी। इसके बाद अयोध्या हवाई अड्डे से आईएक्स 1769 उड़ान नई दिल्ली के लिए दोपहर 12.50 बजे प्रस्थान करेगी, जो 14.10 बजे पहुंचेगी। एयरलाइन के प्रबंध निदेशक (एमडी) आलोक सिंह ने कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस अयोध्या से परिचालन शुरू करने को लेकर उत्साहित है।...
छंटने लगा अयोध्या की उदासी का अंधेरा

छंटने लगा अयोध्या की उदासी का अंधेरा

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री छह वर्ष पहले तक अयोध्या उदास और उपेक्षित थी...। आजादी के बाद अपने को सेक्युलर बताने वाली सरकारों को काशी-मथुरा-अयोध्या का नाम लेने में झिझक होती थी। यहां पर्यटन के अनुरूप विकास करने में संकोच होता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डबल इंजन सरकार ने इस धारणा को बदल दिया। यह दुनिया जानती है कि उत्तर प्रदेश तीर्थाटन के लिहाज से बहुत समृद्ध रहा है। यहां के काशी, मथुरा, अयोध्या और सारनाथ जैसे तीर्थस्थल विश्व प्रसिद्ध है। सदियों से चलने वाले अनेक मेले भी बहुत प्रसिद्ध हैं। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद तीर्थाटन को अर्थव्यवस्था और सामाजिक एकात्मता से जोड़ने का कार्य किया। पिछले कुंभ में उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक प्रयागराज में आयोजित की थी। यह विकास और संस्कृति के लिए सरकार की प्रतिबद्धता थी। अयोध्या में पांच सदियों का सपना साक...