Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: assembly elections

जम्मू-कश्मीर लिखेगा एक और इतिहास

जम्मू-कश्मीर लिखेगा एक और इतिहास

अवर्गीकृत
- प्रदीप मिश्र आजादी और विभाजन के बाद ऐतिहासिक विवाद और विचार-विमर्श का केंद्र रहे जम्मू-कश्मीर फिर नई इबारत लिखने जा रहा है। पांच अगस्त 2019 को स्वायत्तशासी राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मीर का भूगोल लद्दाख के अलग होने के कारण पहले ही बदल चुका है। अरसे बाद तीन चरणों में विधानसभा चुनाव तय हो गया है। 2014 के बाद होने जा रहा नए जम्मू-कश्मीर का यह विधानसभा चुनाव इतिहास का हिस्सा होगा। इस साल जून से आतंकवादियों के आए दिन हमलों और सुरक्षाकर्मियों की शहादत के बीच सुप्रीम कोर्ट के प्रति सम्मान जताने के चुनाव आयोग के फैसले से अवाम को स्थानीय स्तर पर नुमाइंदे मिल जाएंगे। इससे उनकी अपने जनप्रतिनिधि चुनने के बाद उनकी समस्याओं पर सुनवाई और समाधान नजदीक ही नहीं, तेजी से भी होने की उम्मीद बढ़ गई है। 87.09 लाख मतदाताओं वाले केंद्र शासित प्रदेश में सभी दलों के लिए पूर्ण राज्य का मुद्दा सब...
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ बड़ा विचार-बड़ा सुधार

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ बड़ा विचार-बड़ा सुधार

अवर्गीकृत
- मुकुंद देश में गंभीर तार्किक एवं अन्य चुनौतियों के बावजूद लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का विचार दशकों से चर्चा के केंद्र में है। इसका मकसद भारतीय चुनाव चक्र की अनावश्यक पुनरावृत्ति को रोकना है। हालांकि वर्ष 1967 तक 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा के तहत देश में चुनाव हुए हैं, लेकिन कार्यकाल समाप्त होने से पहले राज्यों की विधानसभा और लोकसभा के बार-बार भंग होने के कारण यह सिलसिला थम गया। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव के साथ कुछ राज्यों मसलन आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम के विधानसभा चुनाव अभी भी साथ होते हैं। आज 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की अवधारणा कुछ कारणों से अपरिहार्य हो गई है। केंद्र सरकार कुछ समय पहले इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन कर चुकी है। यह समिति इस संबंध में व्यापक मंथन कर रही है। इस अवधा...
मायावती के लिए आत्मचिंतन का समय

मायावती के लिए आत्मचिंतन का समय

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा हाल ही के राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम विधानसभा के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का ग्राफ तेजी से गिरा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी पट्टी वाले प्रदेशों में बहुजन समाज पार्टी एक तीसरे विकल्प के रूप में अपनी ताकत का एहसास कराती आई थी। मगर इस बार के विधानसभा चुनाव में बसपा का पूरी तरह सूपड़ा ही साफ हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में राजस्थान में बसपा को 4 प्रतिशत वोट व 6 सीटों पर जीत मिली थी। मगर इस बार यहां बसपा 1.82 प्रतिशत वोटों के साथ मात्र दो सीटों पर ही सिमट गई है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में बसपा को मात्र 721037 वोट मिले हैं। मध्य प्रदेश में पिछली बार बसपा को दो सीट व 5.01 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार के बसपा को 3.40 प्रतिशत यानी 14,77,202 वोट तो मिल गए मगर सीट एक भी नहीं मिली। इसी तरह छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पिछली बार...
विधानसभा चुनावों की तपन और रुख बदलती सियासी पवन

विधानसभा चुनावों की तपन और रुख बदलती सियासी पवन

अवर्गीकृत
- ऋतुपर्ण दवे पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस और भाजपा में जिस तरह से उठापटक का नजारा दिख रहा है वो नया नहीं है। लेकिन नवंबर-2023 में होने जा रहे पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव जरूर तमाम रणनीतिक गतिविधियों के चलते अलग नजर आ रहे हैं। जिस रास्ते भाजपा और काँग्रेस चल रही है वह खुद बड़ा संकेत है। भाजपा ने भले मध्य प्रदेश से बेहद पुरानी शुरुआत को नए लिबास में कर तीनों अहम हिन्दी पट्टी राज्यों में भी प्रयोग दोहरा, मौजूदा सांसदों या केन्द्रीय मंत्रियों को जंग में उतार तमाम दिग्गजों सहित खुद भाजपाइयों को अचरज में डाल दिया। इसकी खबर प्रत्याशी के सिवाय किसी को कानों कान नहीं थी। इसी तरह काँग्रेस ने भी भाजपा से आए लोगों को टिकट देने में गुरेज न कर बड़ा दाँव खेला है। अब दोनों ही दल कार्यकर्ताओं के विरोध को झेल रहे हैं। लेकिन आखिर में हमेशा की तरह सब ठीक हो...
मप्र विधानसभा चुनावः आम आदमी पार्टी ने जारी की पहली सूची, 29 उम्मीदवारों के नाम घोषित

मप्र विधानसभा चुनावः आम आदमी पार्टी ने जारी की पहली सूची, 29 उम्मीदवारों के नाम घोषित

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों (assembly elections) के लिए आम आदमी पार्टी (आप) (Aam Aadmi Party - AAP) पहली सूची जारी (first list released) कर दी है। इसमें 29 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा (Announcement of names of 19 candidates) की गई है। यह सूची सोमवार देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने जारी की है। जारी सूची के अनुसार, आम आदमी पार्टी ने भांडेर विधानसभा सीट से रमणी देवी जाटव, भिंड से राहुल कुशवाह, मेहगांव से सतेन्दर भदोरिया, भोपाल उत्तर से मोहम्मद सऊद, नरेला से रायसा बेगम मलिक, दमोह से चाहत मनी पाण्डे, मल्हारा से चंद्र किन्नर, डॉ अम्बेडकर नगर-महू से सुनील चौधरी, गंधवानी से भेरू सिंह अनारे, शिवपुरी से अनूप गोयल, सिवनी मालवा से सुनील गौर, इंदौर-1 से अनुराग यादव, इंदौर-4 से पीयूष जोशी, जबलपुर की बरगी सीट से आनंद...
एकला चलो की राह पर गहलोत

एकला चलो की राह पर गहलोत

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब मात्र दो माह का समय रह गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एकला चलो राह पर मैदान में उतर चुके हैं। पूरे चुनाव की कमान अपने हाथों में थाम कर व्यूह रचना में जुट गए हैं। अपने प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को चुनाव रणनीति से पूरी तरह दूर कर दिया है। चुनाव के लिए गठित किसी भी कमेटी की कमान सचिन पायलट को नहीं दी गई है। चुनाव कमेटियों में उन्हें मात्र एक सदस्य के तौर पर ही शामिल किया गया है। सचिन के अधिकांश समर्थकों को भी कमेटियों से दूर रखा गया है। यह कर गहलोत ने दिखा दिया है कि राजस्थान में कांग्रेस के वही एक छत्र नेता हैं। उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा। टिकटों के वितरण में भी उन्हीं की चलेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कोर कमेटी, कोऑर्डिनेशन कमेटी, चुनाव कम्पेनिंग कमेटी, मेनिफेस्ट...
मप्र विधानसभा चुनाव के लिए बसपा ने घोषित किए सात उम्मीदवार

मप्र विधानसभा चुनाव के लिए बसपा ने घोषित किए सात उम्मीदवार

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अभी चुनावों की तारीखों का ऐलान तो नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने प्रदेश की सात सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। बसपा द्वारा गुरुवार को ग्वालियर-चबंल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र की सात विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। इनमें मुरैना, निवाड़ी, छतरपुर जिले की एक-एक तथा सतना और रीवा जिले की दो-दो सीटें शामिल हैं। बसपा द्वारा जारी सूची के अनुसार, मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से बलवीर सिंह दंडोतिया, निवाड़ी से अवधेश प्रताप सिंह राठौड़, छतरपुर की राजनगर सीट से रामराजा पाठक, सतना की रैगांव सीट से देवराज अहिरवार, सतना जिले की रामपुर बघेलान सीट से मणिराज सिंह पटेल, रीवा की सिरमौर से विष्णु देव पांडे और रीवा जिले की सिमरिया सीट...
कर्नाटक विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल, कड़े मुकाबले में कांग्रेस दिख रही आगे

कर्नाटक विधानसभा चुनाव एग्जिट पोल, कड़े मुकाबले में कांग्रेस दिख रही आगे

देश
नई दिल्ली (New Delhi)। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों (Karnataka's 224 assembly seats) के लिए बुधवार को मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न (polling conducted peacefully) हुआ। मतदान के तुरंत बाद विभिन्न एजेंसियों और टीवी चैनलों के एग्जिट पोल (exit poll) आने शुरू हो गए। इन एग्जिट पोल्स की मानें तो कर्नाटक में सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच होता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस इसमें कुछ बढ़त के साथ आगे और बहुमत के करीब नजर आ रही है। मतदान बाद हुए इस चुनावी सर्वे में भाजपा 100 सीटों और कांग्रेस 100 से ज्यादा सीटें लेती हुई दिखाई दे रही है। वही हर बार की तरह इस बार भी राज्य की पार्टी जनता दल सेकुलर कम सीटों के बावजूद गठजोड़ की राजनीति में बड़ी भूमिका में नजर आ सकती है। कर्नाटक में 2018 के विधानसभा चुनाव में 72.36 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस वक्त भी कि...
त्रिपुरा में भाजपा की वापसी के आसार

त्रिपुरा में भाजपा की वापसी के आसार

अवर्गीकृत
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी देश की बांग्लादेश सीमा से सटे पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में 16 फरवरी को विधानसभा चुनाव है। इसमें एक ओर जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पुन: सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है तो दूसरी ओर राज्य में वाम मोर्चा-कांग्रेस गठजोड़ के साथ ही त्रिपुरा के पूर्व महाराज के उत्तराधिकारी प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मन के नेतृत्व वाली आदिवासी पार्टी टिपरा मोथा भी तीसरे पक्ष के तौर पर चुनाव मैदान में है। सबके अपने-अपने जीत के दावे हैं, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने यहां पिछले पांच सालों में कार्य किया है, उसे देखते हुए उसका पुख्ता दावा यह है कि वह फिर एक बार राज्य में सत्ता की वापसी करने वाली है। त्रिपुरा में आप अन्य पार्टियों के साथ भाजपा के मुकाबले का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कांग्रेस और सीपीएम ताकतें हमेशा एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी रही हैं लेकिन इस बार वे एक ...