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जन-गण-मन में रचे-बसे अटल जी

जन-गण-मन में रचे-बसे अटल जी

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित अटल जी का नाम भारतीय जन-गण-मन में रचा बसा है। वे जीवित रहते तो आज 98 बरस के होते। उनकी स्मृति बार-बार आती है। उनका पूरा व्यक्तित्व भावप्रवण काव्य था। तरल, सरल, विरल और विश्वमोहक। 25 दिसंबर को उनकी जयंती है। कैसे करें उनका स्मरण? स्मरण उनका होता है, जिनका विस्मरण हो जाता है। अटल जी की स्मृति प्रतिपल जीवंत रहती हैं। वे भारतीय सार्वजनिक जीवन की दिव्यता हैं और राजनीतिक जीवन के मर्यादा पुरुष। भारतीय इतिहास ने उन्हें पूरी आत्मीयता के साथ अपने अन्तःस्थल में स्थापित किया है। वैसे इतिहास निर्मम और निष्पक्ष होता है। वह अपने-पराए में भेद नहीं करता। वह अनायास ही किसी को महानायक नहीं बनाता। लोकमत भी इतिहास की तरह निर्मम होता है। इसलिए विश्व इतिहास के प्रतिष्ठित महानायक भी संपूर्ण लोकमन की प्रशंसा नहीं पा सके। लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी अद्वितीय हैं। उन्होंने राष्ट्र के संपूर्ण जन-गण...
अटल जी के जन्मदिवस पर धूमधाम के साथ मनेगा “ग्वालियर गौरव दिवस”

अटल जी के जन्मदिवस पर धूमधाम के साथ मनेगा “ग्वालियर गौरव दिवस”

देश, मध्य प्रदेश
- महाराज बाड़े पर 25 दिसम्बर को विख्यात सरोद वादक अमजद अली खान एवं उनके पुत्रों की होगी प्रस्तुति ग्वालियर। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Bharat Ratna Late. Atal Bihari Vajpayee) के जन्मदिवस 25 दिसम्बर को धूमधाम एवं भव्यता के साथ “ग्वालियर गौरव दिवस” ("Gwalior Pride Day") मनाया जायेगा। इस दिन संध्या को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Singh Chouhan) के मुख्य आतिथ्य में महाराज बाड़े पर गौरव दिवस के उपलक्ष्य में मुख्य आयोजन होगा। यहाँ पर विख्यात सरोद वादक अमजद अली खान (Renowned sarod player Amjad Ali Khan) व उनके पुत्रों की प्रस्तुति, विख्यात हॉलीवुड सिंगर की टीम की प्रस्तुति के साथ ही अटल सम्मान एवं राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी होगा। शुक्रवार शाम को कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में ग्वालियर गौरव दिवस के आयोजन के संबंध में आयोजि...
मुलायम सिंह और अटलजी

मुलायम सिंह और अटलजी

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक मुलायम सिंह यादव और अटलजी से मेरा 55-60 साल पुराना संबंध रहा है। मेरे पिताजी श्री जगदीश प्रसाद वैदिक अटलजी से भी ज्यादा घनघोर जनसंघी थे। जनसंघ और संघ के सारे अधिकारी इंदौर में मेरे घर को अपना ठिकाना ही समझते थे। लेकिन 1962 में इंदौर के छात्र नेता के तौर पर मैंने डाॅ. राममनोहर लोहिया को अपने इंदौर क्रिश्चियन काॅलेज में भाषण के लिए बुलवा लिया। उनके भाषण का प्रभाव मुझ पर इतना गहरा हुआ कि मैं उनके अंग्रेजी हटाओ आंदोलन से जुड़ गया। मैं किसी राजनीतिक दल का कभी सदस्य नहीं बना लेकिन हिंदी आंदोलन में 12 साल की उम्र में ही पहली बार गिरफ्तार हुआ। उधर उप्र में मुलायम सिंह यादव 15-16 की उम्र में गिरफ्तार हुए। जब हम मिले तो दोनों का संबंध अत्यंत घनिष्ट हो गया। अब से लगभग 20 साल पहले 28 फरवरीए 2002 की बात है। दिल्ली का हैदराबाद हाउस, जहां प्रधानमंत्री की दावतें होती हैं। अफगानिस्ता...