Sunday, November 24"खबर जो असर करे"

Tag: assembly elections

त्रिपुरा में भाजपा की वापसी के आसार

त्रिपुरा में भाजपा की वापसी के आसार

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी देश की बांग्लादेश सीमा से सटे पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव है। इसमें एक ओर जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पुन: सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है तो दूसरी ओर राज्य में वाम मोर्चा-कांग्रेस गठजोड़ के साथ ही त्रिपुरा के पूर्व महाराज के उत्तराधिकारी प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन के नेतृत्व वाली आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा भी तीसरे पक्ष के तौर पर चुनाव मैदान में है। सबके अपने-अपने जीत के दावे हैं, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने यहां पिछले पांच सालों में कार्य किया है, उसे देखते हुए उसका पुख्ता दावा यह है कि वह फिर एक बार राज्य में सत्ता की वापसी करने वाली है। त्रिपुरा में आप अन्य पार्टियों के साथ भाजपा के मुकाबले का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कांग्रेस और सीपीएम ताकतें हमेशा एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी रही हैं लेकिन इस बार वे एक ...
मध्य प्रदेश में दो-दो यात्राओं का कैसा होगा संदेश!

मध्य प्रदेश में दो-दो यात्राओं का कैसा होगा संदेश!

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- ऋतुपर्ण दवे इन दिनों देश में गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनाव के साथ दिल्ली महानगर पालिका चुनावों की पूरे देश में भले ही चर्चा हो रही हो लेकिन एक राज्य ऐसा भी है जहां विधानसभा चुनाव को पूरे वर्ष भर बाकी हैं लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां कुछ ऐसी हैं कि पूछिये मत। चुनावी समर में भाजपा और कांग्रेस जोर आजमाइश में एक-दूसरे से पीछे नहीं है। राष्ट्रपति का दौरा, प्रधानमंत्री का महीने भर के अंतराल में दो बार दौरा, केन्द्रीय गृहमंत्री का दौरा और अब सरकार की गौरव यात्रा तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने के मायने बेहद खास हैं। कहने की जरूरत नहीं कि बात मध्य प्रदेश की हो रही है। अगले वर्ष यानी 2023 में ठीक इन्हीं दिनों देश का दिल कहें या भारत का हृदय प्रदेश, मध्य प्रदेश चुनावी कोलाहल की उफान में डूबा हुआ होगा। 2018 के चुनाव में थोड़े से अंतराल से पिछड़ने के बाद बहुमत से पिछड़ी भाजपा को द...
भाजपा की उत्तर-पूर्व विजय-गाथा और मिशन-2023

भाजपा की उत्तर-पूर्व विजय-गाथा और मिशन-2023

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- अजय दीक्षित सन् 2023 में विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी ऐसे लोगों को तैयार कर रही है, जिनकी समाज में अच्छी पकड़ है। साथ ही, विदेशों में बसे प्रदेश के नौकरीपेशा और बिजनेसमैन लोगों को लुभाया जा रहा है, जिससे वे भाजपा के फेवर में माहौल बना सकें। इसके लिए पार्टी का विदेश सम्पर्क विभाग तेजी से काम कर रहा है। विदेश सम्पर्क विभाग ने दो बड़े कार्यक्रमों के जरिए विदेशों में बसे मध्य प्रदेश के युवाओं और परिवारों को जोड़ने की शुरुआत की है। इन्हें लगातार प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और आयोजनों में वर्चुअली जोड़ा जायेगा। सन् 2018 में हुए विधानसभा चुनाव मे मामूली अन्तर से भाजपा प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गई थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा फिर काबिज हो गई। एंटी इन्कमबेंसी से निपटने बीजेपी अब कैंपेन चला रही है। ...
जम्‍मू कश्मीर में अगले साल मार्च के बाद हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, इन वोटर्स पर है बीजेपी की नजर

जम्‍मू कश्मीर में अगले साल मार्च के बाद हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, इन वोटर्स पर है बीजेपी की नजर

देश
जम्‍मू । जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद लगातार विधानसभा चुनाव (assembly elections) कराए जाने की मांग हो रही है. अब सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि अगले साल मार्च के बाद कभी भी घाटी में चुनाव कराए जा सकते हैं. इसे लेकर चुनाव आयोग (election Commission) बड़े स्तर पर तैयारी कर रहा है. चुनाव आयोग की कोशिश है कि पिछले 3 दशक के दौरान कश्मीर में बिगड़े हालात के चलते कश्मीर से बाहर रह रहे करीब साढ़े चार लाख के करीब कश्मीरी पंडितों व अन्य कश्मीरियों की मतदाता सूची (voter list) को जल्द से जल्द फाइनल कर लिया जाए. यही नहीं पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी हिंदुओं को भी वोट का आधिकार दिए जाने पर काम हो रहा है. जो सालों से कश्मीर रह तो रहे थे लेकिन उन्हें अब तक वोट देने का आधिकार नहीं था. सूत्रों की मानें तो कश्मीर में रह रहे भारत के दूसरे हिस्सों के लोगों...

राजस्थान में कितना सफल होगा तीसरा मोर्चा?

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल से अधिक का समय बाकी है। मगर राजनीतिक दलों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। क्षेत्रीय दल (तीसरा मोर्चा) भी विधानसभा में पहुंचने को लालायित दिख रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि राजस्थान की राजनीति में क्या तीसरा मोर्चा सफल होगा। पहले राजस्थान में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के बीच ही होता रहा है, क्योंकि यहां तीसरा मोर्चा नहीं बन पाया था। इसी कारण 1993 से यहां एक बार भाजपा व एक बार कांग्रेस की सरकारी बनती आ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाकर 58 सीटों पर चुनाव लड़ा था। मगर उन्हें तीन सीट व 2.4 प्रतिशत वोट मिले थे। इसी तरह भाजपा से बगावत कर घनश्याम तिवाड़ी ने भी भारत वाहिनी पार्टी के नाम से राजस्थान में 63 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। मगर तिवाड़ी सहित...