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आजादी के बाद विमानन क्षेत्र में बड़ी ‘उड़ान’

आजादी के बाद विमानन क्षेत्र में बड़ी ‘उड़ान’

अवर्गीकृत
- रोहित माथुर यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ''उड़ान'' योजना स्वतंत्रता के बाद भारत में विमानन क्षेत्र में लाई गई अब तक की सबसे नवीन और समझदारी से तैयार की गई योजना है। उड़ान का जमीनी स्तर पर जो असर दिख रहा है, वह भले ही दिल्ली में स्पष्ट रूप से दिखाई न दे, लेकिन यह देश के कुछ दूरदराज और सुदूरवर्ती इलाकों में क्रांति ला रहा है। उड़ान की सफलता की कहानियां पूरे भारत के अनेक टियर 2 और टियर 3 शहरों में फैली हुई हैं। दरभंगा का उदाहरण लें, जो पटना के बाद बिहार में विमान परिचालन शुरू करने वाला दूसरा हवाई अड्डा है। यह उड़ान की एक बड़ी सफलता की कहानी है और आज दरभंगा प्रतिदिन 1500 से अधिक यात्रियों का आवागमन संभालता है। यही कहानी प्रयागराज और कानपुर की भी है, जहां उड़ान के अंतर्गत इंडिगो ने2018-19 के आसपास प्रयागराज-बेंगलुरु और स्पाइसजेट ने कानपुर-दिल्ली शुरू की जहां इससे पहले इन शहरों के...
DGCA का बड़ा फैसला, विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता के लिए समिति गठित

DGCA का बड़ा फैसला, विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता के लिए समिति गठित

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) (Directorate General of Civil Aviation - DGCA) ने लैंगिक समानता (gender equality) को लेकर बड़ा कदम उठाया है। डीजीसीए ने विमानन क्षेत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के बीच समानता (equality between women and men) सुनिश्चित करने के तरीके सुझाने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित (Four member committee constituted) की है। डीजीसीए के 10 अगस्त को जारी एक आदेश के मुताबिक यह समिति विमानन क्षेत्र में लैंगिक समानता लाने के लिए डीजीसीए को उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सुझाव देगी। आदेश के मुताबिक इस समिति में निदेशक (संचालन) सुर्विता सक्सेना, निदेशक (प्रशिक्षण) आर पी कश्यप, उप निदेशक (प्रशासन) पवन मालवीय और उप निदेशक (विमान इंजीनियरिंग निदेशालय) कविता सिंह शामिल हैं। आदेश के मुताबिक यह समिति गठन की तारीख से छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट या सुझाव ...