Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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कोरोना त्रासदी और स्वास्थ्य सजगता

कोरोना त्रासदी और स्वास्थ्य सजगता

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कार्प के हालिया सर्वे में एक बात साफ हो गई है कि अब लोगों की स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता पहले से अधिक बढ़ी है। अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कार्प समय-समय पर सर्वे कराकर लोगों के मूड को समझता रहता है। पिछले साल के अंत में कराए गए इस सर्वे में साफ हुआ है कि अब लोग युवावस्था में ही भौतिक संसाधन जुटाने, खान-पान के प्रति सजगता और हेल्दी टिप्स पर जोर देने लगे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि कोरोना के बाद देश-दुनिया के लोगों की प्राथमिकताओं में तेजी से बदलाव आया है। एक समय था जब लोग बचत को ही प्राथमिकता देते थे। अब लोगों की प्राथमिकता में स्वास्थ्य पहले पायदान पर आ गया है। इसमें भी खासतौर से मानसिक स्वास्थ्य और एक्सरसाइज को लेकर लोग अधिक गंभीर होने लगे हैं। लोगों में वर्कआउट के प्रति रुझान बढ़ा है। जबकि एक समय था जब वर्कआउट के लिए जिम जाने को स्टेट...
टीकाकरण और अवेयरनेस से जीवन रेखा में उल्लेखनीय सुधार

टीकाकरण और अवेयरनेस से जीवन रेखा में उल्लेखनीय सुधार

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा यदि कोरोना प्रकोप छोड़ दिया जाए तो अब इसमें कोई दो राय नहीं कि दुनिया के देशों में जीवन रेखा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के समग्र प्रयासों का परिणाम है कि अपने समय की जानलेवा बीमारियां टीबी, मलेरिया, टाइफाइड, पोलियो, पीलिया, डायरिया आदि पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है। दुनिया के देशों में बाल मृत्यु दर लगभग आधी रह गई है तो प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर भी करीब एक तिहाई रह गई है। संस्थागत प्रसव ने हालात में तेजी से सुधार किया है। दुनिया के अधिकांश देशों में संक्रामक रोगों का असर भी कम हुआ है तो डेंगू, स्वाइन फ्लू व इसी तरह की कुछ जानलेवा बीमारियां सामने आने लगी हैं। पिछले कुछ दशकों से हमारे देश ही नहीं दुनिया के लगभग अधिकांश देशों में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके लिए वैक्सिनेशन अभियान और सरकारों द्वारा अनवरत ...
टीकाकरण और अवेयरनेस से जीवनरेखा में उल्लेखनीय सुधार

टीकाकरण और अवेयरनेस से जीवनरेखा में उल्लेखनीय सुधार

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा यदि कोरोना प्रकोप छोड़ दिया जाए तो अब इसमें कोई दोराय नहीं कि दुनिया के देशों में जीवनरेखा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के समग्र प्रयासों का परिणाम है कि अपने समय की जानलेवा बीमारियां टीबी, मलेरिया, टाइफाइड, पोलियो, पीलिया, डायरिया आदि पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया हैं। दुनिया के देशों में बाल मृत्युदर लगभग आधी रह गई है तो प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु दर भी करीब एक तिहाई रह गई है। संस्थागत प्रसव ने हालातों में तेजी से सुधार किया है। दुनिया के अधिकांश देशों में संक्रामक रोगों का असर भी कम हुआ है तो डेंगू, स्वाइन फ्लू व इसी तरह की कुछ जानलेवा बीमारियां सामने आने लगी है। पिछले कुछ दशकों से हमारे देश ही नहीं दुनिया के लगभग अधिकांश देशों में स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके लिए वैक्सीनेशन अभियान और सरकारों द्वारा अनवरत र...