ममता राज में नहीं रखवाली, कदम-कदम पर अत्याचार के ‘संदेशखाली’
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
देश, 'संदेशखाली' से सकते में है। दुख है कि संविधान की सबसे ज्यादा दुहाई देनेवाली ममता बनर्जी के राज में यह हालत हैं कि एक नहीं आज कई ''संदेशखाली'' पैदा हो गए हैं, जहां महिलाओं की इज्जत तार-तार हो रही है। हिंसा का तांडव कहीं भी हो सकता है और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते बहुसंख्यक हिन्दू समाज कभी भी मौत के घाट उतार दिया जाता है। लव जिहाद, लैंड जिहाद और विदेशी घुसपैठ तो जैसे यहां रोजमर्रा की बात हो चुकी है। फिर भी देखो, कितनी बेशर्मी है ! हद है, ममता दीदी उलटा सभी कमियों के लिए भाजपा और संघ परिवार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं और बिना किसी ठोस साक्ष्य के वह सब बोल रही हैं जो उनके नैरेटिव में फिट बैठता है।
आज यहां ''संदेशखाली'' नहीं जल रहा है । बल्कि इस राज्य के 23 जिलों में से 16 जिले कहीं न कहीं कम-अधिक हिंसा के शिकार हैं। वह तो अच्छा हुआ, पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशा...