प्लास्टिक कचरा के प्रति जागृत हो समाज
- सुरेश हिन्दुस्थानी
वर्तमान में प्लास्टिक कचरा बढ़ने से जिस प्रकार से प्राकृतिक हवाओं में प्रदूषण बढ़ रहा है, वह मानव जीवन के लिए तो अहितकर है ही, साथ ही हमारे स्वच्छ पर्यावरण के लिए भी विपरीत स्थितियां पैदा कर रहा है। हालांकि इसके लिए समय-समय पर सरकार और सरकारी सहयोग लेकर चलने वाली गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा जागरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं, परंतु परिणाम उस गति से मिलता दिखाई नहीं देता। ऐसे में प्रश्न यह आता है कि गैर सरकारी संस्थाओं की यह मुहिम अपेक्षित परिणाम क्यों नहीं दे पा रही है। जबकि कागजी प्रमाण इसकी सफलता बता रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत में कागजों में काम होने की बीमारी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि प्लास्टिक मुक्ति का अभियान गैर सरकारी संस्थाओं ने बलि चढ़ा दिया। अगर प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ने की यही गति बरकरार रही तो एक दिन हमें शुद्ध हवा से वंचित होना पड़ ...