Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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रियासी के इस्लामी आतंकवादी हमले पर क्यों है चुप्पी ?

रियासी के इस्लामी आतंकवादी हमले पर क्यों है चुप्पी ?

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी इस्लामिक आतंकवाद का अकसर यह कहकर बचाव करते देखा जाता है कि आतंक का कोई मत, पंथ, रिलीजन, मजहब और धर्म नहीं होता। आतंक तो आतंक होता है, किंतु वास्तव में भारत एवं दुनिया के संदर्भ में जिस तरह की लगातार आतंकी घटनाएं एक खास वर्ग विशेष इस्लाम को मानने वाले मुसलमानों द्वारा घटित की जा रही हैं, वह बार-बार यही इंगित करती है कि आतंक का न सिर्फ विशेष मजहब होता है, बल्कि आतंकवाद एक विशेष उद्देश्य से और पूरी दुनिया को सिर्फ एक ही रास्ते पर चलाने की मंशा से जारी है। निश्चित ही इससे जुड़ी भविष्य की कल्पना बहुत डरावनी है। पहले इस्लाम के नाम पर भारत का विभाजन किया गया, अपनी जनसंख्या की तुलना में शेष भारत से अधिकांश भूमि एवं अन्य व्यवस्थाएं जुटाई गईं, फिर चुन-चुन कर नए इस्लामिक गणराज्य में गैर मुसलमानों को निशाना बनाया गया जो अब भी (पाकिस्तान-बांग्लादेश में) जारी है। वस्तुत: यह प्...
हमास के खिलाफ है भारत, फिलिस्तीन के नहीं

हमास के खिलाफ है भारत, फिलिस्तीन के नहीं

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- डॉ. प्रभात ओझा इजराइल पर हमास के हमले और फिर इजराइल की जवाबी कार्रवाई में एक पक्ष कमजोर पड़ गया है। वह पक्ष है फिलिस्तीन राष्ट्र का। निश्चित ही इस पक्ष को फिलिस्तीन आधारित हमास जैसे आतंकवादी संगठन ने कमजोर किया है। विडंबना यह है कि हमास अपने को फिलिस्तीन का उद्धारक मानता है और गाजा पट्टी के एक हिस्से पर उसका अधिकार भी है। ताजा घटनाक्रम में इजराइली सेनाओं ने गाजा को घेर रखा है। वहां रसद जैसी जरूरी आपूर्ति के साथ पानी तक की समस्या खड़ी हो गई है। अमानवीय हालात तो यह है कि केंद्रीय गाजा के अल अहली अस्पताल में रॉकेट अटैक में 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। मरीजों के साथ यहां अन्य लोगों ने भी शरण ली थी। दिल हिला देने वाले इस हमले के बाद युद्ध का परिदृश्य बदल गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति इजराइल यात्रा पर पहुंचे। जहां से वे जार्डन जाने वाले थे। वहां उनकी किंग अब्दुल्ला द्वितीय, मिस्र के राष्ट्रपति...
हमास के इजरायल पर हमले के मायने

हमास के इजरायल पर हमले के मायने

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- ललित मोहन बंसल इजरायल की सुरक्षा एजेंसियां गच्चा क्यों खा गयीं ? गाजा स्थित हमास आतंकवादियों ने अकस्मात इजरायल के दक्षिण में गाजा पट्टी के साथ लगी बस्तियों पर जमीनी हमले और तेल अवीव तथा यरुशलम की यहूदी बस्तियों पर एक साथ दो हजार राकेट दाग कर एक ‘निर्णायक’ युद्ध की दावत दे दी है। शनिवार तड़के जैसे ही इजरायली नींद से उठे, उन्हें अपने इर्द-गिर्द के शहरों और बस्तियों और खास कर देश के दक्षिणी हिस्से की क़रीब एक दर्जन उपनगरों से आ रही मातमी खबरों ने उद्धेलित कर दिया। इस हमले पर इजरायल के कुशल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने त्वरित कार्रवाई में हमास आतंकवादियों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। ये ही नेतान्याहू एक सप्ताह पूर्व अमेरिकी प्रस्ताव पर सऊदी अरब और इजरायल एक टेबल पर आने, मध्य पूर्व एशिया में शांति स्थापना के लिए गाजा में हमास आतंकवादियों को कुछेक रियायतें दिलवाने की कोशिश में जुटे...